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पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित हो फुटपाथ, बुजुर्गों ने छेड़ी मुहिम

ये बुजुर्ग जोड़ी बेंगलुरु के फुटपाथों को टू-व्हीलर से दिलाना चाहते हैं छुटकारा

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वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम
रिपोर्टर: अरुण देव

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“मैं उषा श्रीकांतन हूं, बेंगलुरु में बानाशंकरी थर्ड स्टेज में रहती हूं. मैंने शंकरी अपार्टमेंट के सुब्रमण्यम के साथ मिलकर ‘Don’t ride on the footpath’ (‘फुटपाथ पर गाड़ी न चलाएं’) कैंपेन शुरु किया. ये कैंपेन इसलिए शुरु किया क्योंकि हमने हमारे बच्चों और हमारे इलाके के बुजुर्गों से काफी कड़वे अनुभव सुने हैं. फुटपाथ पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित नहीं रह गए हैं क्योंकि बाइकर्स उसपर अपनी बाइक दौड़ाते हैं.”

हर दिन, ये जोड़ी कुछ लोगों को साथ लेकर बाइकर्स को फुटपाथ पर बाइक चलाने से रोकती है. लेकिन ये चाहते हैं कि फुटपाथ पर पैदल यात्रियों को परेशानी से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.

हमने, सुब्रमण्यम और मैंने सोचा कि सबसे अच्छी चीज होगी कि हम प्रशासन पर निर्भर न रहें क्योंकि मैंने किसी को कोई पहल करते हुए नहीं देखा. हमने सोचा सबसे अच्छी बात है, फुटपाथ पर खुद खड़े होना और फुटपाथ पर आने से उन्हें(बाइकर्स) रोकना.
उषा श्रीकांतन

उषा और सुब्रमण्यम, दोनों की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. बड़ी तादाद में लोगों ने इनकी पहल को सराहा.

परिवहन विभाग, बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक 2018 में, पुलिस ने बाइकर्स पर लगाम लगाने के लिए 26,324 मामले दर्ज किए लेकिन इससे भी हालात नहीं बदले.

उषा का कहना है, हम इसका समाधान चाहते हैं और हर दिन यहां खड़े रहना नहीं चाहते. हम काफी परेशान हैं. हम चाहते हैं, पुलिस या निगम कुछ कार्रवाई करे और मुझे उम्मीद है कि इन दोपहिया वाहन (सवार) को एहसास होगा कि फुटपाथ हमारे लिए (पैदल यात्री) है और सड़क उनके लिए है.

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