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Milkipur By-Election: अयोध्या के मिल्कीपुर में खिला 'कमल',61 हजार वोट से हारी SP

मिल्कीपुर में मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद और बीजेपी के चंद्रभानु पासवान के बीच है.

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Milkipur By-Election Result 2025: लोकसभा चुनाव में अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हार के बाद मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के नतीजे पर पूरी देश की नजर टिकी थी. मिल्कीपुर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बड़ी जीत हासिल की है. बीजेपी ने समाजवादी पार्टी (एसपी) को 61 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है.

चुनाव आयोग आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान को 1,46,397 वोट मिले. जबकि, समाजवादी पार्टी (एसपी) के उम्मीदवार अजीत प्रसाद 84,687 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे.
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"एसपी के परिवारवाद और झूठ की राजनीति पर लगा पूर्ण विराम"

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के नतीजों पर कहा, "मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव का नतीजा सपा के परिवारवाद और झूठ की राजनीति पर पूर्ण विराम लगाता है. इसने डबल इंजन सरकार के सेवा, सुरक्षा और सुशासन के मॉडल को अंगीकार किया है. लगभग 61,000 वोटों से भाजपा के चंद्रभान पासवान की विजय इस बात को प्रमाणित करती है कि जनता का विश्वास डबल इंजन की सरकार पर है."

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "आज दिल्ली को प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में चलने वाली सरकार मिली है. मिल्कीपुर की ऐतिहासिक जीत पर मैं बीजेपी उम्मीदवार को बधाई देता हूं. समाजवादी पार्टी की गुंडागर्दी हारी है. ये शुरुआत है, 2027 में समाजवादी पार्टी समाप्तवादी पार्टी बन जाएगी."

ये झूठी जीत है- अखिलेश

समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा, "ये झूठी जीत है, जिसका जश्न भाजपाई कभी भी आईने में अपनी आंखों-में-आंखें डालकर नहीं मना पाएंगे. उनका अपराधबोध और भविष्य में हार का डर उनकी नींद उड़ा देगा."

इसके साथ ही उन्होंने कहा, "लोकसभा चुनावों में अयोध्या में हुई पीडीए की सच्ची जीत, उनके मिल्कीपुर के विधानसभा की झूठी जीत पर कई गुना भारी है और हमेशा रहेगी."

समाजवादी पार्टी और बीजेपी में टक्कर

यह सीट अयोध्या जिले का हिस्सा है, जहां से पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में एसपी के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के लल्लू सिंह को हराकर जीत हासिल की थी. राम मंदिर उद्घाटन के चार महीने बाद ही बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था, जो पार्टी के लिए बड़ा झटका था.

अब उसी अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर अवधेश के बेटे अजीत प्रसाद मैदान में हैं. दूसरी तरफ बीजेपी के चंद्रभानु पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, आजाद समाज पार्टी ने अंतिम समय में सूरज चौधरी को मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.

आरक्षित मिल्‍कीपुर सीट से मायावती की बीएसपी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. उधर, कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन में अपनी सहयोगी समाजवादी पार्टी को समर्थन दिया है.

2017 में 26 साल बाद बीजेपी को मिली थी जीत

उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट 1967 में अस्तित्व में आई थी. अब तक यहां 17 विधानसभा चुनाव हुए हैं. सबसे ज्यादा 6 बार समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की है. दूसरे नंबर पर सीपीआई है, मित्रसेन यादव यहां से चार बार विधायक बने हैं. बाद में वो एसपी में शामिल हो गए थे.

अगर बीजेपी की बात करें तो इस सीट पर पार्टी को पहली बार 1991 में जीत मिली थी. मथुरा प्रसाद तिवारी यहां से विधायक बने थे. इसके बाद पार्टी को दूसरी जीत के लिए 26 साल तक इंतजार करना पड़ा. 2017 में बीजेपी के गोरखनाथ ने एसपी के अवधेश प्रसाद को 28 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.

बीएसपी को यहां सिर्फ एक जीत मिली है. जबकि कांग्रेस 1989 के बाद से यहां एक भी चुनाव नहीं जीत पाई है.

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