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झांसी: UPSC परीक्षा में 3 बार असफल छात्र की सुसाइड से मौत, घर की चौथी मंजिल से कूदा

उत्तर प्रदेश के झांसी की घटना, पूरी घटना सीसीटीवी में कैद

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(चेतावनी: अगर आपको सुसाइड के विचार आते हैं या आप किसी ऐसे को जानते हैं जिसे ऐसे ख्याल आते हैं , तो कृपया उनके पास पहुंचें और स्थानीय आपातकालीन सेवाओं, हेल्पलाइनों और मानसिक स्वास्थ्य NGO's के इन नंबरों पर कॉल करें)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है. संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा (UPSC) में तीन बार असफलता मिलने से मायूस 26 साल के युवक की सुसाइड से दुखद मौत हो गयी. युवक ने कथित तौर पर शनिवार, 13 जनवरी को खुद को आग के हवाले कर दिया. इसके बाद घर की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी. मौके पर ही युवक की मौत हो गई. पूरी घटना सीसीटीवी में कैद है.

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सुसाइड नोट मिला

मौके पर पहुंची पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है. सुसाइड नोट में लिखा है कि मेरी मौत के पीछे परिवार के सदस्य या फिर कोई दोस्त नहीं है. बल्कि यूपीएससी परीक्षा में लगातार असफलता है.

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया. इकलौते पुत्र की मौत से पूरा परिवार शोक में है.

आरपीएफ इंस्पेक्टर का इकलौता बेटा था मयूर

उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद के सीपरी बाजार में रहने वाले मनोज रजक आरपीएफ में इंस्पेक्टर हैं. उनकी तैनाती फिरोजाबाद में है. उनके दो बच्चे थे, 26 वर्षीय बेटा मयूर रजक और एक बेटी. अब मनोज रजक ने अपने इकलौते बेटे को खो दिया है.

मनोज रजक के बड़े भाई हरिकिशन रिटायर्ड अपर सांख्यिकी अधिकारी हैं. हरिकिशन के अनुसार मयूर UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा था.

मयूर को एक जुनून था कि वह यूपीएससी परीक्षा पास करेगा, लेकिन वह लगातार तीन बार असफल हो गया. इस कारण वह काफी मायूस रहता था. मयूर के माता-पिता ने उसे काफी समझाया कि वह उसे कोई बिजनेस करा देंगे या फिर वह दूसरी नौकरी कर लें, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा था कि वह यूपीएससी की परीक्षा पास करके ही दम लेगा.

उस सुबह क्या हुआ था?

मयूर के ताऊ हरिकिशन के अनुसार रोज की तरह मयूर और उसकी मां ने खाना खाया और दोनों सोने चले गए. तड़के सुबह लगभग ढाई से तीन बजे के बीच पड़ोस में रहने वाला एक सिपाही उनके घर के सामने से गुजरा तो घर के बाहर किसी को आग में जलते देखा. उसने मयूर के घर का दरवाजा खुलवाया और माता जी को जलते युवक को पहचानने को कहा, पता चला कि घर के बाहर आग की लपटों में कोई और नहीं उनका बेटा ही जल रहा है.

दिल को तसल्ली देने के लिए वे आनन-फानन में मयूर के कमरे में पहुंचे तो वहां मयूर नजर नहीं आया. फोन लगाया तो चौथी मंजिल पर बजने की आवाज सुनाई दी. आनन-फानन में मयूर को झुलसी अवस्था में उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम कराया.

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"मेरा विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया जाए"

एसपी सिटी झांसी, ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि छानबीन के दौरान पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मिली है, जिससे पता चला कि मयूर अपनी एक्टिवा गाड़ी से बाल्टी में पेट्रोल निकालकर घर की चौथी मंजिल पर ले गया. जहां उसने आग लगाई और चौथी मंजिल से छलांग लगा दी. पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है. जिसमें उसने लिखा है कि उसके मरने की वजह UPSC की परीक्षा में तीन बार असफल होना है, इसमें किसी परिवार के व्यक्ति या मित्रों का दोष नहीं है. उसने यह भी लिखा है कि मरने के बाद उसका विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया जाए और उसकी अस्थियां स्वच्छ जल में प्रवाहित की जाएं.

"हमेशा डिप्रेशन में रहता था मयूर"

मयूर के ताऊ हरिकिशन ने बताया कि मयूर UPSC की तैयारी करता था परंतु हर बार एक- दो नंबरों से क्वालीफाई नहीं कर पाता था. वह बताता था कि मेरे सभी दोस्तों की नौकरी लग गई है. सब पूछते हैं कि तुम क्या कर रहे हो तब मुझे बहुत शर्म आती है.

आगे हरिकिशन ने बताया कि मयूर हमेशा डिप्रेशन में रहता था. हम उसे समझाते थे कि बहुत सारे पद के फॉर्म निकलते हैं, किसी न किसी में हो जाएगा और नहीं होगा तो कोई दुकान खोल लेना.

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