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‘टीचर ने इतना पीटा की बच्चा मर गया, अब छोटे भाई-बहन स्कूल जाने से डरते हैं’

UP: 12 साल के प्रिंस की स्कूल में कथित तौर पर टीचर की पिटाई से मौत हो गयी, आरोपी टीचर गिरफ्तार

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“प्रिंस के छोटे भाई-बहन अब स्कूल जाने से डरते हैं. वो कहते हैं कि भैया को जैसे मार दिया, कहीं वो हमें न मार दे”- क्विंट से यह बात 38 साल के देवदत्त ने कही. उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के एक गांव में रहने वाले देवदत्त के 12 वर्षीय बेटे प्रिंस की कथित तौर पर प्राइवेट स्कूल के टीचर की बेरहम पीटाई के बाद मौत हो गई थी.

यह घटना 7 अक्टूबर को ग्रेटर नोएडा के बंबावर गांव में हुई थी. प्रिंस के माता-पिता दिल्ली के लोक नायक हॉस्पिटल में उसके भर्ती होने से पहले इलाज के लिए दिल्ली और ग्रेटर नोएडा के चार हॉस्पिटल में भटके थे. अपने बेटे के लिए हॉस्पिटल बेड खोजने में परिवार को आठ घंटे लग गए. अगली सुबह प्रिंस की मौत हो गई.

शोबरन नाम के आरोपी टीचर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और आरोपी टीचर अब पुलिस की गिरफ्त में है.

बंबावर गांव में शोक, भय और क्रोध का माहौल है. 12 अक्टूबर को जब क्विंट उस स्कूल - कैप्टन सांवरिया पब्लिक स्कूल- में पहुंचा तो वह बंद पड़ा था, प्रिंसिपल और कर्मचारी नहीं थे. प्रिंस के पिता देवदत्त ने रोते हुए कहा कि “हमने कुछ महीने पहले ही उसका इस प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराया था… फिर यह हुआ. अब हमने अपने बाकी के दो बच्चों को स्कूल से निकाल लिया है"

7 अक्टूबर को क्या हुआ था?

मृतक बच्चे प्रिंस की मां मीनाक्षी ने क्विंट को बताया कि अपने छोटे भाई-बहन अनुष्का (9 साल) और मुकुल (11 साल) के साथ प्रिंस भी उस दिन सुबह 7.05 बजे स्कूल के लिए निकला था. प्रिंस की मां मीनाक्षी ने अपने आंसूओं से जूझते हुए कहा कि "मुझे याद नहीं है कि मैंने उससे आखिरी बार क्या बात की थी. कोई नहीं सोचता कि उनका बच्चा स्कूल जाएगा और वापस नहीं लौटेगा”.

''मेरे तीनों बच्चे एक ही बेड पर सोते थे. इन दोनों को प्रिंस की इतनी आदत है कि अब वो समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या हुआ है....कुछ दिन पहले प्रिंस ने मुझसे कहा था कि वो दिवाली पर घर सजाना चाहता है. वो बहुत खुश था क्योंकि उसे रोशनी पसंद है.''
प्रिंस की मां मीनाक्षी

देवदत्त और मीनाक्षी दोनों दिहाड़ी मजदूर हैं.

घटना के दिन दोपहर करीब 12.50 बजे पिता देवदत्त को प्रिंस के स्कूल से फोन आया था. "मेरे बेटे की पिटाई करने वाले शिक्षक ने कहा कि प्रिंस को चक्कर आ रहे हैं, उलटी हो रही है. मैंने जाकर देखा तो उसकी हालत बहुत खराब थी. लेकिन उस समय, मुझे इसका अंदाजा नहीं था कि टीचर ने उसे इतना मारा-पीटा है."

इसके बाद परिवार की प्रिंस के लिए हॉस्पिटल में बेड खोजने की जद्दोजहद शुरू हुई. प्रिंस के पिता ने आरोप लगाया कि स्थानीय हॉस्पिटल ने कहा कि वे इस मामले को नहीं संभाल सकते और उन्होंने प्रिंस को भर्ती नहीं किया. आठ घंटे में चार अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद प्रिंस को आखिर दिल्ली के लोक नायक हॉस्पिटल में बेड मिला, जहां उसकी मौत हो गई.

प्रिंस के चाचा प्रेम सिंह चौहान ने क्विंट को बताया कि लोक नायक हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बताया कि प्रिंस को ब्रेन हैमरेज हुआ है.

डीसीपी (सेंट्रल नोएडा) रामबदन सिंह ने कहा कि प्रिंस की मां मीनाक्षी ने 9 अक्टूबर को पुलिस को इस बात की सूचना दी थी. उन्होंने कहा कि "उन्होंने (मीनाक्षी) पुलिस को बताया कि उनका बेटा, जो बंबावर के कैप्टन सांवरिया पब्लिक स्कूल में पढ़ता था, पांचवीं क्लास में था और 7 अक्टूबर को उसके टीचर शोबरन ने उसकी पिटाई की थी. बाद में उसे इलाज के लिए दादरी ले जाया गया और फिर लोक नायक हॉस्पिटल ले जाया गया"

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आरोपित टीचर परिवार के साथ हॉस्पिटल पहुंचा था, फिर भाग गया

घंटों तक प्रिंस के पिता देवदत्त और चाचा चौहान यही सोचते रहे कि प्रिंस के शरीर पर इतनी गहरी चोट कैसे आई. चाचा चौहान के कहा "लोक नायक हॉस्पिटल में, हमने टीचर से पूछा कि क्या किसी ने प्रिंस को मारा है. वह मना करता रहा और फिर आखिरकार जब डॉक्टरों ने जोर देकर कहा कि यह असंभव है कि उसे किसी ने पीटा न हो... उसने कबूल किया."

चाचा ने आरोप लगाया कि पहले तो टीचर ने "प्रिंस को दो बार डंडे से मारने" का दावा किया, लेकिन जब डॉक्टर ने कहा कि चोट बहुत गंभीर थे, तो "टीचर ने आखिरकार प्रिंस को कम से कम 11 बार डंडे से पीटना स्वीकार किया."

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