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तवे से दागा- दांत तोड़े, मेड पर जुल्म ढाने वाली BJP नेता की पोल बेटे ने ही खोला

सीमा पात्रा नाम के Facebook पेज के मुताबिक वो BJP की 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की प्रदेश कन्विनर हैं.

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रांची में एक आदिवासी लड़की सुनीता खाखा को गर्म तवे से दागा गया, उसके दांत तोड़ दिए गए. ठीक ठाक चलने वाली लड़की अब घिसट कर चल रही है. ये सब एक दिन में नहीं हुआ, बल्कि पूरे 8 साल तक प्रताड़ना के दौरान हुआ है. यही नहीं, घिसट कर चलने की स्थिति में पहुंचाने के बाद उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया. इस दौरान जब वह पेशाब कर देती थी, तो उसे उसके मुंह से ही साफ करवाया जाता था.

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बीजेपी ने आरोपी सीमा पात्रा को पार्टी से सस्पेंड किया 

ये सब करने का आरोप पूर्व IAS महेश्वर पात्रा की पत्नी और बीजेपी नेता सीमा पात्रा पर है. बीते सोमवार यानी 22 अगस्त को सुनीता खाखा को सीमा पात्रा के आवास से रेस्क्यू कराया गया. बाद में उसके हालात को देखते हुए रिम्स में एडमिट कराय गया है. फिलहाल, उसका इलाज चल रहा है और उसकी सुरक्षा में दो पुलिसकर्मी लगाए गए हैं.

इधर, मामले में FIR दर्ज होने के बाद बीजेपी ने सीमा पात्रा को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है. वह पार्टी में कार्यसमिति की सदस्य थी.

सीमा पात्रा नाम से फेसबुक पेज पर मौजूद जानकारी के मुताबिक स्टेट कन्विनर 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' बीजेपी लिखा है. हालांकि, अभी तक उनकी गिरप्तारी नहीं हुई है.

बेटे ने ही मां सीमा पात्रा की करतूत का खुलासा किया

FIR दर्ज कराने वाले विवेक आनंद बास्के ने क्विंट को बताया कि मैंने और सीमा पात्रा के बेटे आयुष्मान पात्रा ने BIT मेसरा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई साथ में की है. इस वजह से उनके घर मेरा आना जाना लगा रहता था. रेस्क्यू से कुछ दिन पहले आयुष्मान ने मुझे फोन किया और कहा कि इस घर में कुछ ठीक नहीं चल रहा है. ये लोग उसे और सुनीता को मार देंगे. बचा लो.

 बेटे ने मां पर चिल्लाते हुए कहा- आप कैसी महिला हैं, सुनीता को विकलांग बना दिया

इसके अगले दिन सीमा पात्रा का फोन आया और उन्होंने कहा कि आयुष्मान की दिमागी हालात ठीक नहीं है और उसे मनोचिकित्सालय में एडमिट कराना होगा, साथ चलो. जब मैं उन दोनों के साथ गया तो वहां आयुष्मान ने सबके सामने अपनी मां पर चिल्लाते हुए कहा कि आप कैसी महिला हैं, सुनीता को विकलांग बना दिया. उसके बावजूद उसके मुंह से उसका पेशाब साफ करवाया. हमको इस हालात में पहुंचा दिया.

क्विंट को मिली फोटो के मुताबिक सीमा पात्रा अपने स्वस्थ बेटे को हथकड़ी लगवा कर हॉस्पिटल में एडमिट कराने पहुंची थी. हालांकि, बाद में उसे निकाल दिया गया. बीते 29 अगस्त को उसे हॉस्पिटल से वापस घर भी ले जाया गया.
ये सब सुनने के बाद मैंने सीमा पात्रा के घर काम करने वालों से इसके बारे में तहकीकात की. सबने कहा कि अगर सुनीता खाखा कुछ दिन और रही तो वो मर जाएगी. इसके बाद मैंने 21 अगस्त को पूरे मामले की जानकारी रांची के डीसी को दी. उन्होंने एसएसपी से बात कर एक टीम गठित की और फिर सुनीता को वहां से निकाला गया.
विवेक

"बेटी ने प्रताड़ना की शुरुआत की- मां ने भी वैसा ही किया" 

विवेक ये भी बताते हैं कि इन सब में सीमा की बेटी वत्सला भी बराबर की भागीदार है. क्योंकि, सुनीता इससे पहले दिल्ली में उसके घर काम करती थी. प्रताड़ना का दौर वहीं से शुरू हुआ है. वत्सला फिलहाल नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन के रामगढ़ केंद्र में कार्यरत हैं.

क्या FIR दर्ज होने के बाद सीमा पात्रा के तरफ से कोई धकमी दी गई. इस पर विवेक कहते हैं कि FIR दर्ज होने और सुनीता के रेस्क्यू होने के एक दिन बाद सुबह मेरे घर पर सीमा पात्रा के पति आए. उनके साथ उनकी बेटी वत्सला भी थीं. मैंने वत्सला को अपने कमरे में आने से मना कर दिया, केवल बात की. उन्होंने रिक्वेस्ट किया कि उनकी पत्नी को जेल जाने से बचा लें. लेकिन, मेरे मना करने के बाद उन्होंने ये जरूर कहा कि प्लीज सेव सुनीता.

रांची से 150 किलोमीटर दूर गुमला की रहने वाली सुनीता पढ़ी लिखी है. बीते सोमवार की रात जब पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता बंधू तिर्की अपनी बेटी और वर्तमान में विधायक शिल्पी नेहा तिर्की के साथ सुनीता से मिलने पहुंचे, तो वह दोनों को पहचान गई.
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सीमा पात्रा की गिरफ्तारी अभी तक क्यों नहीं?

रांची के SSP किशोर कौशल ने क्विंट को बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, बहुत जल्द गिरफ्तारी भी होगी.

इस पूरे मसले पर जब सीमा पात्रा से उनके तीन मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की तो बात नहीं हो पाई. इसके साथ ही उनकी बेटी वत्सला से भी संपर्क करने की कोशिश की गई. हालांकि, दोनों से ही बात नहीं हो पाई. संपर्क होते ही खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.

खेमों में कैसे बंटी संवेदनाएं?

फिलहाल, प्रदेश में लड़कियों के साथ हिंसा के मामले में राजनीतिक रंग पकड़ा हुआ है. दुमका की छात्रा की मौत के मामले में जहां बीजेपी सरकार पर आक्रामक रही, वहीं सुनीता खाखा के मामले में सत्ता पक्ष बीजेपी पर आक्रामक हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने जहां छात्रा के मामले में 30 अगस्त शाम 6 बजे तक 28 ट्वीट किए. वहीं, सुनीता खाखा मामले में एक भी ट्वीट नहीं किया है.

सांसद निशिकांत दुबे ने छात्रा के मामले में कुल 19 ट्वीट और रि-ट्वीट किए हैं, वहीं सुनीता खाखा मामले में एक भी ट्वीट नहीं. यहां तक कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने छात्रा के लिए क्राउड फंडिग की जानकारी भी अपने ट्विटर के माध्यम से दी है. उसके मुताबिक लगभग 20 लाख रुपए जुटाए गए हैं.

सीएम हेमंत सोरेन ने छात्रा मामले में चार ट्वीट किए हैं. वहीं, खाखा के मामले में एक भी नहीं. उनके मंत्री चंपई सोरेन ने जरूर इसको लेकर एक ट्वीट किया है. उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार या पुलिस बेटियों के मामले में कभी भेदभाव नहीं करती. सुनीता खाखा मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने ट्वीट किया है कि इस मामले में भी झारखंड पुलिस कार्रवाई कर रही है. लेकिन अफसोस होता है कि कुछ लोग तभी मामले उठाते हैं जब उसका राजनीतिक इस्तेमाल हो सके. अपने सरकारों, कार्यकर्ताओं में घटी घटनाएं दिखाई नहीं देती.

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