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NMC ने विरोध के बाद नए कॉन्ट्रोवर्शियल गाइडलाइन को होल्ड पर डाला, क्या है मामला?

इस महीने की शुरुआत में NMC द्वारा जारी नोटिफिकेशन में डॉक्टरों के लिए जेनेरिक दवाएं लिखना अनिवार्य कर दिया गया था.

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नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) ने गुरुवार, 24 अगस्त को नोटिफाई किया कि उन्होंने मेडिकल एथिक्स पर लेटेस्ट गाइडलाइन, जो इस महीने की शुरुआत में जारी किए गए थे, को स्थगित करने का निर्णय लिया है.

NMC ने इस पर रोक क्यों लगाई? इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा नए गाइडलाइनों का विरोध क्यों किया गया? पता लगाने के लिए आगे पढ़ें.

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नए डेवलपमेंट्स: NMC द्वारा 24 अगस्त को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 2 अगस्त, 2023 को जारी किए गए नेशनल मेडिकल कमिशन रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर (प्रोफेशनल कन्डक्ट) रेग्युलेशन को "इमीडिएट इफेक्ट के साथ स्थगित किया जाता है."

NMC का कहना है कि रेग्युलेशन के प्रोविजन तब तक प्रभावी नहीं होंगे जब तक इसे ऑफिशियल तौर पर नोटिफाई नहीं किया जाता है.

इस बीच, रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनरों को इंडियन मेडिकल काउंसिल (प्रोफेशनल कन्डक्ट, एटिकेट और एथिक्स) रेग्युलेशन, 2002 में नोटिफाई किये गए नियमों और रेग्युलेशनों का पालन करना होगा.

इससे पहले की स्थिति: इसके ठीक कुछ दिन पहले, 21 अगस्त को, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर कहा था कि IMA के एक डेलिगेशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया से मुलाकात की थी ताकि सरकार को नए गाइडलाइन, विशेष रूप से वह क्लॉज जो RMPs के लिए जेनेरिक दवा प्रिस्क्राइब करना अनिवार्य बनाता है, पर पुनर्विचार करने के लिए राजी किया जा सके.

पुराने गाइडलाइन का परिणाम: 2 अगस्त को जारी किए गए गाइडलाइनों ने मेडिकल प्रैक्टिशनरों के बीच हंगामा पैदा कर दिया था और देश के सबसे बड़े डॉक्टरों के संगठन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इसका विरोध किया था.

प्रस्तावित गाइडलाइन में कॉन्ट्रोवर्शल (controversial) खंड कहता है:

"जेनेरिक दवाएं लिखना: प्रत्येक RMP को साफ रूप से लिखे गए जेनेरिक नामों का उपयोग करके दवाएं लिखनी चाहिए और अनावश्यक दवाएं और इरेशनल फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन टैबलेट नहीं देनी चाहिए. (एल1 और/या एल2) (जेनेरिक ड्रग्स और प्रिस्क्रिप्शन गाइडलाइन्स)."

उन्होंने क्या कहा: नए गाइडलाइनों का विरोध करने वाले कुछ विशेषज्ञों ने इसे 'कन्फ्यूजिंग' और 'इरेशनल' बताया.

फिट से किसी दूसरे आर्टिकल के लिए बात करते हुए IMA-JDN, महाराष्ट्र के महासचिव डॉ. ऐश्वर्या यादव ने कहा कि IMA ने गाइडलाइनों के खिलाफ एक ऑफिशियल बयान इसलिए निकाला है ताकि चिकित्सा समुदाय में भय और असंतुलन पैदा न हो.

उन्होंने कहा था, ''हमें लगता है कि मैनडेट बनने से पहले अपनी आवाज उठाना बेहतर है.''

आगे क्या: IMA और फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने नए गाइडलाइनों को सस्पेन्ड करने के NMC के फैसले को 'बड़ी जीत' बताया.

RMP के लिए एथिक्स और इसके इम्प्लीमेंटेशन पर 2023 गाइडलाइन में बदलाव किया जाएगा या नहीं, इस पर आगे स्पष्टीकरण की प्रतीक्षा है.

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