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बिहार जाति सर्वे: BJP बोली- 'आधी अधूरी रिपोर्ट', नीतीश ने कहा सभी का विकास होगा

बिहार सरकार ने सोमवार, 2 अक्टूबर को जातीय आधारित गणना की रिपोर्ट जारी कर दी.

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बिहार (Bihar) सरकार ने काफी विवाद के बाद आखिरकार 2 अक्टूबर को जाति सर्वेक्षण की रिपोर्ट को जारी कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में ईबीसी और पिछड़ वर्ग की आबादी मिलाकर 63% है वहीं स्वर्ण 15.52% हैं. दूसरी तरफ कुल आबादी में हिंदू आबादी 81.99% और मुस्लिम 17.70% है. जबकि कोई धर्म नहीं मानने वालों की संख्या 2146 है.

एक तरफ बीजेपी ने कहा है कि आर्थिक आधार पर भी गणना की जानी चाहिए थी, उधर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि, जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास और उत्थान के लिए कार्रवाई की जाएगी."

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि, "जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी और 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी.

उन्होंने आगे कहा कि, इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है. जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास और उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी."

बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि, "हम इस रिपोर्ट का अध्ययन कर बयान जारी करेंगे. ये तय हुआ था कि आर्थिक और सामाजिक तौर पर किसका उत्थान हुआ है किसका नहीं इसको भी जारी करना चाहिए."

उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि, "मैं नीतीश कुमार को बार-बार कह रहा था कि रिपोर्ट जल्द जारी करें. यह आधी-अधूरी रिपोर्ट है, अभी बीजेपी पूरी रिपोर्ट देखेगी, जांच करेगी और फिर अपना विस्तृत बयान देगी... यह आधा-अधूरा है, जो आर्थिक, सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग हैं, उसका तो रिपोर्ट ही नहीं है. अभी सिर्फ जातियों की गणना नीतीश कुमार ने बताई है लेकिन किस तकनीक से यह किया गया उसकी रिपोर्ट हम लेंगे... लालू जी की आदत जातीय उन्माद फैलाने की रही है. बीजेपी शुरू से जातीय सर्वेक्षण की समर्थक रही है."

ये है सामाजिक न्याय का गणतीय आधार. जातिगत जनगणना 85-15 के संघर्ष का नहीं बल्कि सहयोग का नया रास्ता खोलेगी और जो लोग प्रभुत्वकामी नहीं हैं बल्कि सबके हक के हिमायती हैं, वो इसका समर्थन भी करते हैं और स्वागत भी. जो सच में अधिकार दिलवाना चाहते हैं वो जातिगत जनगणना करवाते हैं. बीजेपी सरकार राजनीति छोड़े और देशव्यापी जातिगत जनगणना करवाए. जब लोगों को ये मालूम पड़ता है कि वो गिनती में कितने हैं तब उनके बीच एक आत्मविश्वास भी जागता है और सामाजिक नाइंसाफी के खिलाफ एक सामाजिक चेतना भी, जिससे उनकी एकता बढ़ती है और वो एकजुट होकर अपनी तरक्की के रास्ते में आनेवाली बाधाओं को भी दूर करते हैं.
अखिलेश यादव, एसपी नेता

आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि, "ये आंकड़े वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक्की के लिए समग्र योजना बनाने और हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नजीर पेश करेंगे. सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो. हमारा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो. केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी, तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवाएंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी बीजेपी को सत्ता से बेदखल करेंगे."

बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि, "कम समय में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े एकत्रित और उन्हें प्रकाशित कर बिहार आज फिर एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना. दशकों के संघर्ष ने एक मील का पत्थर हासिल किया. इस सर्वेक्षण ने ना सिर्फ वर्षों से लंबित जातिगत आंकड़े प्रदान किए हैं बल्कि उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति का भी ठोस संदर्भ दिया है. अब सरकार त्वरित गति से वंचित वर्गों के समग्र विकास एवं हिस्सेदारी को इन आंकड़ों के आलोक में सुनिश्चित करेगी.

उन्होंने आगे कहा कि, "इतिहास गवाह है बीजेपी नेतृत्व ने विभिन्न माध्यमों से कितनी तरह इसमें रूकावट डालने की कोशिश की. बिहार ने देश के समक्ष एक नजीर पेश की है और एक लंबी लकीर खींच दी है सामाजिक और आर्थिक न्याय की मंज़िलों के लिए. आज बिहार में हुआ है कल पूरे देश में करवाने की आवाज उठेगी और वो कल बहुत दूर नहीं है. बिहार ने फिर देश को दिशा दिखाई है और आगे भी दिखाता रहेगा."

JDU प्रवक्ता नीतीश कुमार जो कहते हैं वो करते हैं, "जाति सर्वेक्षण करवाने का कहा था वो कर दिया और रिपोर्ट भी जारी कर दी. बीजेपी के कुछ उन्मादी लोगों ने बाधा डाली लेकिन इसके बावजूद बिहार ने नजीर कायम किया है. देश में नजीर कायम किया तो दिल्ली की हुकुमत जो धर्मांधता फैलाती है, लोगों को के अधिकार, आरक्षण के संवैधानिक अधिकार पर जो हमला कर रहे हैं. देश बिहार के मॉडल को अपनाए."

राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि, "आज गांधी जयंती है और ये ऐतिहासिक दिन है. इस ऐतिहासिक दिन पर सामाजिक न्याय की धारा को एक नया बल मिला है, 85% लोग हाशिए के समूह है. देश की नीतियां और नीयत इससे तय होगी."
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