ADVERTISEMENTREMOVE AD

जानिए आखिर क्यों जरूरी है देश के लिए अच्छा मॉनसून?

अगर मॉनसून सामान्य रहता है तो ये देश की जीडीपी में चौथाई से आधे फीसदी का अतिरिक्त उछाल ला सकता है

story-hero-img
i
Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि इस साल देश में मॉनसून सामान्य रह सकता है. इस अनुमान ने देश भर में खेती-किसानी से जुड़े लोगों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के जानकारों को बड़ी राहत दी है. मौसम विभाग के मुताबिक जून से सितंबर तक के चार महीनों के दौरान मॉनसून की बारिश पूरे देश में 50-साल के औसत (लॉन्ग पीरियड एवरेज या एलीपीए) का 96% तक रह सकती है. हालांकि ये मौसम विभाग का पहला अनुमान है, जिसमें आगे जाकर बदलाव किया जा सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
विभाग ने कहा है कि सामान्य बारिश की संभावना 39% है, जबकि सामान्य से कम बारिश की संभावना 32% है. बेहद कम बारिश की संभावना 17% है, जबकि सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना 10% और बहुत ज्यादा बारिश की संभावना केवल 2% है

मौसम विभाग, मॉनसून का जो अनुमान जारी करता है, वो देश में पिछले 50 सालों में हुई बारिश के औसत के आधार पर निकाला जाता है. अगर औसत के 96 % से 104 % तक बारिश हो तो इसे सामान्य माना जाता है. 104 % से 110 % तक बारिश हो तो इसे सामान्य से अधिक और 90 से 96% तक बारिश हुई तो इसे सामान्य से कम माना जाता है. अगर बारिश औसत के 90% से भी कम हो तो इसे सूखे की श्रेणी में रखा जाता है.

सामान्य मॉनसून क्यों है देश के लिए अच्छी खबर

देश की कुल कृषि योग्य भूमि का करीब 50 फीसदी सिंचाई के लिए मॉनसून की बारिश पर ही निर्भर है, और अगर अच्छी बारिश ना हो तो कृषि उत्पादन में गिरावट की आशंका बढ़ जाती है. इसका बुरा असर केवल खेती-किसानी से जुड़े लोगों पर ही नहीं, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है. क्योंकि देश की करीब 58 % आबादी खेती पर ही निर्भर है.

सामान्य मॉनसून से खरीफ सीजन में फसलों की पैदावार अच्छी होगी और ग्रामीण इलाके में लोगों की आमदनी बढ़ेगी. अगर मॉनसून की वजह से पैदावार अच्छी हुई तो महंगाई दर को नियंत्रण में रखा जा सकेगा, और इसका फायदा पूरी अर्थव्यवस्था को मिलेगा.

पिछले साल यानी 2018 में मॉनसून कमजोर रहा था और पूरे देश में हुई बारिश औसत से करीब 9% कम रही थी. इसका नतीजा ये निकला था कि महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई हिस्से सूखे रह गए थे.

मौसम विभाग ने पिछले साल पहले एलपीए के 97% के बराबर बारिश की भविष्यवाणी की थी, जिसे बाद में घटाकर 95% कर दिया गया था. लेकिन 2018 में कुल बारिश एलपीए की 91% ही दर्ज की गई, यानी सामान्य से कम. दरअसल, पिछले पांच सालों में केवल एक साल ऐसा रहा है, जब मॉनसून सामान्य रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
साल 2014 और 2015 तो देश के लिए सूखे वाले रहे, और 2018 में देश किसी तरह सूखे से बच पाया. देश में खरीफ की फसलें जैसे धान, गन्ना, दलहन और तिलहन की बुआई जून में मॉनसून के आने के साथ ही शुरू होती है. इन फसलों की देश के खाद्यान्न उत्पादन में करीब-करीब 50 फीसदी हिस्सेदारी है, और कमजोर मॉनसून का मतलब है उत्पादन में कमी. पिछले पांच सालों में केवल 2 ऐसे साल रहे हैं, जब खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

साफ है कि जिस साल यानी 2016 में मॉनसून सामान्य रहा, उस साल खाद्यान्न उत्पादन में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली, लेकिन उसके पहले के दो सालों में इसमें गिरावट दर्ज की गई, और पिछले वित्त वर्ष के खाद्यान्न उत्पादन में भी गिरावट का ही अनुमान लगाया जा रहा है. उत्पादन में गिरावट का सीधा असर ग्रामीण इलाकों में आमदनी पर पड़ता है, जिसके बाद खपत और इकोनॉमिक ग्रोथ कम हो जाती है.

कमजोर मॉनसून केवल खपत पर ही असर नहीं डालता, बल्कि कई बार सरकारों को जरूरी खाद्यान्न के इंपोर्ट और किसानों की कर्ज माफी जैसे फैसले भी लेने पड़ते हैं, जिसका बुरा असर वित्तीय स्थिति पर दिखता है. वैसे जीडीपी में खेती की हिस्सेदारी कम होती गई है (17-18%), जिस वजह से जीडीपी आंकड़ों पर वैसा असर नहीं दिखता जैसा खाद्यान्न उत्पादन के आंकड़ों पर दिखता है. फिर भी पिछले 5 सालों में जीडीपी ग्रोथ रेट उसी साल में सर्वाधिक है, जिसमें मॉनसून सामान्य रहा था.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

एक अनुमान के मुताबिक अगर मॉनसून सामान्य रहता है तो ये देश की जीडीपी में चौथाई से आधे फीसदी का अतिरिक्त उछाल ला सकता है. साल 2010 में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि देश का असली वित्त मंत्री मॉनसून है. इसके बाद भी मॉनसून की अहमियत के बारे में कुछ कहने को बचता है क्या?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(ये आर्टिकल धीरज कुमार ने लिखा है. आर्टिकल में छपे विचार उनके अपने हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)

Published: 
Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×