ADVERTISEMENTREMOVE AD

"BJP किस मुंह से इसे लोकतंत्र का मंदिर कहती है": फारूख-थरूर समेत 49 MP सस्पेंड

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान अब तक कुल 141 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है.

Published
Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

संसद (Parliament) के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही में बाधा डालने को लेकर विपक्ष के 49 लोकसभा सांसदों को मंगलवार (19 दिसंबर) को सदन से निलंबित कर दिया गया. इससे पहले सोमवार को भी 78 विपक्षी सदस्यों को संसद से निलंबित किया गया था, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य शामिल हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

141 सांसद निलंबित

आंकड़ों पर गौर करें तो 18 दिसंबर को राज्य सभा के 45 और लोक सभा के 33 सांसदों सहित कुल 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. इससे पहले पिछले सप्ताह 14 दिसंबर को लोकसभा के 13 और राज्य सभा के एक सांसद को भी निलंबित किया गया था. जबकि मंगलवार को 49 सांसद निलंबित कर दिये गये. यानी दोनों सदनों में अब तक कुल मिलाकर 141 सांसद निलंबित हो चुके हैं.

किन सासंदों को किया गया निलंबित?

सुप्रिया सुले (NCP), फारूख अब्दुल्ला (JKNC), शशि थरूर (INC), कार्ति चिदंबरम (INC), मनीष तिवारी (INC), डिंपल यादव (SP), सुदीप बंदोपाध्याय (TMC),  राजीव रंजन सिंह और दानिश अली (स्वतंत्र) को समेत कुल 49 सदस्यों को निलंबित किया गया है.

क्यों किया गया निलंबित?

इंडिया ब्लॉक के सांसद 13 दिसंबर को संसद में सुरक्षा उल्लंघन मामले पर गृह मंत्री अमित शाह से सदन में बयान देने की मांग कर रहे थे.

लोकसभा में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "सदन के अंदर तख्तियां नहीं लाने का निर्णय लिया गया. हाल के चुनाव हारने के बाद हताशा के कारण वे ऐसे कदम उठा रहे हैं. यही कारण है कि हम एक प्रस्ताव (सांसदों को निलंबित करने का) ला रहे हैं."

इसके बाद लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सुप्रिया सुले, मनीष तिवारी, शशि थरूर, मोहम्मद फैसल, कार्ति चिदंबरम, सुदीप बंधोपाध्याय, डिंपल यादव और दानिश अली सहित अन्य विपक्षी सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा.

किसने क्या कहा?

विपक्षी सांसदों के निलंबन पर NCP सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, "जो हो रहा है देश में वह बहुत गलत हो रहा है. हम सिर्फ सुरक्षा में चूक पर चर्चा चाहते हैं. सिर्फ हमारे सांसदों के लिए नहीं, बीजेपी के सांसद, मीडिया सबके लिए हम चर्चा चाहते हैं लेकिन सरकार चर्चा से भाग रही है."

जिस तरीके संसद सदस्यों को निलंबित किया जा रहा है, उससे यह लगता नहीं है कि उनके दिमाग में विपक्ष का कोई औचित्य है. जो लोग कह रहे हैं कि INDIA ब्लॉक में दम नहीं रहा वे मूर्खों के स्वर्ग में रह रहे हैं.
रामगोपाल यादव, सांसद, समाजवादी पार्टी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, " PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह देशभर में दौरे कर रहे हैं लेकिन सदन में नहीं आ रहे. ये सदन की गरिमा का अपमान है. बहुत सारे सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा अध्यक्ष ने निलंबित किया है, देश के इतिहास में पहली बार इतने सांसदों को निलंबित किया गया है. लोगों को डराकर लोकतंत्र खत्म करना चाहते हैं."

यह स्पष्ट है कि वे विपक्ष-मुक्त लोकसभा चाहते हैं और वे राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही करेंगे. आज, अपने सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, मैं भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ लेकिन जो भी उपस्थित थे उन्हें शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है, जिसका अर्थ है कि वे बिना किसी चर्चा के अपने विधेयकों को पारित करना चाहते हैं. मुझे लगता है कि यह संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है.
शशि थरूर, सांसद, कांग्रेस

समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा, "आज लगभग 40 से ज्यादा सांसद निलंबित हुए हैं. कल भी लोकसभा और राज्यसभा में मिलाकर 80 से ज्यादा सांसद निलंबित हुए. यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. जो वातावरण हम देख रहे हैं, जहां हम संसद में अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं वह सरकार की पूरी विफलता को दर्शाता है."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "यह संसद के अंदर अराजकता के अलावा और कुछ नहीं है. उन्हें हमारे देश की संसदीय प्रणाली पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है. इसलिए संसद में अराजकता, अराजकता और अराजकता के अलावा कुछ नहीं है."

पुलिस किसके हाथ में है? वह गृह मंत्रालय के अधीन है. क्या हो जाता अगर वे (केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह) संसद में आकर 5 मिनट बयान दे देते और कह देते कि हम कार्रवाई कर रहे हैं.
फारुख अब्दुल्ला, अध्यक्ष, नेशनल कॉन्फ्रेंस

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "यह सरकार सही बात सुनना नहीं चाहती है. बीजेपी से यह पूछना चाहिए कि वे लोकतंत्र का मंदिर बोलते हैं. हम सब अपने भाषणों में लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं. ये किस मुंह से इसे लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं, जब ये विपक्ष को बाहर कर रहे हैं. अगर ये दूसरी बार सरकार में आ गए तो यहां बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान नहीं बचेगा."

संसद को पूरी तरह अवैध कर दिया गया है. यह सबसे कठोर कानूनों को पारित करने की रूपरेखा तैयार करना है, जो इस देश को एक पुलिस राज्य में बदल देगा
मनीष तिवारी, सांसद. कांग्रेस

बीएसपी सांसद श्याम सिंह यादव ने कहा, "भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में कभी भी इतने सारे सांसदों को संसद से निलंबित होते नहीं देखा गया. इससे पता चलता है कि सत्ताधारी दल बहुत अहंकारी हो गया है. वे सत्ता के लालच में इतने चूर हैं कि उन्होंने अपनी सारी इंद्रियां खो दी हैं."

Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×