साल 2022 खत्म होने वाला है और एक नया साल दस्तक देने को है. अब पीछे मुड़कर जब 2022 को देखते हैं तो लगता है कि वैश्विक स्तर पर यह सही अर्थों में उठा-पटक वाला था. तीसरे विश्वयुद्ध की आहट, अपने हक के लिए रूढ़िवादी देशों में आवाज उठाती महिलाएं, तख्तापलट, आर्थिक संकट में डूबते देश और न जाने क्या क्या. यह साल दुनिया को अच्छे, बुरे और सहमा देने वाले घटनाओं के साथ हमें चौंका देने से नहीं थका.
हम लेकर आए है 2022 में वैश्विक स्तर पर हुईं ऐसी घटनाएं और डेवलपमेंट जिन्होंने दुनिया में खूब सुर्खियां बटोरीं और लोगों में कौतूहल बनाए रखा.
1. Russia-Ukraine War- पुतिन के एक फैसले से जब पैदा हुआ तीसरे वर्ल्डवॉर का डर
24 फरवरी 2022 को रूस ने सभी डर को सच साबित करते हुए यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया और इस घटना ने दुनिया की स्थिति को नाटकीय रूप से बदल दिया. दुनिया ने अपने-अपने टेलीविजन पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा की गयी युद्ध की घोषणा सुनी.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से किसी यूरोपीय देश पर मास्को के सबसे बड़े हमले ने हजारों लोगों को अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर किया. अबतक इस युद्ध में लाखों सैनिक और आम नागरिकों की मौत हो गयी है.
इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध ने दुनिया के सप्लाई चेन पर असमान रूप से बड़ा प्रभाव डाला. इसकी वजह से तेल से लेकर खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेज वृद्धि देखने को मिली.
2. अमेरिकी स्पीकर के ताइवान दौरे से जब भड़का चीन
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने चीन की ओर से लगातार बढ़ती चेतावनी और धमकियों को धता बताते हुए 2 अगस्त को ताइवान (Nancy Pelosi in Taiwan) में उतरीं. तब तक रूस-यूक्रेन युद्ध से सहमी दुनिया की नजर अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव की ओर मुड़ गयी.
राष्ट्रपति बाइडेन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बाद सीनियरिटी क्रम में तीसरे स्थान की पेलोसी की यह यात्रा इसलिए भी खास थी, क्योंकि पिछले 25 सालों में ताइवान का दौरा करने वाली वह अमेरिका की सर्वोच्च निर्वाचित प्रतिनिधि थी.
ताइवान को अपना बताने वाले चीन ने इस यात्रा का पुरजोर विरोध किया और अपना गुस्सा ताइवान से लगे समुद्री क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधि को आसमान रूप से बढ़ा कर दिखाया.
3. ईरान से अफगानिस्तान तक,अपने हक के लिए सड़क पर आईं औरतें
ईरान में 22 साल की कुर्द महिला महसा अमिनी को सही तरीके से हिजाब न पहनने के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया और उनकी हिरासत में ही मौत हो गयी. इस घटना के बाद ईरान में ऐसा विरोध खड़ा हुआ जो वहां की रूढ़िवादी सरकार ने सोचा न होगा. सड़क से कॉलेज तक औरतें सड़क पर उतर आईं और पूरी दुनिया ने उनका सरकार का खुला विरोध करते देखा.
ईरान में अभी औरतों का विरोध थमा नहीं था कि कुछ ऐसा ही अफगानिस्तान में देखने को मिला. ईरान की तालिबानी सरकार ने दिसंबर में लड़कियों के लिए स्कूल के बाद यूनिवर्सिटी भी बैन कर दिया. जिस तालिबान के हिंसक फरमानों का कहर पूरी दुनिया ने आज तक देखा है, उसकी परवाह किए बिना वहां की लड़कियां अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतर आईं.
4. कोरोना धीमा पड़ा और फिर बढ़ा दी रफ्तार
इस सदी में पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाली पहली महामारी- कोरोना का असर 2022 में भी देखने को मिला. भारत समेत कई देशों में बड़े पैमाने पर वैक्सीन लगने के बाद इसकी रफ्तार धीमी पड़ी तो दुनिया को लगा कि अब राहत की सांस ले सकते हैं. WHO के महानिदेशक ने सितंबर में यहां तक कहा था कि महामारी का अंत दिखने लगा है. लेकिन साल के खत्म होते-होते चीन से कोरोना के असर के भयावह दृश्य सामने आने लगे. कोरोना से कई देशों में लोग अभी भी बड़े स्तर पर मर रहे हैं. भारत ने भी सतर्कता बढ़ाते हुए इन देशों से आने वाले यात्रियों के लिए नेगेटिव कोरोना रिपोर्ट अनिवार्य कर दिया है.
5. कोरोना के बाद मंकीपॉक्स से सहमी दुनिया
मई 2022 की शुरुआत से लेकर अबतक दुनिया के 110 देशों ने मंकीपॉक्स (अब MPox) के मामले आए हैं. WHO के अनुसार 15 दिसंबर तक Mpox के लगभग 83,000 मामलों की पुष्टि हुई है. WHO ने 23 जुलाई को चल रहे प्रकोप को वैश्विक इमरजेंसी, यानी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कन्सर्न (PHEIC) घोषित किया. अबतक पश्चिम और मध्य अफ्रीका में पाया जाने वाला मंकीपॉक्स 2022 की शुरुआत में ऐसे लोगों में फैलने लगा, जिनका उन क्षेत्रों में यात्रा का कोई पूर्व इतिहास नहीं था.
6. दुनिया की आबादी 8 अरब के पार
15 नवंबर को दुनिया की आबादी 8 अरब के पार हो गयी. माना जा रहा है कि भारत (India) 2023 में दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकल जाएगा. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNPF) के मुताबिक, दुनिया की आबादी 7 अरब से 8 होने में कुल 12 साल लगे हैं. वहीं, इसे 8 अरब से 9 अरब होने में 15 साल लग सकते हैं क्योंकि जनसंख्या वृद्धि की दर कम हुई है.
7. श्रीलंका को आर्थिक संकट ने राजनीतिक अस्थिरता में धकेला
श्रीलंका ने अपने आजाद इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक संकट देखा. जनता सड़क पर आ गयी और ऐसी अराजकता फैली की राष्ट्रपति भवन तक सुरक्षित नहीं रह पाया. जैसे-जैसे महंगाई आसमान छूती गई, श्रीलंका की जनता उग्र होती गयी. 9 जुलाई को प्रदर्शनकारी तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के घर में घुस गए. गोटबाया को अपने इस्तीफे की घोषणा करने से पहले देश छोड़ना पड़ा. राष्ट्रपति पद पर रानिल विक्रमसिंघे बैठे.
8. ब्रिटेन को पहली बार मिला गैर-श्वेत प्रधानमंत्री, महारानी की हुई मौत
अक्टूबर के आखिर में ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधान मंत्री बने. सुनक 200 से अधिक वर्षों के लिए ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधान मंत्री और इसके पहले गैर-श्वेत लीडर भी हैं. इसके अलावा सबसे लंबे समय तक ब्रिटेन पर शासन करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का स्कॉटलैंड में 8 सितंबर को निधन हो गया. उन्होंने इस पद पर रहते हुए द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की मंदी, उपनिवेशों की आजादी , शीत युद्ध की समाप्ति, और यूके का यूरोपीय यूनियन में जाना और इससे बाहर निकलना - ये सब कुछ देखा था.
9. इमरान खान की जगह शाहबाज बने पाकिस्तान के 'वजीर-ए-आजम'
अप्रैल 2022 में इमरान खान को पाकिस्तान के प्रधान मंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी. इमरान पाकिस्तान में अविश्वास मत हारने के बाद सत्ता खोने वाले पहले प्रधान मंत्री बने. इसके बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ नए पीएम बने.
10. जापान के पूर्व PM शिंजो आबे की हत्या
जापान के पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे की 8 जुलाई को हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड के वक्त वो छोटी राजनीतिक सभा को संबोधित कर रहे थे. गोली मारने के आरोपी व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि उसने आबे को निशाना बनाया क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर एक धार्मिक समूह को बढ़ावा दिया था. कथित शूटर ने कहा कि वह परेशान था क्योंकि यूनिफिकेशन चर्च नामक धार्मिक समूह ने उसकी मां को दिवालिया कर दिया था.