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मुरादाबाद के हिंदू बाहुल्य कॉलोनी में मुस्लिम डॉक्टर को 4 दिन में ही क्यों बेचना पड़ा घर?

मामला TDI सिटी का है, जहां के लोगों का कहना है कि कॉलोनी में सिर्फ हिंदू और पंजाबी परिवार ही रहते हैं.

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भारत का कोई भी नागरिक देश में कहीं भी घर और जमीन खरीद सकता है. ये हर नागरिक का मौलिक अधिकार है और संविधान इसकी इजाजत देता है.

लेकिन ऐसा है क्या? दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हिंदू व्यक्ति द्वारा मुस्लिम व्यक्ति को मकान बेचने के बाद हंगामा मच गया. मामला शहर की पॉश कॉलोनी TDI सिटी का है. डॉ. अशोक बजाज नाम के शख्स ने अपना मकान डॉक्टर यूसुफ अली और डॉ. इकरा चौधरी को बेचा था, जिसका कॉलोनीवासियों ने विरोध किया.

"यहां पर कुर्बानी बगैरह होगी. यहां पर नमाज पढ़ा जाएगा, जिससे दिक्कत होगी."

"हम दूसरे समुदाय को यहां एंट्री नहीं करने देंगे. इसके लिए हम लोग कुछ भी करने को तैयार हैं."

ये कुछ ऐसे बयान हैं, जो पिछले दिनों सुर्खियों में रहे. लेकिन अब इस मामले में समझौता हो गया है.

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मुस्लिम डॉक्टर किसी हिंदू को बेचेंगे अपना मकान

गुरुवार, 5 दिसंबर को मामला मुरादाबाद नगर विधायक और बीजेपी नेता रितेश गुप्ता के पास पहुंचा. वार्ता के बाद दोनों पक्षों में सहमति बनी कि मुस्लिम डॉक्टर किसी हिंदू खरीदार को मकान बेच देंगे.

अमर उजाला अखबार में छपी खबर के मुताबिक, नगर विधायक रितेश गुप्ता ने बताया कि उनके दफ्तर में डॉ. बजाज और डॉ. यूसुफ की तरफ से लोग आए थे. दोनों पक्षों से बातचीत के बाद सहमति बनी कि डॉ. बजाज के मकान को एक हिंदू खरीदेगा. इस बारे में डॉ. इकरा को कोई एतराज नहीं होगा.

इसके बाद विधायक गुप्ता ने TDI सिटी के मंदिर के पास कॉलोनीवासियों के साथ एक बैठक की और लोगों को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद कॉलोनीवासियों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है.

क्विंट हिंदी से बातचीत में डॉ. बजाज ने सिर्फ इतना कहा कि "हमारा समझौता हो गया है." इसके अलावा उन्होंने मामले में कुछ और बोलने से मना कर दिया.

वहीं क्विंट हिंदी की टीम ने इस मामले में डॉ. यूसुफ अली से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.

इस मामले में जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह ने कहा था कि "सबकी सहमति से समाधान निकालने की कोशिश करेंगे और किसी भी प्रकार का माहौल खराब करने की चीजें इसमें न हो."

चलिए अब आपको बताते हैं कि पूरा विवाद क्या है?

"ये एक हिंदू कॉलोनी है"

TDI सिटी में 300 से ज्यादा घर हैं और 1500 से ज्यादा लोग रहते हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि पूरी कॉलोनी में कोई मुस्लिम परिवार नहीं रहता है. कॉलोनी में सिर्फ हिंदू और पंजाबी परिवार रहते हैं.

डॉ. बजाज की पड़ोसी सोनिया गुप्ता ने कहा, "हमारे बराबर में डॉ. बजाज रहते थे. उन्होंने किसी प्रकार की सूचना दिए बिना अन्य संप्रदाय के लोगों को ये मकान बेच दिया है. आज ये एक के साथ हुआ है, आगे सभी के साथ होगा. ये चीज सबकी जानकारी में होनी चाहिए."

TDI सिटी निवासी एसके बिसारिया बताते हैं कि "विरोध का सबसे बड़ा कारण यह है कि मकान मंदिर के सामने है. जिसकी वजह से सारी समस्याएं खड़ी हो रही हैं कि आगे क्या होगा. लोगों की मांग है कि रजिस्ट्री रद्द होनी चाहिए."

विरोध प्रदर्शन में शामिल अरविंद शर्मा कहते हैं, "यहां एक गैर समुदाय के व्यक्ति ने मकान खरीदा है, जो कि निहायत ही गलत काम है. यहां पर एक ही धर्म के लोग रहते हैं. सब सनातनी हैं. यहां पर कुर्बानी बगैरह होगी. यहां पर नमाज पढ़ा जाएगा, जिससे दिक्कत होगी. शिव मंदिर के ठीक सामने ये मकान है. ऐसे में इसकी रजिस्ट्री को रद्द किया जाए और मकान वापस किया जाए."

हालांकि, डॉ. बजाज के मामा चुन्नी लाल अरोरा कहते हैं, "इसमें कोई विवाद नहीं है. ये कुछ स्वार्थी लोगों के द्वारा ऐसा किया जा रहा है. जिनमें की उनका अपना कुछ स्वार्थ रहा होगा. हम ने किसी से झूठ नहीं बोला है."

इसके साथ ही वे दावा करते हुए कहते हैं,

"हम ने जो मकान बेचा है, उससे लगभग 150 फुट दूर पर मंदिर है. लगभग 15 सालों से दूसरे संप्रदाय के लोग हंसी-खुशी से रह रहे हैं."

कॉलोनी के ही रहने वाले अरविंद अग्रवाल 'जॉनी' कहते हैं, "डॉ. बजाज की दिपांशु नाम के व्यक्ति के साथ घर बेचने को लेकर बातचीत चल रही थी. लेकिन उन्होंने डॉ. यूसुफ को घर बेच दिया. इससे पूरे टीडीआई कॉलोनी में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है."

हालांकि, इन आरोपों को खारिज करते हुए चुन्नीलाल कहते हैं, "कानून किसी को कयास लगाने की इजाजत नहीं देता है. लोग केवल आरोप लगा रहे हैं, जिसमें कोई सच्चाई नहीं है."

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"...कहीं और घर खरीद लें"

अरविंद अग्रवाल बताते हैं कि "तनेजा ग्रुप (TDI इंफ्राटेक लिमिटेड) ने यह कॉलोनी बसाई थी. तनेगा ग्रुप ने कहा था कि हिंदू के अलावा यहां किसी और की रजिस्ट्री नहीं होगी. डॉ. बजाज ने विश्वासघात करते हुए, षड्यंत्र के तहत कॉलोनी के लोगों को परेशान करने की नीयत से घर बेचा है."

इस मामले में क्विंट हिंदी ने TDI इंफ्राटेक लिमिटेड से संपर्क किया है. जवाब आने के बाद कॉपी को अपडेट कर दिया जाएगा.

वे आगे कहते हैं,

"जिसने मकान खरीदा है, हम उसको नया खरीदार दिलवा देंगे. वे ये मकान बेचकर कहीं और घर खरीद लें. हिंदुस्तान बहुत बड़ा है, मुरादाबाद बहुत बड़ा है. कहीं और ले लें. इस कॉलोनी से क्या दरकार है."

सोसाइटी में प्रदर्शन करने वाले लोगों को लेकर चुन्नीलाल कहते हैं, "ईश्वर उन्होंने सद्बुद्धि दे. अगर उन्हें कोई बात लग रही है तो मिलकर, बैठकर बात करने के लिए हम तैयार हैं. इस तरह से नारे लगाने से समस्या हल नहीं होती है."

वे साथ ही कहते हैं, "प्रशासन न्यायसंगत बात कहेगा तो हम वो बात स्वीकार करने के लिए तैयार हैं."

चुन्नी लाल आगे कहते हैं, "अगर कोई दूसरा खरीदार लेकर आते हैं तो हम बेचने के लिए तैयार हैं. जिन्होंने नारे लगाए हैं, उनमें से कोई ले ले. जो पैसे हमने वहां से लिए, वे पैसे आप दे दें और अभी मकान ले लें."

"ये सिर्फ और सिर्फ आरएसएस की सोच"

मामला पुलिस-प्रशासन तक पहुंच गया था. कॉलोनी के लोगों ने सिटी मजिस्ट्रेट, एसपी सिटी के साथ ही स्थानीय विधायक से भी मुलाकात कर समाधान की मांग की थी.

दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने इस मामले में डॉक्टर यूसुफ का समर्थन किया था. समाजवादी पार्टी के पूर्व महानगर अध्यक्ष शाने अली 'शानू' ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा था. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा,

"एक तरफ हमारी भारत सरकार कश्मीर में धारा 370 हटाकर सभी को रहने का अधिकार दे रही है. दूसरा यहां, मुरादाबाद जैसी जगह पर कुछ असमाजिक तत्व मांग कर रहे हैं कि कोई मुसलमान TDI सिटी में मकान नहीं खरीदेगा. हम सिटी मजिस्ट्रेट साहब से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं."

इसके साथ ही वे दावा करते हुए कहते हैं, "TDI सिटी के जो लोग आए थे उनका मस्जिद के पास भी मकान है. उनका पीतल का कारोबार है. जिसमें 90 फीसदी मुस्लिम कारीगर हैं. ऐसे में पहले उन्हें मुसलमानों के साथ अपना कारोबार बंद कर देना चाहिए."

इसके साथ ही वे कहते हैं, "ये सिर्फ और सिर्फ आरएसएस की सोच है, जो समय-समय पर सामने आती है. विरोध करने वाले लोग संविधान का विरोध कर रहे हैं और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए."

इससे पहले सितंबर महीने में यूपी के मुजफ्फरनगर में एक मुस्लिम शख्स द्वारा हिंदू बाहुल्य कॉलोनी में घर खरीदने पर बवाल मच गया था. मामला भरतिया कॉलोनी का था. जहां स्थानीय और कुछ हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन करते हुए चेतावनी दी थी कि कॉलोनी में मुस्लिम परिवार को बसने नहीं दिया जाएगा. जिसके बाद मुस्लिम शख्स को मकान बेचना पड़ा था.

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