बिहार (Bihar) के कटिहार (Katihar) जिले के बारसोई (Barsoi) में बिजली की समस्या को लेकर प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग में दो लोगों की मौत के मामले में नया मोड़ आया है. कटिहार के जिलाधिकारी रवि प्रकाश और पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने शुक्रवार, 28 जुलाई को दावा किया है कि पूरी वारदात एक सोची समझी साजिश थी, मृतकों की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई बल्कि इलाके में अशांति पैदा करने के लिए किसी और ने इस घटना को अंजाम दिया. प्रशासन ने अपने दावे की पुष्टि के लिए एक CCTV फुटेज भी जारी किया है.
दोनों अधिकारियों ने शुक्रवार को घटनास्थल की जांच की, उसके बाद पत्रकारों को बताया कि शव मिलने वाले स्थल और जहां पुलिस खड़ी थी, उसमें इतनी दूरी और बीच में ऐसी रुकावटें थीं कि यह संभव नहीं है कि पुलिस की गोली मृतकों को लगी हो.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि बारसोई अनुमंडल में बुधवार सुबह पांच बजे से 11 बजे तक मेंटेनेंस कार्य के लिए बिजली आपूर्ति बाधित थी. इसके बाद बिजली विभाग के रवैये से गुस्साए लोग दोपहर पौने तीन बजे के आस-पास प्रखंड मुख्यालय का घेराव करने पहुंचे और प्राणपुर के बस्तौल चौक और बारसोई प्रखंड मुख्यालय का मुख्य मार्ग जाम कर प्रदर्शन किया.
मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई और मौके पर पहुंची पुलिस और आक्रोशित लोगों में झड़प हो गयी. इसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग गोली की. इस भगदड़ में दो युवकों की मौत का मामला सामने आया था. जहां गोली मारने के आरोप पुलिस पर लग रहे थे वहीं पुलिस का दावा था कि हालात को काबू में करने के लिए उसने सिर्फ हवाई फायरिंग की थी.
इसके बाद शुक्रवार को घटनास्थल की जांच करने के बाद अधिकारियों ने दावा करते हुए सीसीटीवी के फुटेज का हवाला देते हुए कहा कि एक असामाजिक तत्वों ने भीड़ में घुसकर सोनू और नियाज को गोली मारी है.
पुलिस की तरफ से एक CCTV फुटेज जारी किया गया है. और दावा किया गया है कि उस लड़के के सोनू और नियाज के पास पहुंचते ही वहां भगदड़ मच जाती है, वह लड़का भी भागता दिख रहा है.
अधिकारियों ने केस दर्ज किए जाने के सवाल पर सिर्फ इतना कहा कि FIR दर्ज की गई है.
कटिहार जिला अधिकारी रवि प्रकाश ने कहा कि बारसोई में हुई घटना की जांच के लिए मैं और कटिहार के एसपी मौके पर गए थे, जांच और CCTV फुटेज में नए तथ्य सामने आए हैं.
"पूरी प्लानिंग से माहौल खराब करने की कोशिश"
कटिहार एसपी जितेंद्र कुमार ने कहा कि
हमने अनुमंडल कार्यालय के CCTV कैमरे की पड़ताल की, हम वहां पर गए जहां बॉडी मिली थी. जहां पर बॉडी थी और जहां पुलिसकर्मी मौजूद थे, उस दूरी से असंभव है कि पुलिस की गोली से युवक को गोली लग जाए.
उन्होंने आगे कहा कि सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर से देखा जा सकता है कि एक लड़का आता है और दो लोगों को गोली मार देता है और वहां से निकल जाता है. कुछ असामाजिक तत्व भीड़ का फायदा उठाकर पूरे बारसोई का माहौल खराब करने की कोशिश पूरी प्लानिंग के साथ किए हैं.
"घटनास्थल से काफी दूर थी पुलिस"
डीएम रवि प्रकाश ने कहा कि पुलिस के द्वारा जो कार्रवाई की गई थी, वो विद्युत कार्यालय के परिसर में की गई थी लेकिन जो मौत की घटना है वो काफी दूर है और बीच में लंबी ट्री लाइन है. इस तरह हवाई फायरिंग या किसी भी तरह से ये संभव नहीं है कि पुलिस की गोली से ये मौत हुई है.
"चैनलों पर दिखा वीडियो फर्जी"
एसपी जितेंद्र कुमार ने कहा कि जो वीडियो कुछ चैनलों पर दिखाया गया है, वो पूरी तरह से फर्जी है. बिना जांच किए उसको नहीं चलाएं. जिन लोगों ने भीड़ को हिंसक बनाया, उनपर नामजद FIR हुआ है. इस पर जांच चलेगी और जितने भी एंटी-सोशल एलिमेंट हैं, उनकी गिरफ्तारी होगी.