ADVERTISEMENTREMOVE AD

जुनैद-नासिर की पैर-रीढ़ की हड्डी तोड़कर थाने ले गए थे-पूर्व सरपंच का दावा

Junaid Nasir Murder Case: घाटा शमशाबाद के पूर्व सरपंच ने बताया कि उनके पास पुलिस स्टेशन से कॉल आई थी.

Published
Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

पिछले दिनों हरियाणा (Haryana) के भिवानी में बोलेरो में दो युवकों की जली लाश मिली थी. इन दोनों लाशों के बारे में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ये किसकी है लेकिन दोनो लाशें भरतपुर के जुनैद और नासिर नाम के युवकों की मानी जा रही हैं. इन दोनों युवकों का भरतपुर से अपहरण हो गया था. घटना होने के बाद से ही जुनैद और नासिर के घर पर मातम छाया हुआ है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

नासिर की बहन सारदा ने द क्विंट से बात करते हुए देश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि क्या इस देश में कानून व्यवस्था नहीं है? क्या भीड़ आकर किसी को मार सकती है? कोई उन्हें जिंदा कैसे जला सकता है?

जुनैद की बीवी साजिदा ने उसे फोन किया. वह द क्विंट को बताती हैं कि उनका फोन बार-बार स्विच ऑफ आ रहा था. उनका फोन कभी बंद नहीं रहता, इसलिए मैं थोड़ा परेशान हो गई थी.

पूर्व सरपंच की पुलिस को कॉल

जुनैद और नासिर के गायब होने के बाद आस-पास के लोग उनकी तलाश करने लगे. तलाश करने निकले सभी लोगों ने तुरंत सभी रिश्तेदारों, आस-पास के गांवों के स्थानीय लोगों को फोन करना शुरू कर दिया.

इन लोगों में एक दीनू नामक शख्स भी हैं, जो पास के गांव घाटा शमशाबाद के सरपंच रह चुके हैं. द क्विंट से बात करते हुए दीनू कहते हैं कि खबर सुनते ही मैंने तुरंत कई पुलिस स्टेशनों में फोन लगाना शुरू कर दिया.

दीनू बताते हैं कि थोड़ी देर बाद उनको फिरोजपुर झिरका पुलिस स्टेशन से फोन आया. यह जगह वहां से कुछ किलोमीटर दूर है, लेकिन हरियाणा में पड़ती है. दीनू ने द क्विंट को बताया कि पुलिस अधिकारी ने मुझे बताया कि सुबह-सुबह बजरंग दल के लोग अपने साथ दो लोगों को लेकर आए थे.

पुलिस अफसर ने मुझसे कहा कि बजरंग दल वाले दो लोगों को लेकर आए थे. दो में से एक की रीढ़ की हड्डी टूटी हुई थी, दूसरे का पैर टूट गया था. हमने उनको लेने से इनकार कर दिया और कहा कि इन्हें हॉस्पिटल ले जाओ. बजरंग दल के लोग चाहते थे कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करे.
दीनू, पूर्व सरपंच

दीनू बतातें हैं कि इसके बाद हम इलाके के सभी स्थानीय अस्पतालों में गए, लेकिन जुनैद और नासिर का कहीं पता नहीं चल सका.

द क्विंट की टीम फिरोजपुर झिरका पुलिस थाने गई, जिसका जिक्र दीनू ने किया था, लेकिन पुलिसवालों ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया.

Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×