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बिहार: जाकिर को 'भीड़' ने पीटा, पुलिस बोली- मवेशी चोरी का आरोप, परिवार ने नकारा

सारण पुलिस ने इस मामले में दो नामजद सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, अन्य की तलाश जारी है.

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बिहार के सारण जिले में हुए जाकिर कुरैशी हत्याकांड (Zakir Qureshi Murder Case) में पुलिस ने अब तक 2 नामजद सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 11 मई को 24 वर्षीय जाकिर कुरैशी के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी. जिसके बाद जाकिर की मौत हो गई थी. वहीं बीच-बचाव करने आए जाकिर के 27 वर्षीय बड़े भाई नेहाल कुरैशी भी गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिनका इलाज पटना मेडिकल कॉलेज हास्पिटल (PMCH) में इलाज चल रहा है.

मामला छपरा शहर के छोटा तेलपा टोले का है. पुलिस के मुताबिक, मवेशी चोरी के आरोप में जाकिर के साथ मारपीट की गई थी, जिसमें उसकी मौत हो गई.

"मवेशी चोरी को लेकर विवाद था. चोरी का आरोप कुरैशी परिवार पर लगा था. 11 तारीख को मवेशी खुद वापस आ गया. जिसे खोजते हुए जाकिर कुरैशी भी मौके पर पहुंच गया. इस दौरान वहां मौजूद लोगों के साथ उसकी कहासुनी हुई और विवाद मारपीट में बदल गया. जिसमें जाकिर की मौत हो गई."
कुमार आशीष, एसएसपी, सारण
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"हम कसाई जाति से हैं, इसलिए इस तरह के आरोप लग रहे"

क्विंट हिंदी से बातचीत में जाकिर कुरैशी के पिता नन्हे कुरैशी, मवेशी चोरी के आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहते हैं, "ये झूठी बात है. हम लोग कसाई (कुरैशी) जाति से आते हैं, इसलिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. लेकिन हम लोग इस तरह का काम नहीं करते हैं. हम लोग मजदूरी करते हैं. मेरे दोनों बेटे भी मजदूरी करते थे."

नन्हे कुरैशी का आरोप है कि उनके बेटे के साथ मारपीट उसकी जाति और धर्म की वजह से हुई है. वे कहते हैं,

"वह (जाकिर) बॉडी बिल्डर था. उसने बॉडी बना रखी थी. वह घूमने-फिरने के लिए गया था. इस दौरान लोगों ने धार्मिक और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उसे पकड़ लिया. 10-20 लोग थे."

वे आगे बताते हैं कि जाकिर ने पकड़े जाने के बाद उन्हें फोन किया था. जिसके बाद उन्होंने अपने बड़े बटे नेहाल कुरैशी को मदद के लिए भेजा था, "जब लोगों ने उसे पकड़ लिया तो, उसने (जाकिर) मुझे फोन किया और पूरी बात बताई. मैं घर पर था. मैंने अपने बड़े बेटे को फोन किया और देखने भेजा. हम दोनों लोग उसे ढूंढ़ने के लिए निकले. कुछ देर बाद जाकिर का फोन लगना बंद हो गया. जब नेहाल मौके पर पहुंचा तो देखा कि कई लोग जाकिर को बांधकर पीट रहे थे. नेहाल ने बीच-बचाव की कोशिश की तो लोगों ने फिर धार्मिक और जाति सूचक शब्दों को इस्तेमाल करते हुए उसके साथ भी मारपीट की."

"गली-गली ढूंढते हुए जब मैं आ रहा था, तो लोग बात कर रहे थे और कह रहे थे कि 'लोगों ने दो मुस्लिमों के साथ खूब मारपीट की है.' ये सुनते ही जब मैं जाने लगा तो लोगों ने मुझे यह कहते हुए रोक दिया कि मेरे साथ भी मारपीट हो सकती है."
नन्हे कुरैशी

वे आगे बताते हैं, "इसके बाद मैं थाने गया और बड़ा बाबू (SHO) से चलने के लिए कहा. हम थाने से निकले ही थे कि देखा कि कुछ लोग मेरे दोनों बच्चों को टैम्पो पर लादकर अस्पताल ले जा रहे हैं."

हॉस्पिटल में भर्ती नेहाल कहते हैं, "हम दौड़कर गए और देखे कि वो लोग जाकिर को मार रहे थे. हम उनसे मारपीट का कारण भी पूछे, लेकिन इतने में वे लोग हमको गाली देने लगे और जाति सूचक शब्द बोलते हुए हमको भी मारने लगे. हमको लगा कि हम मार खा लेते हैं, मेरा भाई बच जाएगा. लेकिन वो बच नहीं पाया, मर गया."

बेटे की मौत से मां सदमे में हैं. रोते हुए कहती हैं, "मेरे लड़के को मारकर लोगों ने बालू पर फेंक दिया. अगर ये लोग नहीं जाते तो दूसरे लड़के को भी मार देते."

नन्हे कुरैशी के चार लड़के और तीन लड़कियां हैं. जाकिर छोटा बेटा था, जबकि नेहाल उससे बड़ा था.

4 आरोपी गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी

तहरीर में मृतक जाकिर के भाई नेहाल कुरैशी ने आरोप लगाया है, "छोटा तेलपा दक्षिण टोला में पंकज कुमार का खटाल है. उसी जगह पर मेरे भाई जाकिर कुरैशी के साथ हाथ-पैर बांधकर लाठी-डंडे और लोहे की रॉड से मारपीट हुई है. जब मैंने मारपीट करने से मना किया तो मेरे ऊपर भी जानलेवा हमला किया गया."

नेहाल की तहरीर पर 12 मई को नगर थाने में 6 नामजद सहित 10-15 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी.

पुलिस ने बीएनस की धारा 103(1) (हत्या), 109 (हत्या का प्रयास), 126(2) (गलत तरीके से रोकना), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 125(बी) (किसी व्यक्ति की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), 352 (जानबूझकर अपमान और लोकशांति भंग करने के इरादे से उकसाना), 351(2) (आपराधिक धमकी) और 3(5) (कई लोगों द्वारा सामान्य उद्देश्य से एक अपराध करना) के तहत मामला दर्ज किया था.

क्विंट हिंदी से बातचीत में सारण एसएसपी कुमार आशीष ने बताया, "इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं तीन आरोपियों के खिलाफ वारंट की मांग की गई है. वारंट मिलने पर कुर्की की कार्रवाई की जाएगी."

नामजद आरोपियों में से पंकज कुमार और मिंटू राय को पुलिस ने वारदात के एक दिन बाद 12 मई को गिरफ्तार किया था. वहीं दो अन्य आरोपियों- सागर और सनी कुमार को 15 मई को गिरफ्तार किया गया है.

जानकारी के मुताबिक, मृतक जाकिर करीमचक मोहल्ले का रहने वाले थे. यहां कुरैशी समुदाय के लोग रहते हैं. वहीं छोटा तेलपा में नामजद आरोपी पंकज कुमार का खटाल है, जहां मारपीट हुई थी. दोनों मोहल्ले की दूरी करीब एक किलोमीटर है.

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"डॉक्टर छोड़कर भाग गए"

गंभीर हालत में जाकिर और नेहाल को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. जाकिर के पिता डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहते हैं, "जब मैं अपने बेटों को लेकर अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर ने सही से चेकअप नहीं किया और अल्ट्रासाउंड टेस्ट लिखकर मौके से भाग गए."

उन्होंने बताया कि जब लोग जाकिर का अल्ट्रासाउंड करवाकर लाए, तब तक उसकी मौत हो गई थी. वहीं नेहाल को गंभीर हालत में पटना रेफर कर दिया गया था. PMCH में उनका इलाज चल रहा है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक आरएन तिवारी ने इन आरोपों को खारिज हुए क्विंट हिंदी से कहा,

"पब्लिक मारने के लिए दौड़ेगी या हल्ला-हंगामा करेगी तो डॉक्टर क्या करेंगे. डॉक्टर भागे नहीं थे, डर से छिप गए थे. यहां गार्ड की व्यवस्था बहुत सही नहीं है. डॉक्टरों की सुरक्षा भी तो जरूरी है. डॉक्टर मरीज को छोड़कर नहीं भागे थे. इलाज किया गया है."

पूरे मामले का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें कई लोग कथित तौर पर जाकिर के साथ मारपीट करते दिख रहे हैं. मीडिया से बातचीत में एसपी (ग्रामीण) शिखर चौधरी ने कहा, "मामले में जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसका भी सत्यापन करवाया गया है. इसी घटना से संबंधित वीडियो है."

वहीं पुलिस ने भ्रामक खबरें और मामले को सांप्रदायिक रंग देने के आरोप में दो फेसबुक और एक इंस्टाग्राम अकाउंट के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया है.

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