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Gabon coup: एक और अफ्रीकी देश में तख्तापलट, राष्ट्रपति की नजरबंदी पर जनता खुश क्यों?

Gabon के राष्ट्रपति अली बोंगो की पहचान अफ्रीका के सबसे भ्रष्ट नेताओं में से एक के तौर पर होती है.

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अफ्रीका (Africa) के एक और देश गैबॉन में तख्तापलट (Gabon coup) हो गया. एक और इसलिए क्योंकि इससे पहले नाइजर, सूडान, बुर्किना फासो, चड और माली में भी तख्तापलट हो चुका है. बुधवार, 30 अगस्त को यहां के सैन्य अधिकारियों ने ऐलान करते हुए बताया कि उन्होंने जनता की तरफ से सत्ता को अपने हाथ में ले लिया है. वर्तमान सरकार को खत्म किया जा रहा है.

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तख्तापलट होने पर गैबॉन के लोगों ने जश्न क्यों मनाया?

सैन्य अधिकारियों ने यहां के राष्ट्रपति अली बोंगो को भी नजरबंद कर लिया. इसके थोड़ी देर बाद राष्ट्रपति अली बोंगो ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने साथ हो रही सारी गतिविधियों की जानकारी दी.

अली बोंगो ने इस वीडियो में अपने दोस्तों से अपील करते हुए कहा, " मैं अपने सभी दोस्तों से कहना चाहता हूं कि वे मेरे साथ हुए बर्ताव की जानकारी दुनिया को दें. यहां मौजूद लोगों ने मुझे और मेरे परिवार को गिरफ्तार कर लिया है. मुझे नहीं मालूम है कि अभी देश में क्या हो रहा है?"

इस घटनाक्रम के बाद गैबॉन में रह रहे लोगों की प्रतिक्रिया काफी हैरान करने वाली थी. सेना ने जैसे ही यहां तख्तापलट का ऐलान किया,उसके तुरंत बाद गैबॉन की राजधानी लिब्रेविल में लोगों की भीड़ सड़कों पर उतर आई. लोग देश में हुए तख्तापलट का जश्न मनाने लगे. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में लोगों को सड़कों पर गुजरते सेना के वाहनों के आगे जश्न मनाते हुए देखा गया.

गैबॉन में तख्तापलट क्यों हुआ?

दरअसल यह सब इसलिए हुआ क्योंकि यहां के लोग राष्ट्रपति अली बोंगो के व्यवहार से बिल्कुल नाखुश थें. अली बोंगो की पहचान अफ्रीका के सबसे भ्रष्ट नेताओं के तौर पर होती है. जुलाई 2022 में राष्ट्रपति के पांच भाई-बहनों को फ्रांसीसी जांच में सरकारी खजाने में गबन और काले धन को सफेद बनाने का दोषी पाया गया था. अली बोंगो की फिजूलखर्ची का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक बार अली बोंगो ने क्रिसमस मनाने के लिए नकली बर्फ मंगवाई, ताकि उनका परिवार बर्फ के बीच क्रिसमस मना सके.

कुछ दिनों पहले ही यहां चुनाव हुए थे जिसके परिणामों की घोषणा में राष्ट्रपति बोंगो को जीतते हुए दिखाया गया था. उनकी जीत के बाद विपक्ष ने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किया और उनपर धोखाधड़ी का आरोप लगाया. इससे पहले की वह शपथ ले पाते, सेना ने उनका तख्तापलट ही कर दिया.

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किसी देश में तख्तापलट कब होता है?

किसी भी देश में तख्तापलट तब होता है जब किसी देश की सेना उसके सुप्रीम लीडर पर भारी पड़ जाती है. जैसे कि पाकिस्तान और म्यांमार में. या फिर जब विपक्ष सत्ता पक्ष से ज्यादा मजबूत हो तब भी तख्तापलट की स्थिति बन जाती है.

वर्ल्ड बैंक के अनुसार,आमतौर पर सेना तख्तापलट वहीं होता है, जहां मानव विकास सूचकांक (HDI) काफी कम होता है. यानी जहां लोग गरीबी, भुखमरी, महंगाई, अराजकता जैसी चीजें झेल रहे हों.

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