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AK 47, हथियार लेकर काबुल जेल से निकल गए सैकड़ों कैदी, ग्राउंड रिपोर्ट

काबुल की सेंट्रल जेल में बंद कैदियों को रिहा किया गया

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अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद स्थानीय प्रशासन के द्वारा काबुल सेंट्रल जेल में बंद कैदियों को रिहा कर दिया गया. काबुल की सेंट्रल जेल से सैकड़ों कैदियों के भागते नजर आए.

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अफगानिस्तान से सिटिजन जर्नलिस्ट वालिद अरमान काबुल सेंट्रल जेल से अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में कहते हैं कि उस दिन जब तालिबान ने हर जगह कब्जा कर लिया तो यहां की फोर्स ने जेल के कैदियों को रिहा कर दिया और उसके बाद सारे कैदी बाहर निकल कर भाग गए.

उन्होंने बताया कि जेल में कैद बंदियों ने जाते वक्त अपने साथ जेल के एके-47 जैसे असलहों को भी अपने साथ ले लिया और भाग गए. इसके बाद यहां के लोग घरों से बाहर निकले और इससे पहले कि तालिबान यहां पहुंचे, वो लोग यहां पर रखे असलहों को लेकर गए.

वालिद अरमान ने बताया कि सभी लोग पहुत परेशान हैं, ज्यादातर लोग रो रहे हैं, जैसा कि पहले दिन मैं भी रोया. यहां के लोग बहुत घबरा रहे हैं कि आगे क्या होगा. कैसे सब कुछ सही होगा और हम काम कैसे करेंगे.

तालिबान ने बोला है कि आप लोग तीन दिन तक सब्र करें. हमारी फोर्स आते ही हम फैसला लेंगे कि हमें क्या करना है और क्या नहीं करना.

वालिद ने जेल की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि अफगानिस्तान पर अब तालिबान की हुकूमत है और जेलों पर भी उनका राज हो चुका है. जेल की सेक्योरिटी तालिबान के हाथों में है.
यहां के लोग बहुत डरे हुए हैं, काम पर नहीं जा रहे हैं. यहां तक कि तालिबान ने ये बोला है कि आप लोग अपनी जॉब पर वापस आओ, अपना काम फिर से शुरू करो. लेकिन लोग अभी बाहर निकलने से बच रहे हैं.
वालिद अरमान, सिटिजन जर्नलिस्ट
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'आगे का जीवन है अनिश्चित'

वालिद अरमान ने बताया कि सभी लोग पहुत परेशान हैं, ज्यादातर लोग रो रहे हैं, जैसा कि पहले दिन मैं भी रोया. यहां के लोग बहुत घबरा रहे हैं कि आगे क्या होगा. कैसे सब कुछ सही होगा और हम काम कैसे करेंगे.

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तालिबान ने बोला है कि आप लोग तीन दिन तक सब्र करें. हमारी फोर्स आते ही हम फैसला लेंगे कि हमें क्या करना है और क्या नहीं करना.

(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है, जिसे क्विंट पेश करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)

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