ADVERTISEMENTREMOVE AD

Gut Health: ठंड में अपने पेट का कैसे रखें ख्याल, एक्सपर्ट से जानें

Gut Health Tips: सर्दियों में कई तरह के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं होती हैं.

Published
story-hero-img
i
Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

Winter Gut Health Tips: सर्दी का मौसम ठंड के साथ हेल्थ के लिए कई तरह की चुनौतियां भी लेकर आता है. ठंड के मौसम में कॉमन कोल्ड, स्ट्रोक, हार्ट अटैक, एलर्जी जैसी समस्याएं तो बढ़ती हैं ही और साथ ही बढ़ती हैं पेट से जुड़ी समस्याएं भी. सर्दियों में बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों के आकर्षण के बीच, पाचन स्वास्थ्य के प्रति सचेत होना भी जरूरी है. आइए जानते हैं एक्सपर्ट से किस तरह इन सर्दियों में अपने पेट को हेल्दी रखा जाए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सर्दियों का आकर्षक खानपान

ठंड शुरू होते ही हम हॉट चॉकलेट, मीठे पकवान, स्टफ्ड पराठों का लुफ्त उठाने लगते है. इन 'नॉट सो हेल्दी' फूड आइटम्स का अधिक सेवन करने से पाचन (digestion) के लिए हमारे पेट में मौजूद माइक्रोऑर्गैनिज्म, नुट्रिएंट अब्सॉर्प्शन और इम्यून बैलेंस पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

"सर्दियों का भोजन इस संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे हानिकारक बैक्टीरिया का ग्रोथ हो सकता है और गुड बैक्टीरिया की कमी हो सकती है. ऐसा होने पर असुविधा, ब्लोटिंग और अनियमित बोवेल मूवमेंट हो सकता है."
डॉ. प्रदीप्त कुमार सेठी, डायरेक्टर- गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, कोलकाता

सर्दी के मौसम का पाचन पर पड़ सकता ये प्रभाव

  • ठंड में आउटडोर एक्टिविटी काम हो जाती है, जो सेडेंटरी लाइफस्टाइल की तरफ ले जाती है.

  • कम फिजिकल एक्टिविटी हेल्थ को प्रभावित करती है और हमारी पाचन शक्तियों को कमजोर कर देती है.

  • सर्दियों में कमजोर पाचन प्रक्रिया के कारण ब्लोटिंग, गैस और पोस्ट-मील हेवीनेस जैसे लक्षण हो सकते हैं.  

  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मोटिलिटी रिडक्शन: गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की गति का धीमा होना, पाचन तंत्र के चिकने फूड पैसेज को प्रभावित करता है.

  • गैस्ट्रिक स्टैसिस: ऐसी स्थिति जहां पेट को खाली करने में अधिक समय लगता है, जिससे असुविधा और भारीपन महसूस होता है.

  • स्मॉल इंटेस्टिनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ (SIBO): पाचन तंत्र में मोबिलिटी कम होने से स्मॉल इंटेस्टाइन में बैक्टीरिया का अधिक ग्रोथ हो सकता है, जिससे पेट में परेशानी, ब्लोटिंग और बोवेल मूवमेंट्स में बदलाव हो सकता है.

सर्दियों में कई तरह के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं होती हैं

  • कॉन्स्टिपेशन: सर्दियों में होने वाली एक आम समस्या है अनियमित बोवेल मूवमेंट्स. कम फिजिकल एक्टिविटी, फैटी फूड अधिक खाना और कम पानी पीना इसका कारण हैं.

  • मौजूदा कंडीशंस का बढ़ना: सर्दियों में मौजूद कंडीशंस जैसे अनियमित बोवेल सिंड्रोम (IBS), गैस्ट्रो-एसोफागाल रिफ्लक्स डिजीज(GERD) को और बिगाड़ देती हैं, जिससे पेट में दर्द, ब्लोटिंग और दूसरी पाचन समस्याएं हो सकती हैं.

  • डिस्पेप्सिया: डिस्पेप्सिया या अपच, ब्लोटिंग और नौसिया जैसे लक्षण शामिल हैं, जो सर्दियों के मौसम में सामने आ सकते हैं.

  • इंफ्लेमेटरी बोवेल डिजीज (IBD): सर्दियों का मौसम, IBD से पीड़ित व्यक्तियों में लक्षणों को बढ़ा सकता है, जिससे डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में सूजन और असुविधा हो सकती है.

  • डायवर्टीकुलिटिस: ठंड का मौसम और आहार में बदलाव से कोलोन (डायवर्टिकुला) में इंफ्लेमेटरी सूजन हो सकती है, जिससे पेट में दर्द और बोवेल हैबिट्स में बदलाव हो सकता है.

सर्दियों में अपने गट हेल्थ को हेल्दी रखने के टिप्स

  • भोजन में संयम: सर्दियों के पसंदीदा खाने का स्वाद लेते समय, पेट के माइक्रोबायोटा बैलेंस को बिगड़ने से रोकने के लिए मॉडरेशन जरुरी है.

  • फाइबर युक्त बैलेंस्ड डाइट: फाइबर युक्त आहार का सेवन, अपच की परेशानियां घटा देती है और डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में में फ्लो को बनाए रखती है.

  • हाइड्रेशन महत्वपूर्ण है: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरुरी है, क्योंकि यह स्टूल को नरम करता है और सुचारू पाचन को बढ़ावा देता है.

  • गट हेल्थ के लिए प्रोबायोटिक्स: दही या सप्लीमेंट्स जैसे फर्मेंटेड फूड्स के माध्यम से सर्दियों की दिनचर्या में प्रोबायोटिक्स शामिल करें. प्रोबायोटिक्स लाभकारी बैक्टीरिया के डेवलपमेंट को बढ़ावा देते हैं, पाचन को बढ़ाते हैं, इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं और सर्दियों के 'नॉट सो हेल्दी' खाने के प्रभाव को कम करते हैं.

  • हर्बल चाय के फायदे: गर्म हर्बल चाय, जैसे पुदीना या अदरक, डाइजेस्टिव सिस्टम को राहत प्रदान कर सकते हैं, जिससे सूजन के लक्षण कम हो सकते हैं.

  • जेंटल एक्सरसाइज रूटीन: ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देने और डाइजेस्टिव ट्रैक्ट को स्टिमुलेट करने के लिए कोई योग या छोटी सैर जैसे हल्के व्यायाम को सर्दियों की रूटीन में शामिल करें.

  • माइंडफुल ईटिंग प्रैक्टिस: भोजन को अच्छी तरह चबाएं और ध्यानपूर्वक खाएं, प्रत्येक टुकड़े का स्वाद चखें. यह बेहतर पाचन में सहायता करता है और अधिक खाना खाने से रोकता है.

"आने वाली चुनौतियों को समझकर, प्रोएक्टिव उपाय अपनाकर और अपने आहार और लाइफस्टाइल चॉइस के प्रति सचेत रहकर, हम अपने पेट के हेल्थ को बनाए रखते हुए सर्दियों का लुफ्त उठा सकते है."
डॉ. प्रदीप्त कुमार सेठी, डायरेक्टर- गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, कोलकाता
Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×