ब्रेक्जिट (Brexit) के बाद भी यूके (UK) और यूरोपीय यूनियन (European Union) के बीच तनाव जारी है और दोनों एक व्यापार युद्ध के कगार पर दिखाई दे रहे हैं. ब्रसेल्स (इसे EU की राजधानी माना जाता है) ने यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर उत्तरी आयरलैंड के भविष्य पर बातचीत में ईमानदारी की कमी का आरोप लगाया है और ब्रिटेन को ब्रेक्सिट के बाद किये गए डील को समाप्त करने पर "गंभीर परिणाम" की चेतावनी दी है.
गौरतलब है कि ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के बीच व्यापार के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए ब्रेक्सिट डील कैसे काम करता है, इसमें बदलाव को लेकर दोनों पक्ष पिछले तीन सप्ताह से तनावपूर्ण बातचीत में लगे हैं.
यूके के ब्रेक्सिट मंत्री के साथ अपनी नवीनतम तनावपूर्ण बैठक से बाहर आने के बाद, यूरोपीय यूनियन के कमिशनर Maroš Šefčovič ने कहा है कि ब्रसेल्स की तरफ से समझौते पर पहुंचने के प्रयासों के बावजूद "हमने यूके की ओर से कोई पहल नहीं देखा है."
आशंकाएं बढ़ रही हैं कि यूके उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल के आर्टिकल 16 का प्रयोग करेगा और संभावित रूप से यूरोपीय यूनियन के साथ पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को तोड़ देगा.
उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल क्या है और क्यों बढ़ा इसे लेकर तनाव?
ब्रेक्सिट डील पर वार्ता के दौरान सभी पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि 1998 के उत्तरी आयरलैंड शांति समझौते (गुड फ्राइडे समझौता) की रक्षा करना प्राथमिकता है. इसका मतलब था कि बॉर्डर को व्यापार के लिए खुला रखना और बॉर्डर पोस्ट जैसे नए बुनियादी ढांचे से बचना.
लेकिन ब्रिटेन को यूरोपीय यूनियन की आर्थिक व्यवस्था से बाहर निकालकर ब्रेक्सिट ने व्यापार पर नया अवरोध पैदा किया. ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन दोनों ने सहमति व्यक्त की कि आयरलैंड- उत्तरी आयरलैंड बॉर्डर पर इस तरह की जांच नहीं हो सकती है. इसी उद्देश्य से उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल लाया गया.
यह प्रोटोकॉल यूरोपीय यूनियन में मौजूद रिपब्लिक ऑफ आयरलैंड से उत्तरी आयरलैंड में मालों के मुक्त प्रवाह की अनुमति देता है. साथ ही ब्रिटेन के बाकी हिस्सों से अब उत्तरी आयरलैंड में प्रवेश करने वाले सामान कस्टम चेक के अधीन हैं.
इस प्रोटोकॉल का उत्तरी आयरलैंड की डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) द्वारा शुरू से विरोध किया गया है, क्योंकि वो इसे यूके के भीतर उत्तरी आयरलैंड की स्थिति को कमजोर करने के रूप में देखते हैं.
ब्रेक्सिट समझौते के तहत ब्रिटिश सरकार को ब्रिटेन के बाकी हिस्सों से उत्तरी आयरलैंड में प्रवेश करने वाले सामानों पर कस्टम चेक लगाने की आवश्यकता थी लेकिन यूरोपीय संघ के व्यापक विरोध के बावजूद ब्रिटेन ने उन्हें बार-बार स्थगित कर दिया.
उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल का आर्टिकल 16 क्या है?
उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने के समझौते- ब्रेसिस्ट- के प्रमुख तत्वों में से एक है जिसने जनवरी 2020 में EU से ब्रिटेन के प्रस्थान पर कानूनी रूप से मुहर लगाई.
आर्टिकल 16 उसी उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल में एक क्लॉज/खंड है. आर्टिकल 16 दोनों पक्ष को कदम उठाने की अनुमति देता है ( ब्रेक्सिट डील के शब्दों में “सेफगार्ड”) यदि उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल के कारण "गंभीर आर्थिक, सामाजिक या पर्यावरणीय कठिनाई सामने आती है".
इन “सेफगार्ड” को परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन इनको संभावित नुकसान के अनुरूप होना चाहिए. इसके अंतर्गत ग्रेट ब्रिटेन से उत्तरी आयरलैंड में आने वाले सामानों पर कस्टम चेक को अस्थाई रूप से निलंबित की संभावना है.
आर्टिकल 16 को किस स्थिति में प्रयोग में लाया जाता है?
यूके को यह साबित करना होगा कि उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल ने "गंभीर आर्थिक, सामाजिक या पर्यावरणीय" कठिनाइयों को जन्म दिया है.
यूके के ब्रेक्सिट मंत्री लॉर्ड फ्रॉस्ट ने बार-बार कहा है कि ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के बीच ट्रेड फ्लो में बाधा के कारण इसको उपयोग करने की शर्तें पूरी होती हैं.
हालांकि विशेषज्ञों का मनना है कि आर्टिकल 16 के लागू होने से जमीन पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि यूके द्वारा कई कस्टम चेक पहले ही एकतरफा निलंबित कर दिए गए हैं.