ADVERTISEMENTREMOVE AD

World Thalassemia Day: बीटा-थैलेसीमिया माइनर हैं, तो प्रेग्‍नेंसी में रखें ध्यान

थैलेसीमिया एक ऐसा रोग है, जो आमतौर पर जन्म से ही बच्चे को अपनी गिरफ्त में ले लेता है.

Updated
story-hero-img
i
Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

World Thalassemia Day 2023: थैलेसीमिया एक जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर है, जिस वजह से माता-पिता से ये डिसऑर्डर बच्चों तक भी जा सकता है. इसमें शरीर के हीमोग्लोबिन पर असर पड़ता है. इस की वजह से प्रेग्नेंसी में गंभीर एनीमिया की समस्या देखने को मिल सकती है. अगर आप जल्‍द ही मां बनने वाली हैं और आप बीटा-थैलेसीमिया माइनर भी हैं, तो आपको यहां एक्सपर्ट की बताई बातों की जानकारी होना जरूरी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

1. बीटा-थैलेसीमिया माइनर आमतौर पर बिना किसी लक्षण वाले माइल्‍ड एनीमिया के तौर पर होता है. यह एक प्रकार का जेनेटिक डिसऑर्डर है.

"यह हैटरोजाइगस स्‍टेट है, जिसमें एक बीटा-ग्‍लोबिन जीन प्रभावित होती है, जबकि दूसरी नॉर्मल होती है. ऐसे में, स्वस्थ जीन की एक प्रतिलिपि ही आपके शरीर की जरूरत को पूरा करने लायक बीटा-ग्‍लोबिन का निर्माण करती है."
डॉ. मीतू श्रीखंडे, डायरेक्‍टर-हिमेटोलॉजी, फोर्टिस हॉस्‍पीटल, वसंत कुंज

डॉ. मीतू श्रीखंडे आगे कहती हैं कि अगर किसी व्यक्ति में दोनों जीन्स एब्नार्मल होती हैं, तो वह बीटा-थैलेसीमिया मेजर कहलाता है, जिसके चलते वह ब्लड ट्रांसफ्यूजन पर निर्भर होता है. उसका जीवनकाल भी कम होता है और साथ ही, कई तरह की चुनौतियों का भी सामना उसे करना पड़ता है.

2. बीटा-थैलेसीमिया माइनर महिला को गर्भावस्था के दौरान, खासतौर से प्रेग्नेंसी के दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्‍टर में अक्सर एनीमिया की शिकायत होती है.

3. बीटा-थैलेसीमिया माइनर होने की वजह से प्रेग्नेंसी में किसी प्रकार का नकारात्मक असर नहीं पड़ता, लेकिन ऐसी महिला की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखनी होती है. खासतौर से हिमेटोलॉजिस्‍ट्स, मैटरनल और फीटल स्पेशलिस्ट को लगातार गर्भवती महिला के स्वास्थ्य और गर्भावस्था पर नजर रखना जरूरी होता है.

4. बीटा-थैलेसीमिया जीन्‍स के जरिए आनुवांशिक रूप से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंचने वाला विकार है और गर्भवती महिलाओं से उनके शिशु को जा सकता है. इसलिए अपने पार्टनर का स्‍टेटस जानना और जांचना जरूरी होता है ताकि आपके शिशु को इससे कितना जोखिम है, यह पता लगाया जा सके.

5. आपका पार्टनर बीटा-थैलेसीमिया से प्रभावित नहीं है, तो ऐसे में आपके शिशु को बीटा-थैलेसीमिया मेजर होने का कोई खतरा नहीं है लेकिन उसके बीटा-थैलेसीमिया माइनर होने की आशंका 50% होती है.

6. आपका पार्टनर अगर बीटा-थैलेसीमिया ट्रेट से प्रभावित है, तो आपके शिशु को बीटा-थैलेसीमिया मेजर होने की आशंका 25% होती है, जबकि उसके इस ट्रेट का वाहक होने की आशंका 50 % रहती है.

7. शिशु के बीटा-थैलेसीमिया मेजर होने की आशंका होती है, तो ऐसे में जेनेटिक काउंसलिंग की सलाह दी जाती है. बीटा-थैलेसीमिया मेजर से ग्रस्‍त शिशु के जन्‍म को रोकने के लिए इस पूरे मामले की जानकारी होना काफी महत्‍वपूर्ण है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

8. गर्भावस्था की शुरुआत में कोरियोनिक विलस बायप्‍सी और एम्नियोसें‍टेसिस जैसी तकनीकों से यह पता लगाना संभव होता है कि गर्भस्‍थ भ्रूण बीटा-थैलेसीमिया मेजर है या नहीं.

9. बीटा-थैलेसीमिया माइनर की प्रेगनेंसी का समय काफी जटिल हो सकता है, ऐसा एनीमिया यानी आयरन, बी12 और फोलेट की कमी के कारण होता है. इसलिए सही पोषणयुक्‍त खुराक लेना और सप्‍लीमेंट्स का सेवन जरूरी है लेकिन साथ ही अधिक आयरन से बचना चाहिए.

10. बीटा-थैलेसीमिया माइनर को गर्भावस्था के दौरान फोलेट सप्‍लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है.

Published: 
Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×