ADVERTISEMENTREMOVE AD

ऑल इज नॉट वेल इन योगी 2.0 सरकार,दिनेश खटीक,जितिन प्रसाद समेत खफा हैं मंत्री चार?

दिनेश खटीक ने इस्तीफा पत्र में अपने दलित होने को लेकर अनदेखी के आरोप लगाए थे.

Updated
Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) में जल शक्ति विभाग के जूनियर मंत्री दिनेश खटीक (Dinesh Khatik Resignation) ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. खटीक ने अधिकारियों पर दलितों के अपमान और जलशक्ति विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर लखनऊ से दिल्ली तक सियासी भूचाल ला दिया था. खटीक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद इस्तीफा वापस लिया. बताया जा रहा है कि सीएम योगी ने उन्हें आश्वसन दिया है कि अधिकारी उनकी सुनेंगे और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच होगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

हमेशा विवादों में रहने वाले हस्तिनापुर के विधायक दिनेश खटीक को योगी 2.0 के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था और उन्हें जल शक्ति मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया था. सूत्रों की माने तो खटीक का मंत्रालय में तैनात अफसरों से नहीं बन रही है जिसका एक कारण है कि कोई भी काम करने से पहले अफसर उन्हें मंत्रालय के सीनियर मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से बात करने के लिए कहते हैं.

योगी मंत्रिमंडल अस्थिर?

मंत्रियों और अफसरों के खटपट से उत्पन्न हो रही असहज स्थिति का सबसे ताजा उदाहरण स्वास्थ्य महकमे में देखने को मिला जब उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का अपने ही मंत्रालय के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन को लिखा हुआ पत्र वायरल हो गया. पाठक ने अपने पत्र में हाल ही में हुए तबादलों पर गंभीर सवाल उठाए.

बाद में इन तबादलों में कई तरीके की अनियमितताएं भी पाई गई. सूत्रों की माने तो अमित मोहन ने इस पत्र के जवाब में उपमुख्यमंत्री पाठक को बताया कि सारे तबादले नियमानुसार किए गए हैं.

हालांकि बात यहां दबी नहीं और मामले ने तूल पकड़ लिया. मामले को तूल पकड़ता देख सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने इन तबादलों पर जांच बिठा दी और अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी को जांच कर रिपोर्ट मांगी है.

समन्वय की कमी के कारण उभरे मतभेद बिजली विभाग में देखने को मिले जहां पर हाल ही में विभाग के प्रमुख सचिव का अतिरिक्त भार संभाल रहे एम देवराज को हटाकर चार्ज अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को दे दिया गया.

सूत्रों की माने तो ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा और एम देवराज के बीच कई बातों को लेकर मतभेद था. यह मतभेद प्रदेश में उत्पन्न हुई बिजली संकट और कोयले के आयात को लेकर धीरे-धीरे गहरा गया, जिसके बाद आलाकमान ने एम देवराज से चार्ज ले लिया और स्थिति को संभालने के लिए अपने खास सिपहसालार अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को पदभार दे दिया.

कुछ ऐसा ही अफसरों और मंत्री के बीच खींचतान लोक निर्माण विभाग में भी है. स्थानांतरण में अनियमितताओं के आरोप पर लोक निर्माण के विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता समेत तीन लोगों को अभी हाल ही में जांच के बाद सस्पेंड किया गया था. सूत्रों की माने तो लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद अपने मंत्रालय के अफसरों से नाखुश हैं. 

जितिन प्रसाद की नाराजगी का दूसरा कारण है उनका एक चहेता अफसर अनिल कुमार पांडे जिनको योगी सरकार ने अभी हाल ही में ओएसडी के पद पर हटाते हुए वापस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजने का आदेश जारी करते हुए उनके खिलाफ विजिलेंस की जांच और विभागीय कार्रवाई की संस्तुति कर दी गई. बताते चलें कि जितिन प्रसाद खुद पांडे को दिल्ली से यूपी लेकर आए थे.

चर्चाओं का बाजार गर्म है लेकिन अभी तक योगी सरकार के किसी भी मंत्री ने मीडिया में आकर अपने "मन की बात" नहीं की है. सरकार ने मंत्रियों को खुश करने के लिए अफसरों पर चाबुक चलाकर स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश की है हालांकि दिनेश खटीक के इस्तीफे की अटकलों के बीच एक बात तो तय है कि ऑल इज नॉट वेल विद योगी 2.0

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इस बीच समाजवादी पार्टी ने भी दिनेश खटीक के इस्तीफे को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा और ट्वीट किया, "बीजेपी सरकार में दलित मंत्री के साथ हो रहा भेदभाव! यूपी सरकार के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने पत्र लिख बयां की अपनी पीड़ा, कहा दलित होने के कारण सीनियर मंत्री, विभाग के अफसर नहीं सुनते बात. यह है बीजेपी का असली चेहरा! जो पिछड़े, दलितों का हमेशा करते अपमान. इस्तीफा दें जलशक्ति मंत्री."

Published: 
Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×