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कौन था अतीक का बेटा असद? उमेशपाल केस में पहली बार FIR, पढ़ाई से एनकाउंटर की कहानी

Atiq Ahmed son Asad Encounter: उमेश पाल हत्याकांड में फरार असद और शूटर गुलाम एनकाउंटर में ढेर

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Atiq Ahmed’s son Asad killed in Encounter: उमेश पाल हत्याकांड में फरार चल रहे गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार, 13 अप्रैल को झांसी में एनकाउंटर में मार गिराया. उनके साथ-साथ शूटर गुलाम की एनकाउंटर में मारा गया है. असद और गुलाम दोनों के सिर पर पांच लाख रुपये का इनाम था. उमेश पाल पर हमले के दौरान असद अहमद सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था और तभी से फरार था.

एडीजी यूपी एसटीएफ अमिताभ यश ने जानकारी दी है कि दोनों के पास विदेश में बने हथियार थे. एक के पास से रिवॉल्वर और दूसरे के पास से पिस्टल मिली. झांसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र में लोकेशन मिली थी. इन्हें पकड़ने के लिए जो टीम थी उसमें 12 लोग थे. 

आरोप था कि उमेशपाल शूटआउट की अगुवाई खुद 21 वर्षीय असद अहमद कर रहा था. दरअसल इस पूरे शूटआउट का सीसीटीवी फुटेज आने के बाद पुलिस ने जांच कर असद और बाकी शूटरों को पहचान कर ली थी, जहां शूटआउट में शामिल दो अभियुक्तों की मुठभेड़ में मौत हो पहले ही हो चुकी थी, यूपी STF ने असद और शूटर गुलाम मोहम्मद को 13 अप्रैल को एनकाउंटर में मार गिराया. आइए बताते हैं कि असद अहमद अपराध की दुनिया में कैसे आया.

उमेश पाल हत्याकांड से पहले कोई मुकदमा दर्ज नहीं

असद की पढ़ाई राजधानी लखनऊ के एक प्रतिष्ठित स्कूल से हुई है.

असद का परिवार अपराध की दुनिया में शामिल है. असद अतीक का तीसरा बेटा था. उसके दो बड़े भाई और दो छोटे भाई हैं.
  • मोहम्मद उमर

  • मोहम्मद अली

  • मोहम्मद असद

  • मोहम्मद अहजम

  • मोहम्मद आबाम

मामले से जुड़े जानकार बताते हैं कि अपने दो बड़े भाइयों के जेल जाने के बाद प्रयागराज में अपने पिता द्वारा स्थापित वर्चस्व की कमान असद ने संभाली थी.

शायद इसी संदेश को वह प्रयागराज शूटआउट के माध्यम से अपने विरोधियों को देना चाहता था, कहा जा रहा है इसलिए ही असद ने शूटआउट के दौरान चेहरे को छुपाने की कोशिश नहीं की थी.

उमेश पाल हत्याकांड के बाद से असद अंडरग्राउंड था और असद समेत 5 शूटरों की तलाश में पुलिस उत्तर प्रदेश समेत कई पड़ोसी राज्यों में भी दबिश दे रही थी. सूत्रों की माने तो पुलिस और एसटीएफ ने असद के परिजनों को हिरासत में लेकर घंटों पूछताछ की थी. बता दें कि, असद पर उमेश पाल हत्याकांड से पहले कोई मुकदमा दर्ज नहीं था.

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