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हैदराबाद यूनिवर्सिटी में मारपीट, भूख हड़ताल पर छात्र, SFI और ABVP के क्या आरोप?

हैदराबाद यूनिवर्सिटी में मारपीट की घटना के बाद छात्रसंघ अध्यक्ष और ABVP की ओर से FIR दर्ज करवाई गई है.

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हैदराबाद यूनिवर्सिटी (University of Hyderabad) राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है. SFI और ABVP आमने-सामने है. दरअसल, 17 अप्रैल को रामनवमी के दिन कैंपस के अंदर मारपीट की घटना सामने आई थी. SFI ने ABVP कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाया है. पिछले तीन दिनों से SFI कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं ABVP ने भी SFI पर मारपीट का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करवाई है.

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SFI का क्या आरोप है?

SFI का आरोप है कि 17 अप्रैल की रात को करीब 11 बजे 60 से 80 ABVP कार्यकर्ताओं ने कैंपस के अंदर घुसकर J-हॉस्टल के सामने SFI कार्यकर्ताओं पर हमला किया. SFI नेता और हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष अतीक रहमान ने इस मामले में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने याचिका दी थी, जिसके बाद 18 अप्रैल को FIR दर्ज किया गया.

FIR रिपोर्ट के मुताबिक, "पहले 5 लोगों के समूह ने हॉस्टल के बाहर MA इकोनॉमिक्स फर्स्ट ईयर के छात्र फैसल अहमद पर हमला किया. इस दौरान MA इकोनॉमिक्स फर्स्ट ईयर का छात्र अभिषेक बीच-बचाव करने आया था, जिसके साथ भी मारपीट की गई."

FIR में छात्रसंघ अध्यक्ष ने आरोप लगाया है, "60-80 ABVP कार्यकर्ताओं ने छात्रों को घेर रखा था और उन्हें लगातार पीट रहे थे."

FIR में सिद्धार्थ शुक्ला, श्रीनिथ, अमित, समरजीत, जय जसवाल पर फैसल और अभिषेक को पीटने का आरोप लगाया गया है. वहीं ABVP कार्यकर्ता सुमंथ, आकाश भाटी, बालकृष्ण और संदीप पर भी मारपीट के आरोप लगाए गए हैं.

IPC की धारा 324 (किसी को चोट पहुंचाना), 504 (जानबूझकर शांति भंग करने के इरादे से किसी का अपमान करना), 506 (आपराधिक धमकी), 509 (किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से शब्द, इशारा या कार्य), 448 (अनधिकार गृहप्रवेश), 143 R/w 149 के तहत FIR दर्ज की गई है.

SIF के मुताबिक इस घटना में 5 छात्र गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था. SIF ने महिला छात्राओं से भी मारपीट का आरोप लगाया है.

इस मामले में 19 अप्रैल से SFI कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी है. पहले छात्रों ने धरना-प्रदर्शन किया. लेकिन जब उनकी मांगें नहीं मानी गई तो सोमवार 22 अप्रैल से उन्होंने भूख हड़ताल शुरू किया है.

क्विंट हिंदी से बातचीत में छात्रसंघ अध्यक्ष अतीक रहमान ने कहा,

"इससे पहले भी इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं. उसकी भी हमने शिकायत की थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हमारी मांग है कि पहले और ताजा घटना को एक साथ लेकर एक्शन होना चाहिए. जो लोग कैंपस का माहौल खराब कर रहे हैं, उन्हें सस्पेंड या बाहर निकाला जाना चाहिए. इस घटना में शामिल दो-तीन लोग यहां के छात्र भी नहीं हैं. हम उन्हें भी बाहर निकालने की मांग करते हैं."

छात्र संघ ने इस घटना की निंदा करते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है. "छात्र संघ 23-24 ABVP की हिंसा और उन्हें बचाने में प्रशासन की मिलीभगत की निंदा करता है. हम छात्र समुदाय से ABVP की हिंसक राजनीति को अस्वीकार करने और हैदराबाद यूनिवर्सिटी के शांतिपूर्ण और जीवंत शैक्षणिक माहौल को बनाए रखने की अपील करते हैं."

SFI ने ABVP कैडर पर फैसल को घटना से तीन दिन पहले फोन पर धमकी देने का भी आरोप लगाया है.

ABVP ने SFI पर लगाया मारपीट का आरोप

दूसरी तरफ ABVP ने भी SFI पर मारपीट का आरोप लगाया है. ABVP ने अपने मुख पत्र 'राष्ट्रीय छात्रशक्ति' में कहा, "रामनवमी के दिन हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के ABVP सदस्यों पर SFI गुंडों द्वारा एक क्रूर और पूर्व नियोजित हमला किया गया, जो हिंदू धर्म मानने वालों के प्रति घोर असहिष्णुता दर्शाता है."

आरोप लगाया, "विरोधी विचारधारा के प्रति घृणा से प्रेरित इन गुंडों ने ABVP सदस्यों को निशाना बनाया जो वामपंथी विचारधारा के मुखर आलोचक थे. इस सुनियोजित हमले के परिणामस्वरूप हमारे कार्यकर्ताओं को गंभीर चोटें आईं, जिन पर J-हॉस्टल में धारदार वस्तुओं से बेरहमी से हमला किया गया."

वहीं क्विंट हिंदी ने इस मामले में हैदराबाद यूनिवर्सिटी में ABVP के अध्यक्ष बालकृष्ण से बात की. उन्होंने बताया,

"17 तारीख को रामनवमी के दिन जय जसवाल अपने दोस्त के साथ J हॉस्टल गया था. वहां पर फैसल और अभिषेक ने उनसे रामनवमी कार्यक्रम के बारे में पूछा. जिसपर उन्होंने कहा कि कार्यक्रम अच्छा रहा. इसके बाद उन लोगों ने पूछा कि 'भारत का बच्चा-बच्चा जय श्रीराम बोलेगा' गाना आज बजाया की नहीं. इस जय ने कहा कि आज बजाया है. फिर उन लोगों ने राम के नाम पर आपत्तिजनक टिप्पणी की. जिसका इन लोगों ने विरोध किया तो उन लोगों ने लड़ाई-झगड़ा शुरू कर दिया."

इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि ABVP कार्यकर्ता जय जसवाल पर चाकू और धारदार हथियार से हमला किया गया है. इसके साथ ही महिला कार्यकर्ताओं से भी बदसलूकी हुई है और गालियां दी गई हैं.

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ABVP के अध्यक्ष बालकृष्ण के मुताबिक, इससे पहले 13 अप्रैल को इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट के फेयरवेल के दौरान 'भारत का बच्चा-बच्चा जय श्रीराम बोलेगा' गाने को लेकर विवाद हो गया था. उस दिन भी लड़ाई-झगड़ा हुआ था. दोनों ओर से शिकायत दी गई थी. हालांकि, बाद में दोनों पक्षों की तरफ से समझौता हो गया था.

वहीं, छात्रसंघ अध्यक्ष अतीक ने इन आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि "17 को हॉस्टल के पास झगड़ा हुआ है. जबकि रामनवमी वहां से एक किलोमीटर दूर दिन में मनाई गई थी. दोनों घटनाओं का कोई संबंध नहीं है. ABVP बेवजह इसे सांप्रदायिक रंग देने में जुटी है क्योंकि SFI के जिस कार्यकर्ता के साथ मारपीट हुई है वो मुस्लिम है."

वहीं ABVP के अध्यक्ष ने कहा, "मेरे पास वीडियो है, मैं जब स्थिति को काबू में करने की कोशिश कर रहा था तो मेरा कॉलर पकड़कर मेरे चेहरे पर घूंसा मारा गया. उन लोगों को पॉलिटिकल माइलेज चाहिए, इसलिए वो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं."

इस मामले में ABVP की ओर से भी FIR दर्ज करवाया गया है. IPC की धारा 295A (पूर्व नियोजित और दुर्भावनापूर्ण इरादे से धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान), 324 (खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (जानबूझकर शांति भंग करने के इरादे से किसी का अपमान करना), 506 (आपराधिक धमकी), 509 (किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से शब्द, इशारा या कार्य) और 143 R/w 149 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

इस पूरे विवाद को लेकर क्विंट हिंदी ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से भी उनका पक्ष जानने की कोशिश की है. फिलहाल उनकी तरफ से जवाब का इंतजार है. प्रतिक्रिया आने पर कॉपी अपडेट कर दी जाएगी.

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