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बदायूं गैंगरेप-मर्डर केस: पुलिस की गिरफ्त में आया मुख्य आरोपी महंत

घटना के मुख्य आरोपी महंत की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार तलाशी कर रही थीं.

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वीडियो एडिटर/प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह

उत्तर प्रदेश के बदायूं में महिला के साथ गैंगरेप और हत्या (Badaun Gangrape-Murder) की घटना के मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. महंत को गुरुवार देर रात गांव में ही एक घर से से गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने महंत पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा था.

बदायूं में उघैती के एक गांव में आंगनबाड़ी सहायिका की गैंगरेप के बाद अमानवीय तरीके से हत्या कर दी गई थी. घटना के मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार तलाशी कर रही थीं.

गुरुवार देर रात महंत सत्यनाराण को ग्रामीणों ने मेवली गांव में एक घर में छुपा देखकर पुलिस को सूचना दी. जब तक पुलिस पहुंची ग्रामीणों ने बाबा को दबोच लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. उसकी गिरफ्तारी की जानकारी मिलने पर आईजी राजेश पांडेय समेत एसएसपी संकल्प शर्मा, डीएम कुमार प्रशांत थाने पहुंच गए.

क्या है मामला?

3 जनवरी की शाम 50 साल की आंगनबाड़ी सहायिका मंदिर में पूजा करने गई थी. इस दौरान मंदिर में मौजूद महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम और ड्राइवर जसपाल ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. इसके बाद इसी रात आरोपी अपनी गाड़ी से आंगनबाड़ी सहायिका के खून से लथपथ शव उसके घर फेंक कर फरार हो गए.

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मामले में एक और जांच

जिला प्रशासन ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट लीक करने की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिए हैं. बदायूं डीएम ने यह जांच एडीएम को सौंपी है. उनसे नौ जनवरी तक जांच रिपोर्ट मांगी गई है. बता दें कि पोस्टमॉर्टम से ही महिला के साथ हुई दरिंदगी का खुलासा हुआ था.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि महिला के प्राइवेट पार्ट में गंभीर जख्म थे और उसकी एक टांग भी टूटी हुई थी.

पुलिस ने इस मामले में गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज किया था और तीन लोगों को नामजद किया है. पुलिस की ओर से इस मामले में एक्शन के लिए चार टीमें बनाई गई थीं. केस के दो आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

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पुलिस पर लगा था लापरवाही का आरोप

पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप था. ये भी आरोप लगाया गया था कि पुलिस ने 4 जनवरी को महिला के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया, घटना के करीब 48 घंटे बाद 5 जनवरी को पोस्टमार्टम हुआ. इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में उघैती के थाना प्रभारी राघवेंद्र को सस्पेंड कर दिया गया था.

सोशल मीडिया पर मामला सामने आने और विपक्ष के सवालों के बाद, यूपी सरकार हरकत में आई थी. सीएम योगी की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं कि यूपी एसटीएफ इस मामले की जांच करेगी. साथ ही कहा गया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी मामले पर संज्ञान लिया था, जिसके बाद आयोग की दो सदस्यीय टीम गुरुवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची थी.

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