ADVERTISEMENTREMOVE AD

'भीड़ सबूत मिटाने आई थी': कोलकाता के मेडिकल कॉलेज पर हमला, चश्मदीदों ने बताया क्या हुआ?

एक प्रत्यक्षदर्शी ने द क्विंट को बताया, 'जब भीड़ बेकाबू हो रही थी तो पुलिस वहां तमाशबीन बनकर खड़ी रही.'

Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

"उन गुंडों के दो ही मकसद थे- पहला हमारे शांतिपूर्ण, संगठित विरोध को भंग करने और दूसरा सबूतों से छेड़छाड़ करना था."

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (Kolkata's RG Kar Hospital) में देर रात हुए विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले डॉक्टर अनिकेत महतो ने यह बात कही. इस प्रदर्शन में 14 और 15 अगस्त की दरम्यानी रात एक भीड़ ने आकर तोड़-फोड़ की थी.

द क्विंट से बात करने वाले प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस कॉलेज में छात्र 31 वर्षीय पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. तभी लगभग 5,000 लोगों की भीड़ कथित तौर पर कैंपस में दाखिल होती है और उसने संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया.

इस रात के सामने आए वीडियों में भीड़ कैंपस में दाखिल होती दिख रही है, जबकि छात्र प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने दावा किया कि वे हॉस्पिटल के अंदर "फंसे" थे, और वे जिंदा बचेंगे या नहीं, इस बात लेकर डरे हुए थे.

द क्विंट से बात करते हुए कई डॉक्टरों ने बताया कि आधी रात को वहां क्या कुछ हुआ.

'वार्डों में तोड़फोड़, लेडीज हॉस्टल में घुसे'

क्विंट से बात करते हुए, अनिकेत महतो ने पुष्टि की कि हमला लगभग रात 11 बजे महिलाओं के नेतृत्व वाले 'रिक्लेम द नाइट' विरोध मार्च के दौरान हुआ. इस विरोध मार्च को कोलकाता के श्यामबाजार इलाके (हॉस्पिटल से कुछ किलोमीटर दूर) की ओर बढ़ना था.

आरजी कर हॉस्पिटल आरडीए (रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन) के मेंबर अनिकेत महतो ने कहा, "बाहर से आए लोकल गुंडों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और कैंपस में घुस गए. उन्होंने विरोध मंच, आपातकालीन, ईएनटी, ट्रॉमा और स्त्री रोग वार्डों के साथ-साथ कैंपस के अन्य हिस्सों में भी तोड़फोड़ की."

महतो ने कहा, ''वे पूरे कैंपस में गए, जिसमें महिला और छात्रावास भी शामिल थे.'' उन्होंने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों को मामूली चोटें आई हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने भीड़ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.

"हमने मदद मांगने के लिए सीनियर पुलिस अधिकारियों को फोन किया लेकिन उन्होंने हमारा फोन नहीं उठाया. जूनियर अधिकारियों ने हमें बताया कि वे हमारी सुरक्षा के लिए जवाबदेह नहीं हैं."
अनिकेत महतो

एक अन्य हाउसस्टाफ डॉक्टर, जो चाहते नहीं थे कि उनका नाम सामने आए, ने भी दावा किया कि पुलिस ने भीड़ को कैंपस में प्रवेश करने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया.

उन्होंने द क्विंट को बताया, "पुलिस वहां तमाशबीन बनकर खड़ी रही. भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और पुलिस ने किसी भी समय उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की. उन्होंने बस मूंह से उन्हें दूर जाने के लिए कहा, लेकिन शारीरिक रूप से उन्हें अंदर दाखिल होने से रोकने का प्रयास नहीं किया." आगे उन्होंने कहा, "बाद में जब रैपिड एक्शन फोर्स आई तब जाकर उपद्रवियों को खदेड़ा जा सका."

उन्होंने आगे कहा कि भीड़ भी अनियंत्रित होकर 'हमें न्याय चाहिए' जैसे नारे लगा रही थी ताकि वे खुद को प्रदर्शनकारियों के रूप में "छिपा" सकें.

"उन्होंने उस मंच पर तोड़फोड़ की जिस पर विरोध प्रदर्शन हो रहा था और नवजात शिशुओं के केयर यूनिट में भी आग लगा दी. वे मुख्य रूप से क्राइम सीन पर तोड़फोड़ करने आए थे, जो चेस्ट डिपार्टमेंट के अंदर स्थित है."

उन्होंने कहा कि पिछली रात की घटनाओं के बावजूद, विरोध गुरुवार, 15 अगस्त को भी जारी रहेगा.

"भले ही मंच नष्ट कर दिया गया है, हम अपनी मांगों को आगे बढ़ाने का तरीका ढूंढ लेंगे. उन्होंने [भीड़ ने] सब कुछ नष्ट कर दिया है, इसलिए हम आपातकालीन या ओपीटी सेवाएं जारी नहीं रख सकते."
द क्विंट से हाउसस्टाफ डॉक्टर

शुरूआती न्यूज रिपोर्टों से पता चला कि क्राइम सीन और उसके भीतर के सभी सबूत नष्ट कर दिए गए थे. हालांकि, प्रेस से बात करते हुए, कोलकाता पुलिस ने कहा कि क्राइम सीन वास्तव में बंद था और वहां छेड़छाड़ नहीं किया गया था.

कोलकाता पुलिस ने एक्स पर एक बयान में कहा, "क्राइम सीन सेमिनार रूम है और इसे छुआ नहीं गया है. असत्यापित समाचार न फैलाएं. हम अफवाह फैलाने के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करेंगे."

'हम यहां मर सकते हैं'

क्विंट को कई स्क्रीनशॉट भी मिले, जिनमें स्टूडेंट अपनी जान को खतरा जता रहे थे और सीनियर डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन के सदस्यों से उनकी मदद करने का अनुरोध कर रहे थे.

ग्रुप चैट पर एक स्टूडेंट ने मैसेज कर रखा था, "प्लीज हमें बचाएं सर, हम यहां मर सकते हैं."

एक अन्य छात्र का दावा है कि यह पता चलने के बाद कि भीड़ कथित तौर पर उसे ढूंढ रही थी, उसने खुद को छिपा लिया था.

बांग्ला में मैसेज लिखा है, "एक भीड़ आरजी कर में घुस गई है और मुझे ढूंढ रही है. यदि मैं सुरक्षित रहा तो मैं आपसे बाद में संपर्क करूंगा.''

उनका यह भी दावा है कि भीड़ के कई सदस्य नशे में थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

घटना के बाद, कई छात्रों ने मदद की अपील करते हुए दावा किया कि वे अभी भी कैंपस के अंदर फंसे हुए हैं.

एक छात्र को एक वीडियो में कहते हुए सुना जा सकता है, "भीड़ ने लोगों को पीटना शुरू कर दिया - प्रदर्शनकारियों, मरीजों, दर्शकों, हर किसी मार रहे हैं. उन्होंने महिला डॉक्टरों पर भी हमला किया." आगे कहा, "हमें खुद को बचाने के लिए भागना पड़ा. हमें तितर-बितर होना पड़ा और छिपने के लिए जगह ढूंढनी पड़ी. हम एक-दूसरे से संपर्क नहीं कर पाए."

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उन्होंने कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल से बात की और उनसे बर्बरता के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने को कहा है.

उन्होंने ट्वीट किया, "आज रात आरजी कर में गुंडागर्दी और बर्बरता सभी स्वीकार्य सीमाओं को पार कर गई है. एक जन प्रतिनिधि के रूप में, मैंने अभी @CPKolkata से बात की, उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि अगले 24 घंटों के भीतर, उनकी राजनीतिक संबद्धता की परवाह किए बिना आज की हिंसा के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति की पहचान की जाए, उसे जवाबदेह ठहराया जाए और कानून के कटघरे में खड़ा किया जाए."

सांसद ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांगें उचित और जायज हैं. "उन्हें सरकार से यही न्यूनतम उम्मीद करनी चाहिए. उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए."

Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×