ADVERTISEMENTREMOVE AD

ऑपरेशन सिंदूर: कसाब-हेडली ने ट्रेनिंग ली,कहीं जैश का ठिकाना-क्यों चुने 9 टारगेट?

Operation Sindoor: 6-7 मई की दरमियानी रात 1 से डेढ़ बजे के बीच भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया.

Published
story-hero-img
i
Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

पहलगाम आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी कैंपों को टारगेट किया गया. भारतीय सेना के मुताबिक, 9 आतंकी कैंप ध्वस्त किए गए हैं. इनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकाने शामिल हैं.

बुधवार, 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर एक ब्रीफिंग के दौरान, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान और PoK में हुई कार्रवाई की जानकारी दी. कर्नल कुरैशी ने बताया कि 6 और 7 मई की रात को 1 बजकर 5 मिनट से लेकर 1 बजकर 30 मिनट के बीच भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया.

"ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए विभत्स आतंकी हमले के शिकार मासूम नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए लॉन्च किया गया था."
कर्नल सोफिया कुरैशी
ADVERTISEMENTREMOVE AD

PoJK में 5 और पाकिस्तान में 4 आतंकी कैंप ध्वस्त

प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कर्नल कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान में पिछले तीन दशकों से टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है. इनमें रिक्रूटमेंट सेंटर, indoctrination centre, ट्रेनिंग एरिया और लॉन्च पैड शामिल थे. जो पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में फैले हैं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि सवाई नाला से लेकर बहावलपुर के बीच 21 आतंकवादी कैंप हैं. भारतीय सेना ने पीओजेके में 5 और पाकिस्तान में 4 आतंकी कैंपों पर कार्रवाई की है.

1. सवाई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद: ये कैंप PoJK के लाइन ऑफ कंट्रोल से 30 किलोमीटर दूर था. यह लश्कर-ए-तैयबा का ट्रेनिंग सेंटर था. सेना के मुताबिक, 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग में, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग में और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमले में शामिल आतंकियों ने यहीं से प्रशिक्षण लिया था.

2. सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद: यह जैश-ए-मोहम्मद का एक स्टेजिंग एरिया था. यह हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल ट्रेनिंग का केंद्र भी था.

3. गुलपुर कैंप, कोटली: यह लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) से 30 किलोमीटर दूर था. लश्कर-ए-तैयबा का बेस था, जो राजौरी और पुंछ में सक्रिय था. 20 अप्रैल 2023 को पुंछ में और 9 जून 2024 को तीर्थ यात्रियों के बस हमले में शामिल आतंकियों को यहीं से ट्रेनिंग दी गई थी.

4. बरनाला कैंप, भिम्बर: यह एलओसी से 9 किलोमीटर दूर था. यहां पर हथियार हैंडलिंग, IED और जंगल सर्वाइवल का प्रशिक्षण केंद्र था.

5. अब्बास कैंप, कोटली: यह आतंकवादी कैंप एलओसी से 13 किलोमीटर दूर था. भारतीय सेना के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा के फिदायीन यहीं तैयार होते थे. यहां 15 आतंकवादियों की ट्रेनिंग की क्षमता थी.

पाकिस्तान के अंदर जिन आतंकी कैंपों को बनाया गया निशाना

6. सरजल कैंप, सियालकोट: यह अंतरराष्ट्रीय सीमा से 6 किलोमीटर की दूरी पर था, सांबा-कठुआ के सामने. मार्च 2025 में जम्मू और कश्मीर पुलिस के चार जवानों की हत्या में शामिल आतंकवादियों को यही ट्रेनिंग दी गई थी.

7. मेहमूना जोया कैंप, सियालकोट: हिजबुल मुजाहिदीन का एक बड़ा कैंप था. जिसकी अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से दूरी 18 से 12 किलोमीटर थी. प्रेस ब्रीफिंग में बताया गया कि जम्मू के कठुआ क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों का यह केंद्र था. पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हुए अटैक की प्लानिंग इसी कैंप में हुई थी.

8. मरकज तैयबा मुरीदके: यह अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से 18 से 25 किलोमीटर की दूरी पर था. 2008 मुंबई आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को यहीं ट्रेनिंग दी गई थी. अजमल कसाब और डेविड हेडली को भी यहीं ट्रेनिंग दी गई थी.

9. मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था. जिसकी अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से दूरी 100 किलोमीटर थी. यहां पर रिक्रूटमेंट, ट्रेनिंग और indoctrination का केंद्र भी था. शीर्ष आतंकी अक्सर यहां आते थे.

कर्नल कुरैशी ने बताया, "किसी भी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया और अभी तक किसी भी तरह की नागरिक क्षति की रिपोर्ट नहीं है.

"नपी-तुली और जिम्मेदारी पूर्ण कार्रवाई"

प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "यह कार्रवाई नपी-तुली, अनुपातिक और जिम्मेदारी पूर्ण है. यह आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को समाप्त करने और भारत में भेजे जाने वाले संभावित आतंकवादियों को अक्षम बनाने पर केंद्रित है."

इसके साथ ही उन्होंने कहा, "पाकिस्तान आधारित आतंकवादी मॉड्यूल पर हमारी खुफिया निगरानी ने संकेत दिया है कि भारत पर आगे भी हमले हो सकते हैं, अत: इन्हें रोकना और इसने निपटना दोनों को बेहद आवश्यक समझा गया. आज सुबह भारत ने इस तरह के सीमा पार हमलों का जवाब देने और उन्हें रोकने तथा उनका प्रतिरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है."

Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×