मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के राजगढ़ (Rajgarh) जिले में पुलिस और प्रशासनिक अमले की कार्यप्रणाली से नाराज एक पीड़ित परिवार को न्याय की आस में भटकना पड़ रहा है. परिवार, सड़क पर थाली और चम्मच बजाते हुए महिला और बच्चों के साथ राजगढ़ कलेक्ट्रेट ऑफिस जाने के लिए निकल पड़ा. परिवार को लगभग 60 से 65 किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर होना पड़ा.
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित परिवार के सदस्य देव सिंह, पिता रतनलाल ने बताया कि माचलपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खेड़ीपटेल गांव में वो अपने परिवार के साथ रहते हैं. वहीं, उनकी निजी स्वामित्व की किसानी जमीन है, जिसका कुल रकबा 0.551 हेक्टेयर है, जिस पर खेती-किसानी करके उनका पूरा परिवार जिंदगी गुजारता है.
पीड़ित परिवार का आरोप है कि उनकी जमीन पर साल 2019 से गांव के दबंगों ने कब्जा किया हुआ है. विवाद होने के बाद यह मामला कोर्ट में चल रहा है और इसमें कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है.
न्यायालय के फैसले के बाद हाल ही में हुई बारिश से पूरे परिवार ने मिलकर खेत में सोयाबीन की फसल बोई थी. लगभग पंद्रह दिनों की अच्छी बारिश के बाद लहलहाती फसल देखकर पूरा परिवार खुश था. लेकिन, बुधवार की सुबह 10 से 11 बजे के आस-पास राधाबाई पति राधेश्याम, फूल सिंह पिता प्रताप सिंह, नैन सिंह पिता फूल सिंह, नटवर सिंह पिता फूल सिंह, देवराज पिता मानसिंह, समंदर सिंह, सप्तर सिंह पिता भगवान सिंह, भगवान सिंह पिता प्रताप सिंह, मानसिंह पिता प्रताप सिंह, गोपाल पिता मानसिंह निवासी खेड़ीपटेल और छगन सिंह के साथ लठ्ठ, कुल्हाड़ी और बंदूक लेकर आए लगभग 15 लोगों के द्वारा खेत में बोई गई खड़ी फसल को दबंगई से ट्रैक्टर चलाकर खत्म कर दी गई.
मामले की शिकायत पीड़ित परिवार के द्वारा माचलपुर थाने सहित माचलपुर नायब तहसीलदार से की गई, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने घटना को गंभीरता से नहीं लिया.
इसके बाद गुरुवार की सुबह से पीड़ित परिवार के सबसे बड़े भाई केसर सिंह (70) को खेत पर बनी टापरी में छोड़कर, देवसिंह गुर्जर, बनेसिंह मांगीलाल गुर्जर रामकलाबाई सहित बनेसिंह का चार वर्षीय पुत्र अभिनंदन और लगभग डेढ़ साल के कृष्णपाल हाथ में थाली और चम्मच लेकर थाली बजाते हुए राजगढ़ कलेक्टर हर्ष दीक्षित से न्याय की आस लिए राजगढ़ के लिए निकल पड़े हैं.
तड़के पांच बजे ही घर से निकला था परिवार
बता दें, गुरुवार को शासन और जिला प्रशासन से न्याय की आस लिए हाथो में थाली और चम्मच बजाते हुए 60 से 65 कीलोमीटर की पदयात्रा के लिए पीड़ित परिवार सुबह पांच बजे से घर से निकला है. इस मामले को लेकर माचलपुर थाना प्रभारी जितेंद्र अजनारे ने बताया कि...
दूसरे पक्ष का कहना है कि पीड़ित परिवार के द्वारा भूमि की रजिस्ट्री राधा बाई के नाम से करवाई गई है और परिवार का कहना है कि जिस जमीन की रजिस्ट्री करवाई गई है, वह ये नहीं है वह पथरीली भूमि है. मामला राजस्व से जुड़ा है, इसलिए जब तक स्पष्ट नहीं होगा, पुलिस कुछ नहीं कर सकती.
इस संबंध में नायब तहसीलदार से भी उनकी बात हुई है. उनका भी यही कहना है कि उन्होंने दोनों पक्षों को बुलवाया है और कोर्ट से यदि जमीन से संबंधित पीड़ित पक्ष के हक में आदेश हुआ है तो वो आकर हमें कागज दिखाएं, अगर आदेश नहीं हुआ होगा तो कैसे निराकरण कर पाएंगे कि जमीन पीड़ित पक्ष की है या किसी और की है. राजस्व से जैसे ही इस मामले में क्लीन चिट मिल जाएगी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करके जमीन के असल हकदारों को कब्जा दिलवा दिया जाएगा.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि...
पुलिस हमेशा यही चाहती है कि सही नतीजा हो और कोई लड़ाई झगड़ा न हो, लेकिन अगर किसी की जमीन ही न हो और वो अगर चम्मच थाली बजाते रहे तो उनकी भावनाओं में आकर कोई फैसला नहीं किया जा सकता. शुक्रवार की सुबह स्पष्ट हो जाएगा कि जमीन किसकी है, उसके बाद उसे कब्जा दिला दिया जाएगा. वे लोग एसपी और कलेक्टर के पास पहुंचेंगे तो वे भी यही कहेंगे कि जांच हो जाए. हम जांच करेंगे अगर जांच में पीड़ित परिवार सही पाया गया तो कब्जा दिला दिया जाएगा.
परिवार के कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचने पर क्या हुआ?
शुक्रवार की सुबह 11 बजे के लगभग उक्त पीड़ित परिवार चम्मच और थालियां बजाता हुआ जैसे तैसे कलक्ट्रेट कार्यालय पहुंचा, जहां राजगढ़ कलेक्टर के न होने के चलते राजगढ़ तहसीलदार ने उन्हें अपने चैम्बर में बुलवाया और पीड़ित परिवार से बात की. तहसीलदार ने पूरा मामला समझा.
पीड़ित परिवार ने कोर्ट द्वार अपने पक्ष में हुए आदेश भी दिखाए और उन्हें बताया कि दबंगों के द्वारा न तो हमे हमारी जमीन पर खेती करने दी जा रही है और न ही गांव में घुसने दिया जा रहा है.
परिवार ने बताया कि हम अगर वहां चले भी जाएं तो वहां हमारी जान को खतरा है, ऐसे में हम गांव से दूर खेत में टापरी बनाकर रह रहे हैं.
वहीं, राजगढ़ तहसीलदार चंद्र कुमार ताम्रकर ने बताया कि "माचलपुर थाना क्षेत्र का पीड़ित परिवार राजगढ़ आया हुआ था. मैंने उनसे मामला पूछा, तो उन्होंने अपनी समस्या बताई और पीड़ित परिवार ने हमें आवेदन भी दिया है. खिलचीपुर SDM से उक्त मामले को लेकर चर्चा की गई है और उन्हें निराकरण के लिए वहीं भेजा जा रहा है.
(इनपुट- अब्दुल वसीम अंसारी)