"मेरी परसों (6 मई) रात 9 बजे बात हुई थी. बोल रहे थे कि रात को 12 बजे फोन करूंगा. मैंने सारी रात उनका इंतजार किया. अभी तक उनका कोई फोन नहीं आया . जब से मैं उनके फोन का इंतजार ही कर रही हूं."
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शहीद हुए हरियाणा के रहने वाले लांस नायक दिनेश कुमार की पत्नी सीमा को आज भी उनके कॉल का इंतजार है. पति से हुई आखिरी बातचीत को याद कर वो रो पड़ती हैं. वे कहती हैं, "कल सुबह 9 बजे फोन आया था. उन्होंने बताया कि दिनेश की गर्दन में चोट आई है और उनका ऑपरेशन हो रहा है."
बुधवार, 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में 5वीं फील्ड रेजिमेंट के लांस नायक दिनेश कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए थे. अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. वे 2014 में सेना में भर्ती हुए थे.
पलवल जिले के गुलाबद गांव निवासी शहीद दिनेश कुमार अपने पीछे प्रेगनेंट पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं. बड़ी बेटी 8 साल की है और बेटा चार साल का है.
"हमारा बेटा देश के लिए कुर्बान हुआ है"
शहीद दिनेश कुमार के पिता दया चंद कहते हैं, "हमारा बेटा देश के लिए कुर्बान हुआ है. उसने बहादुरी का काम किया है. अब आगे सरकार का काम है."
"मेरे दो और बेटे भी फौज में हैं. मैं यही कहूंगा कि चाहें मेरे ये दोनों बेटे भी चले जाएं, मैं भी देश के लिए कुर्बान हो जाऊंगा. मैं अपने हिंदुस्तान को नीचे नहीं देख सकता."
वे बताते हैं उन्हें बुधवार, शाम 4 बजे दिनेश की शहादत की खबर मिली थी. "प्रमोद ने और आर्टिलरी में उसके साथ के एक लड़के ने मुझे फोन कर बताया था. सीओ साहब ने फोन कर बताया कि अब दिनेश इस दुनिया में नहीं रहा", वे आगे कहते हैं.
"सुबह 4 बजे फोन आया था"
दिनेश के छोटे भाई कपिल ने बताया कि बुधवार सुबह 4 बजे दिनेश के नंबर से उन्हें कॉल आया था, "फिर मैंने 8 बजे कॉल बैक किया तो उनके एक सीनियर ने फोन उठाया. उन्होंने बोला कि 'आपके भाई सीरियस हैं और फिल्ड हॉस्पिटल में भर्ती हैं'. उन्होंने बताया कि भईया का ऑपरेशन हो रहा है."
वहीं उनके भाई मुकेश कहते हैं, "ड्यूटी के दौरान पाकिस्तान की ओर से फायरिंग में वो घायल हुए थे. पता चला था कि उनको गर्दन में चोट लगी है. उन्हें उधमपुर रेफर किया गया था."
कपिल आगे कहते हैं,
"सुबह 10 बजे फिर भईया के सीनियर का कॉल आया था. उन्होंने बताया कि उनकी हालत नॉर्मल है. फिर मैंने दोबारा उनसे 11 बजे बात की. उन्होंने भईया की स्थिति ठीक बताई. इसके बाद साढ़े 11 बजे मैंने उनसे फिल्ड हॉस्पिटल का नंबर लिया. वहां से हमें उनकी मौत के बारे में पता चला."
पांच भाइयों में दिनेश सबसे बड़े थे. उनके दो छोटे भाई भी फौज में हैं. एक आर्टिलरी में, जबकि एक क्लर्कियल ग्रेड में हैं.
"हमारी रोज बात होती"
शहीद दिनेश कुमार के दोस्त प्रमोद बताते हैं कि उन दोनों की रोज बात होती थी. मंगलवार, रात साढ़े 10 बजे उनकी आखिरी बार दिनेश से बात हुई थी. दिनेश ने उन्हें मिशन पर जाने की बात बताई थी और कहा था कि आगे जो कुछ होगा वे बताते रहेंगे.
वे आगे कहते हैं,
"सुबह चार बजे कॉल आई थी. मैं उठा नहीं पाया. फिर मैंने कॉल बैक किया तो सिर्फ हैलो की आवाज आई और कॉल कट गया. इसके बाद सुबह साढ़े 6 बजे मैंने कॉल किया, तो उनके साथ के एक बंदे ने फोन उठाया और बताया कि दिनेश की गर्दन में चोट लगी है."
"दिनेश कुमार के सर्वोच्च बलिदान को सलाम"
सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लांस नायक दिनेश कुमार को श्रद्धांजलि दी है. भारतीय सेना ने कहा, "COAS जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और भारतीय सेना के सभी रैंक लांस नायक दिनेश कुमार के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, जिन्होंने 07 मई 2025 को नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन के दौरान अपने प्राण न्यौछावर किए."
इसके साथ ही सेना ने कहा, "हम उन निर्दोष नागरिकों के साथ एकजुटता से खड़े हैं, जो पुंछ सेक्टर में हमलों के शिकार हुए हैं."
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आपकी शहादत पर प्रत्येक देशवासी को गर्व है. यह देश आपके त्याग को कभी भुला नहीं पाएगा. इस शहादत को मेरा नमन."
इनपुट- अंकुर कपूर