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बहराइच हिंसा: 2 आरोपियों का एनकाउंटर, पैर में गोली लगी, बहन बोली- पुलिस ले गई थी, हत्या का डर..

13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान 22 वर्षीय गोपाल मिश्रा की हत्या हुई थी, जिसके बाद बहराइच में हिंसा भड़क उठी.

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UP Bahraich Communal Clashes: उत्तर प्रदेश के बहराइच में सांप्रदायिक हिंसा में 22 साल के रामगोपाल मिश्रा की मौत के 4 दिनों बाद हत्या के 2 आरोपियों का पुलिस ने एनकाउंटर किया है. जिसमें दोनों आरोपी के पांव में गोली लगी है. इसके साथ ही 3 और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

बहराइच की पुलिस अधीक्षक (एसपी) वृंदा शुक्ला ने द क्विंट को बताया, "गोपाल मिश्रा की हत्या में कथित संलिप्तता के लिए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. उनमें से दो, सरफराज और तालिब, नानपारा पुलिस स्टेशन क्षेत्र से भागने की कोशिश कर रहे थे. जिसके बाद पुलिस के साथ मुठभेड़ के दौरान उन दोनों के पैर में गोली लग गई."

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बता दें कि ये दोनों मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के बेटे हैं. अब्दुल हमीद के घर के सामने ही भीड़ जमा थी और वहीं छत पर ही रामगोपाल मिश्रा हरे रंग के झंडे को हटाने के लिए चढ़ा था. इसी दौरान रामगोपाल को गोली का छर्रा लगा था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी. फिर देखते-देखते बरहाइच में हिंसा भड़क उठी थी.

आरोपियों के परिवार के बयान उठा रहे पुलिस के एनकाउंटर पर सवाल

वहीं एनकाउंटर की खबर से पहले आरोपियों की बहन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें वो पुलिस के दावों पर सवाल उठा रही हैं. रुखसार, मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की बेटी वीडियो में कहती दिख रही हैं कि STF ने एक दिन पहले ही उनके पिता, भाई और कुछ लोगों को अपने साथ लेकर गई थी. साथ ही रुखसार ने कहा,

रविवार को जो दंगा हुआ है, उसमें जिस आदमी की मौत हुई है उसका इलजाम मेरे पिता और भाईयों पर आया है. मेरे पिता का नाम अब्दुल हमीद, भाई का नाम सरफराज अहमद और मोहम्मद फहीम है. दंगे के बाद 14 तारीख को एसटीएफ की टीम मेरे घर पहुंची. मेरे घर की तलाशी ली गई. वहां कुछ नहीं मिला तो मेरे पति ओसामा और उनके भाई शाहिद को लेकर चले गए. इसके बाद से उन लोगों का कुछ नहीं पता चल रहा है. 16 तारीख को गांव से मुझे खबर मिली कि धर्मकांटा के पास से मेरे पापा और भाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन उनका कुछ पता नहीं है. किसी थाने में भी वो नहीं हैं, न कोई कप्तान कुछ बता रहे हैं. मुझे डर है कि उनका फर्जी एनकाउंटर दिखाकर उनकी हत्या कर दी जाएगी.

अब पुलिस ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया है कि बहराइच में 13 अक्तूबर को महराजगंज में एक युवक की गोली मारकर हत्या करने के केस में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिनके नाम हैं- मोहम्मद फहीम, मोहम्मद तालिब , मोहम्मद सरफराज, अब्दुल हमीद, मोहम्मद अफजल.

पुलिस के मुताबिक, पहले दो आरोपियों की निशानदेही पर मर्डर में इस्तेमाल हुए हथियार की बरामदगी के लिए जब पुलिस टीम पहुंची तो इन दोनों के द्वारा वहां रखे हथियारों से पुलिस पर फायरिंग की गई. जवाबी फायरिंग में दोनों को गोली लगी है. साथ ही मर्डर में उपयोग किया गया हथियार बरामद हो गया है.

डाक्टर ने क्या बताया?

वहीं मेडिकल करने वाले CHC के डॉक्टर ने बताया कि दोनों की स्थिति सामान्य है. सीबी राम, नानपारा CHC के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सीबी राम ने बताया कि एक के दाएं और एक बाएं पैर में लगी है. गोली पांव के अंदर ही है जिस वजह से उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है.

विपक्ष ने उठाए सवाल

पुलिस एनकाउंटर पर यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने सवाल उठाया है, उन्होंने कहा कि ये सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है. अपनी कमियां छिपाने के लिए फर्जी एनकाउंटर और हत्याएं हो रहीं हैं. ये आगे भी ऐसे ही करते रहेंगे. 

बता दें कि 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान 22 वर्षीय गोपाल मिश्रा की हत्या हुई थी, जिसके बाद बहराइच में हिंसा भड़क उठी.

द इंडियन एक्सप्रेस ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से बताया कि विवाद कथित तौर पर तब शुरू हुआ जब कुछ मुसलमानों ने जुलूस में बजाए जा रहे संगीत पर आपत्ति जताई. सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए गए एक वीडियो में कथित तौर पर मिश्रा को जुलूस के दौरान एक घर की छत पर चढ़कर हरा झंडा हटाते हुए और उसकी जगह भगवा झंडा लगाते हुए दिखाया गया है. साथ ही उस घर की दीवार भी टूट जाती है. इस दौरान लोगों की भीड़ हगामा करती दिखती है.

घटना के बाद दर्ज 11 अलग-अलग मामलों में अब तक 55 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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