ADVERTISEMENTREMOVE AD

इंदौर: "मेरे घर में आग लगाई",क्रिकेट में भारत की जीत का जश्न बवाल में कैसे बदला?

Indore Violence: आईजी ने बताया कि इस मामले में अब तक तीन FIR दर्ज की गई है और 10-12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

story-hero-img
i
Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर जिले के महू में रविवार, 9 मार्च की रात को चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत की जीत का जश्न हिंसा और बवाल में तब्दील हो गया. दरअसल, चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय क्रिकेट टीम की जीत के बाद जामा मस्जिद के सामने से निकाले गए जुलूस के दौरान दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए. विवाद इतना बढ़ गया कि लोगों ने गाड़ियों और दुकानों में आग लगा दी. इस घटना में चार लोग घायल हुए हैं.

पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन अलग-अलग FIR दर्ज की है. इंदौर (ग्रामीण) आईजी अनुराग ने बताया कि अभी तक 10-12 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी मौके पर स्थिति सामान्य है.

चलिए आपको बताते हैं कि विवाद की शुरुआत कैसे हुई. स्थानीय लोगों और पुलिस-प्रशासन का इस मामले पर क्या कहना है?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

महू में रविवार को क्या हुआ था?

सोमवार, 10 मार्च को इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि घटना की शुरुआत मस्जिद के पास से हुई थी. जब जुलूस निकल रहा था, इस दौरान वहां पर वाद-विवाद हुआ. उसके बाद मारपीट हुई है. उन्होंने कहा, "अलग-अलग टुकड़ों में जुलूस निकल रहा था. कोई ऐसा एक सिंगल जुलूस नहीं था. पटाखे फोड़ने या किसी अन्य बात को लेकर इसमें से एक ग्रुप के साथ इसकी शुरुआत हुई. इसके बाद इसने बड़ा रूप ले लिया. ये सारी चीजें हमारी जांच में अभी सामने आई है."

बीती रात घटना के बाद मीडिया से बातचीत में डीआईजी (ग्रामीण) निमिष अग्रवाल ने बताया,

"शहर के मध्य में चार-पांच जगहें हैं जहां पथराव की घटना हुई है. दोनों तरफ से पथराव हुआ है. लोगों की पहचान की जा रही है."
निमिष अग्रवाल, डीआईजी (ग्रामीण)

इंदौर एसपी (ग्रामीण) हितिका वासल ने बताया, "मैच के बाद जुलूस के दौरान कुछ लोगों ने मस्जिद के बाहर पटाखे जलाए, जिसके बाद दोनों पक्षों में विवाद की स्थिति पैदा हुई और दोनों तरफ से पथराव हुआ."

महू थाना प्रभारी राहुल शर्मा ने PTI को बताया कि तीन कारों और एक दर्जन दोपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गय

"किसी ने सुतली बम फेंका और..."

शहर काजी मोहम्मद जाबिर ने बताया, "तरावी की नमाज चल रही थी. उसी बीच जुलूस शोर-शराबा करते हुए यहां से निकला रहा था. उसी दौरान किसी ने सुतली बम अंदर फेंका. उसी से धुआं उठा और अफरा-तफरी मच गई. इस तरह बात बढ़ती चली गई."

जुलूस निकाले जाने पर सवाल उठाते हुए कहते हैं,

"मुझे तो समझ नहीं आ रहा है कि ये जुलूस आखिर निकला कैसे. और दूसरी बात, इस रूट से कैसे निकला. किन लोगों ने जुलूस के लिए इजाजत ली थी. क्या बिना अनुमति के जुलूस निकाला जा सकता है. और दूसरी बात ये है कि अगर अनुमति ली गई थी, तो कितने लोगों की, कितनी गाड़ियों की, किस परिस्थिति में परमिशन दी गई थी."

मोहम्मद जाबिर के मुताबिक, पुलिस-प्रशासन के सामने पथराव शुरू हुआ. उन्होंने कहा, "पथराव की नौबत ऐसे आई कि पहले जिन लोगों ने बम वगैरह जो भी फेंका था, उसकी वजह से हाथापाई हुई. इतने में अमित जोशी आए, उन्होंने बातचीत शुरू की. मैंने उनसे कहा कि थाने पर आराम से बात करते हैं. इसके बाद यहां से वो गए और फिर उधर से पथराव शुरू हुआ."

जुलूस के लिए क्या अनुमति ली गई थी? इस सवाल पर द क्विंट से बातचीत में इंदौर (ग्रामीण) आईजी अनुराग ने कहा कि ऐसा कोई जुलूस नहीं था. भारत की जीत के बाद लोग अचानक इकट्ठे हो गए थे. इसके साथ ही उन्होंने मस्जिद में सुतली बम फेके जाने की बात से भी इनकार किया है और इसे गलत बताया है.

झगड़ा एक जगह हुआ, लेकिन आगजनी दूसरे इलाकों में क्यों?

द क्विंट ने अमित जोशी से भी संपर्क किया. अमित घटना के दौरान मौके पर मौजूद थे. जामा मस्जिद, जहां विवाद शुरू हुआ था वहां से करीब 700 मीटर दूर मानक चौक इलाके में अमित की इलेक्ट्रॉनिक की दुकान है. घटना के दौरान अमित ब्रेड लेने बाहर निकले थे.

अमित कहते हैं, "शहर काजी बोल रहे हैं कि 'जुलूस किससे पूछ कर निकाला'. हिंदुस्तान जीतेगा तो क्या पूछकर जुलूस निकलेगा? ये पूरे देश की जीत है."

वो आगे कहते हैं, "कोई सुतली बम नहीं फेंका गया है. ऐसी कोई बात नहीं है. विवाद बस इस बात को लेकर हुआ कि मस्जिद के सामने से जुलूस क्यों निकाला गया. लोग मस्जिद से सीधे बाहर निकले और मारना शुरू कर दिया."

"इसमें एक चीज और है. झगड़ा एक जगह पर हुआ, जामा मस्जिद पर. लेकिन आगजनी और तोड़फोड़ दूसरे इलाके में क्यों हुई? जहां मुस्लिम ज्यादा हैं, उन सभी जगहों पर ऐसा हुआ है. ये सोची समझी प्लानिंग के तहत हुआ है."

वो आगे कहते हैं, "जुलूस निकल गया था. मैं ब्रेड लेकर अपने घर जा रहा था. उधर से शहर काजी आ रहे थे. उन्होंने कहा कि 'आप आपने लोगों को लेकर थाने चलिए, मैं अपने लोगों को लेकर आ रहा हूं. मैं बता समझता. जैसे ही मैं मुड़ा उधर से पथराव शुरू हो गया."

अमित के मुताबिक, मौके पर हिंदू पक्ष के सिर्फ 4-5 लोग ही थे. जबकि मुस्लिम पक्ष के सैकड़ों लोग थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

"मेरे घर में आग लगाई"

हिंसा और बवाल सिर्फ जामा मस्जिद इलाके में ही नहीं हुई थी. इसके आस-पास के इलाकों में भी बवाल और हिंसा देखने को मिली.

राधे श्याम कौशल का घर जामा मस्जिद से 100 मीटर दूर पत्ती बाजार चौराहे पर स्थित है. हिंसा के दौरान वो अपने घर में मौजूद थे. वो बताते हैं कि घटना रात साढ़े 10 से 11 बजे के बीच की है. चौराहे पर स्थित तीन हिंदू घरों को निशाना बनाकर जमकर पथराव किया गया है.

"विवाद के दौरान मस्जिद के पास से मुस्लिम लोगों को पुलिस ने खदेड़ दिया था. इसके 15-20 मिनट बाद फिर से वो लोग जमा हुए और तीन घरों- मेरा घर, चौहान परिवार के घर और एक पड़ोस के घर को निशाना बनाकर खूब पथराव किया. मेरे घर में आग लगाई. मेरे भैया की कार में आग लगाई, बाइक में आग लगाई और तीन-चार गाड़ियों में तोड़फोड़ की. मेरे और पड़ोस के घर पर करीब एक घंटे तक पथराव करते रहे."
राधे श्याम कौशल

इसके साथ ही वो कहते हैं, "मेरी लैबोरेट्री के दो बोर्ड जला दिए गए. 15-20 हजार के दोनों बोर्ड थे. मेरी बाइक जला दी. दुकान में शटर के नीचे से आग लगा दी, जिससे नुकसान हुआ है."

वो बताते हैं कि जामा मस्जिद के पास ताल मोहल्ले के भीड़ थी और इधर पत्ती बाजार की भीड़ थी.

17 लोगों के खिलाफ नामजद FIR

एक बस संचालक ने महू थाने में पथराव और तीन बसों में तोड़फोड़ का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करवाई है, जिसमें 17 लोगों को नामजद किया गया है. पुलिस ने बीएनएस की धारा 191(2), 190, 296, 115(2), 324(4), 351(2) और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया है.

FIR में शिकायतकर्ता ने कहा, "भारत की जीत के बाद मैं अपने साथियों के साथ मोती महल चौराहे पर जीत का जश्न मना था और शांतिपूर्वक जुलूस निकाल रहा था. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने हमें गालियां देनी शुरू कर दी. जब हमने इसका विरोध किया तो उन लोगों ने हमपर पथराव कर दिया."

महू थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ताल मोहल्ला, सेवा मार्ग, पत्ती बाजार, मानेक चौक और जामा मस्जिद इलाकों में हुई सभी पांच घटनाओं की जांच कर रही है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

शहर काजी मोहम्मद जाबिर कहते हैं, "ऐसा नहीं है कि सिर्फ हिंदू समुदाय का नुकसान हुआ है. मुस्लिम समुदाय का भी बहुत नुकसान हुआ है. आप यह मानिए कि करीब 8 से 10 मुसलमान की बाइक में आग लगा दी गई. तीन से चार दुकानों को जला दिया गया और तीन-चार दुकानों में तोड़फोड़ की गई. एक पूर्व जेलर की गाड़ी जला दी गई."

मोहम्मद जाबिर का मानना है कि प्रशासन को इस बात का अंदाजा नहीं था कि इंडिया-न्यूजीलैंड के मध्य खेले जा रहे हैं इस मैच के बात ऐसा हो सकता है. वो आगे कहते हैं, "2007 में इंडिया-पाकिस्तान के बीच खेले गए मैच में भी इसी तरह से विवाद हुआ था लेकिन तब बात संभल गई थीं."

NSA के तहत होगी कार्रवाई- कलेक्टर

हिंसा के बाद से प्रशासन एक्शन मोड में है. कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि "कुछ लोगों के खिलाफ हम रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत भी कार्रवाई करेंगे. कुछ अन्य एफआईआर भी दर्ज होने की संभावना है."

इसके साथ ही उन्होंने कहा, "हमारी तरफ से जो भी वैधानिक कार्रवाई बनती है, वो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटना दोबारा न हो और इसके लिए लिए किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा."

"वहां पुलिस फोर्स तैनात है. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. लोग किसी प्रकार के अफवाह पर लोग ध्यान न दें. हम सभी लोगों पर नजर रख रहे हैं."
अनुराग, आईजी (ग्रामीण), इंदौर

वहीं इस घटना पर महू से बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि "जो लोग पथराव करते हुए नजर आए हैं, उनकी पहचान करके सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे. राष्ट्रद्रोह जैसी ताकतों को पनपने नहीं दिया जाएगा."

(इनपुट- अब्दुल वसीम अंसारी)

Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×