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राहुल को कल सजा हुई-आज संसद सदस्यता खत्म, लोकसभा सचिवालय ने पत्र में क्या लिखा?

Rahul Gandhi disqualified: सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी.

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'मोदी सरनेम' मानहानि मामले (Modi Surname Defamation Case) में सजा के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को एक और बड़ा झटका लगा है. लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को रद्द कर दिया है. दरअसल, सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे.

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यह लड़ाई हर कीमत पर जारी रहेगी- कांग्रेस

इस मामले में कांग्रेस की ओर से बयान भी बयान आ गया है. कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा गया, "राहुल गांधी जी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई. वह आपके और इस देश के लिए लगातार सड़क से संसद तक लड़ रहे हैं, लोकतंत्र को बचाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं. हर षड्यंत्र के बावजूद वह यह लड़ाई हर कीमत पर जारी रखेंगे और इस मामले में न्यायसंगत कार्यवाही करेंगे."

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि,

"बीजेपी ने उन्हें अयोग्य ठहराने के सभी तरीके आजमाए. जो सच बोल रहे हैं उन्हें वो रखना नहीं चाहते, लेकिन हम सच बोलते रहेंगे. हम जेपीसी की मांग जारी रखेंगे, जरूरत पड़ी तो लोकतंत्र को बचाने के लिए जेल जाएंगे."

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि "हम इस लड़ाई को कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से लड़ेंगे. हम भयभीत या चुप नहीं रहेंगे."

क्या है मामला?

राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था. राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने कहा था, "कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?" उनके इस बयान के बाद बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी.

राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया. कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी. कुछ देर बाद उसी कोर्ट ने उन्हें 30 दिन के लिए जमानत भी दे दी. राहुल गांधी के वकील बाबू मांगूकिया ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने राहुल गांधी को IPC की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया था. साथ ही उन्हें जमानत दे दी और 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित कर दिया, ताकि उन्हें हाई कोर्ट में अपील करने का मौका मिल सके. लेकिन उससे पहले ही उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी है.

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