Union Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार, 1 फरवरी को लगातार आठवीं बार बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने कहा, हमारी अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. 10 साल में हमने बहुमुखी विकास किया है.
वित्त मंत्री ने मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दिया है. उन्होंने ऐलान किया कि अब 12 लाख तक की सालाना कमाई करने वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा.
वित्त मंत्री ने कहा, "विकसित भारत में गरीबी का उन्मूलन, 100 प्रतिशत गुणवत्तापूर्ण अच्छी स्कूली शिक्षा, उच्च गुणवत्ता वाली किफायती और व्यापक स्वास्थ्य देखभाल, सार्थक रोजगार के साथ 100 प्रतिशत कुशल श्रमिक, आर्थिक गतिविधियों में 70 प्रतिशत महिलाएं और किसान शामिल हैं, जो देश को विश्व में अग्रणी बनाते हैं."
उन्होंने आगे कहा कि इस बजट में हमारा फोकस- हमारा फोकस- गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति पर है.
चलिए आपको बताते हैं कि केंद्रीय बजट 2025 की बड़ी बातें:
केंद्रीय बजट 2025 की बड़ी बातें
टैक्स और टैरिफ
वित्त मंत्री सीतारमण ने ऐलान किया कि अब 12 लाख तक की सालाना कमाई करने वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा.
आयकर रिटर्न को अपडेट करने की समय सीमा 2 वर्ष से बढ़ाकर 4 वर्ष कर दी गई है.
बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा, सरकार ने 7 टैरिफ रेट को हटाने का फैसला किया है. इसके बाद 8 टैरिफ रेट ही रह जाएंगे. सोशल वेलफेयर सरचार्ज हटाने का प्रस्ताव दिया गया है.
किराये पर वार्षिक टीडीएस सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी जाएगी, जिससे टीडीएस के अधीन लेनदेन की संख्या कम हो जाएगी.
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान नए इनकम टैक्स बिल का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि इस बिल को अगले हफ्ते पेश किया जाएगा.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए TDS की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख कर दी गई है.
पुराने राष्ट्रीय बचत योजना (एनएसएस) खाते वाले वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों को 29 अगस्त, 2024 के बाद एनएसएस से की गई निकासी पर कर से छूट दी जाएगी.
किसान
किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख होगी.
प्रधानमंत्री धन धन्य कृषि योजना शुरू की जाएगी, जिससे राज्यों के साथ साझेदारी में ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए 100 जिलों में सिंचाई को मजबूत किया जाएगा और अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों ऋण तक पहुंच में सुधार होगा.
दालों में आत्मनिर्भरता के लिए 6 साल का मिशन शुरू किया जाएगा, जिसमें अरहर, मसूर और उड़द दाल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए 5-वर्षीय मिशन के साथ-साथ उच्च उपज वाले बीजों पर एक राष्ट्रीय मिशन भी शुरू किया जाएगा.
बिहार में मखाना बोर्ड बनेगा, इससे छोटे किसानों और व्यापारियों को फायदा.
बिहार में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फूड टेक्नॉलजी और मैनेजमेंट बनेगा. खाद्य प्रसंस्करण की ट्रेनिंगी भी जाएगी
MSMEs
MSME के लिए लोन गारंटी कवर 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़, 1.5 लाख करोड़ तक का कर्ज मिलेगा.
स्टार्टअप के लिए लोन 10 करोड़ से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए किया जाएगा. गारंटी फीस में भी कमी होगी.
छोटे उद्योगों को विशेष क्रेडिट कार्ड, पहले साल 10 लाख कार्ड जारी होंगे.
एक नई योजना के तहत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के पांच लाख नए उद्यमियों के लिए 2 करोड़ रुपये तक के ऋण की पेशकश की जाएगी.
सरकार एमएसएमई के लिए एमएसएमई निवेश और टर्नओवर सीमा को क्रमशः 2.5 गुना और 2 गुना बढ़ाएगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि जूता-चप्पन (फुटवियर) और चमड़ा क्षेत्र के लिए एक केंद्रित योजना शुरू की जाएगी जबकि भारत को वैश्विक खिलौना विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
शिक्षा
सरकार पांच आईआईटी में अतिरिक्त बुनियादी ढांचा का निर्माण करेगी और बिहार की राजधानी पटना स्थित आईआईटी का विस्तार करेगी.
देश में 2014 के बाद शुरू हुए 5 आईआईटी में 6500 से अधिक सीटें बढ़ाई जाएंगी.
AI एजुकेशन के लिए 500 करोड़ का वित्त पोषण किया जाएगा. AI एक्सिलेंस सेंटर बनाए जाएंगे.
मेडिकल एजुकेशन में अगले 5 साल में 75 हजार सीटें बढ़ाने का ऐलान.
स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जाएंगी.
एक नई केन्द्र वित्तपोषित योजना के तहत राज्य सरकारों और कम्पनियों के सहयोग से पांच वर्षों में 20 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा.
सरकार 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप मुहैया करवाएगी, जिसमें 5,000 रुपये का स्टाइपेंड और 6,000 रुपये की एकमुश्त सहायता शामिल होगी, जिसे कंपनियों के सीएसआर फंड से सहायता मिलेगी.
छात्रों को उनकी मूल भाषाओं में विषय सीखने में मदद करने के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना लागू की जाएगी.
सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी.
कौशल विकास के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र वैश्विक विशेषज्ञता और साझेदारी के साथ स्थापित किए जाएंगे.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है:
विकास में तेजी लाना
सुरक्षित समावेशी विकास
निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देना
घरेलू भावनाओं को ऊपर उठाना
भारत के उभरते मध्यम वर्ग की खर्च करने की शक्ति को बढ़ाना.