ADVERTISEMENTREMOVE AD

मॉनसून में कैसे रहें फिट? जानिए आयुर्वेदिक टिप्स

बारिश के इस मौसम में खुद को कैसे रखें हेल्दी और फिट, जानिए कुछ आयुर्वेदिक टिप्स. 

Updated
story-hero-img
i
Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

चिलचिलाती गर्मी के बाद बारिश की फुहारें राहत का एहसास दिलाती हैं. जबरदस्त गर्मी से निजात मिलने के बाद हर कोई अदरक की चाय, मसालेदार सूप और तले हुए स्नैक्स का आनंद लेने के सपने देखता है. हर साल जून से सितंबर तक चलने वाला मॉनसून का दिल खुश कर देने वाला मौसम अपने साथ हेल्थ से जुड़ी कई समस्याएं भी लाता है.

अधिक ह्यूमिडिटी के साथ कम तापमान में कीटाणुओं का पनपना आसान हो जाता है. इस मौसम के दौरान एलर्जी, फ्लू, स्किन पर चकत्ते और अपच होने की ज्यादा आशंका होती है. नम मौसम डेंगू, टाइफाइड, वायरल बुखार, निमोनिया और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों को बढ़ाता है. बारिश के बाद जमा हुए पानी में मच्छर पैदा होते हैं और बीमारियों का कारण बनते हैं. हवा में नमी होती है, इस नमी के कारण लोगों में फंगल इंफेक्शन और स्किन पर चकत्ते की आशंका बढ़ जाती है.

इम्यून सिस्टम की कमजोरी आपको बीमारी की चपेट में ले लेती है. मजबूत इम्यून सिस्टम, एक हेल्दी बॉडी का बेस होता है, जो इंफेक्शंस से लड़ने में मदद करता है. बीमार होने की स्थिति में इलाज जरूरी है. हालांकि इम्यूनिटी को मजबूत करना हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मॉनसून को लेकर आयुर्वेद क्या कहता है?

आयुर्वेद के अनुसार, जब सूर्य दक्षिण की ओर बढ़ता है तो तीन ऋतुएं, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु और शीत ऋतु दक्षिणी संक्रांति में पड़ती हैं. ये पृथ्वी को ठंडा करती हैं. ऐसे समय में, जीवित प्राणियों को बीमारियों से बचाने के लिए एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यून सिस्टम की जरूरत होती है.

मॉनसून के दौरान वात और पित्त दोष बढ़ते हैं और बॉडी सिस्टम को कमजोर करते हैं. पित्त दोष के बढ़ने से पाचन तंत्र प्रभावित होता है. यह सुस्त हो जाता है, जिससे भूख कम लगती है. दोषों का संतुलन करने से सुधार होता है और शरीर व मन फिर से तरोताजा महसूस करता है.

मॉनसून के लिए आयुर्वेदिक टिप्स

आयुर्वेद बारिश के मौसम में बीमारियों से लड़ने के लिए कुछ पद्धतियों या क्रियाओं को बताता है.

स्नान क्रिया

ऑयल मसाज और गर्म पानी से स्नान वात दोष को शांत करने में मदद करते हैं. मॉनसून में स्किन को साफ, हेल्दी रखने और स्किन की समस्याओं को रोकने के लिए इनकी सलाह दी जाती है. ये स्नान विषाक्त (Toxic) पदार्थों को हटाने में भी मदद करते हैं.

मॉनसून के दौरान प्राणायाम

ब्रीदिंग एक्सरसाइज आपकी सेहत में चमत्कार कर सकती है. हमारा बिजी शेड्यूल हमें इतना अधिक प्रभावित करता है कि हम शायद ही ठीक से सांस ले पाते हैं. प्राणायाम का अभ्यास प्राणिक ऊर्जा को पुनर्जीवित करता है. सांस लेने से जुड़ी इन एक्सरसाइज को करने का सही तरीका जानें. इन्हें नियमित रूप से करने से मन शांत होता है और हेल्थ भी ठीक रहती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मॉनसून के डाइट टिप्स

मॉनसून के दौरान पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है. आयुर्वेद हल्के और पौष्टिक आहार की सलाह देता है. लौकी, तोरी और भिंडी जैसी मौसमी सब्जियां खानी चाहिए. दूध और गाय के घी की भी सलाह दी जाती है. पुरानी जौ, उबले और हल्के कद्दू और मूंग की दाल फायदेमंद हैं.

हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त पानी पीना आवश्यक है. रोजाना च्यवनप्राश खाने से विटामिन C की खुराक मिल सकती है, जिससे इम्यून क्षमता बढ़ेगी. चाय में तुलसी के कुछ पत्ते मिलाकर पीने से सर्दी, खांसी और अपच दूर होती है.

मॉनसून के एक्सरसाइज टिप्स

मॉनसून सुस्त होने या बैठे रहने का का कारण नहीं हो सकता है. इस मौसम में लाइट एक्सरसाइज और योग की सलाह दी जाती है. एक सिंपल और प्रैक्टिकल एक्सरसाइज रूटीन बनाएं. इसका सख्ती से पालन करें. रेगुलर एक्सरसाइज का फिजिकल, इमोशनल और मेंटल हेल्थ पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आयुर्वेदिक डाइट टिप्स

  1. घर का ताजा बना खाना खाएं
  2. उबला हुआ पानी पिएं.
  3. पत्तेदार सब्जियां, आलू, गाजर, कच्ची सब्जियां, मटर, मसूर से बचें
  4. मिठाई, तले हुए भोजन, कोल्ड ड्रिंक और आइस क्रीम खाने से बचें
  5. बासी, भारी भोजन, एसिडिक और खट्टे फूड प्रोडक्ट्स जैसे अचार, चटनी और दही न लें
  6. खाने में लाल चावल, ज्वार (ग्रेट बाजरा), रागी कबूतर, हरे चने और कुलीथ, नारियल और खजूर शामिल करें
  7. हल्दी, अदरक, सेंधा नमक, धनिया, जीरा, हींग, काली मिर्च और पीपर लौंग शामिल करें

मॉनसून में काम आएंगे ये आयुर्वेदिक नुस्खे

  1. बॉडी में इक्ट्ठा हुए टॉक्सिन्स को बाहर निकालने के लिए सुबह एक चम्मच शहद और नींबू का रस मिलाकर एक गिलास गर्म पानी पिएं.
  2. एक कप पानी में कुछ तुलसी के पत्ते, 2-3 काली मिर्च के दाने, 1 - 2 लौंग और अदरक का एक टुकड़ा उबालें. इसे उबालकर आधा कर लें. इसे सामान्य रूप से ठंडा होने दें. जुकाम, फ्लू और गले के संक्रमण को रोकने के लिए एक चम्मच शहद मिलाएं और पीएं.
  3. कच्ची हल्दी का एक छोटा टुकड़ा पीसें और रस (1/2 चम्मच) निकालें. इसे तीन दिनों तक दिन में दो बार लें. यह गले की खराश दूर करने के लिए एक बेहतरीन उपाय है.
  4. बेहतर पाचन के लिए, एक गिलास पानी में अदरक के छोटे टुकड़े के साथ अजवायन, धनिया और जीरा को उबालें. इसे अच्छी तरह मिलाकर पीएं.
  5. एक गिलास पानी में कुछ पुदीने की पत्तियां उबालें. इसे आंच से हटा लें. नींबू का रस मिलाएं और पीएं. यह हर्बल ड्रिंक अपच में मदद करती है.
  6. आयुर्वेद बीमारियों की रोकथाम और बॉडी सिस्टम को मजबूत बनाने पर जोर देता है. एक मजबूत शरीर स्वस्थ रहने के लिए किसी भी मौसम की स्थिति में आसानी से खुद को एडजस्ट कर लेता है.
  7. बारिश में डांस करने के लिए फिट और खुश रहें.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

(नूपुर रूपा एक फ्रीलांस राइटर और मदर्स की लाइफ कोच हैं. नूपुर पर्यावरण, भोजन, इतिहास, पालन-पोषण और यात्रा पर आर्टिकल लिखती हैं.)

Published: 
Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×