Heat wave In North India: भारत के पूर्वोतर राज्यों में फिलहाल झुलसती गर्मी और लू से राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे है. हीट वेव की गंभीर होती स्थिति को देखते हुए आईएमडी (IMD) ने अगले 5 दिनों के लिए रेड एलर्ट जारी किया है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि दिन के समय तापमान 47 डिग्री के पार जा सकता है.
क्या हीट वेव से होने वाली बीमारियां बढ़ रही हैं? लू या हीट स्ट्रोक लगने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं? हीट वेव से बीमार होने पर किन इमरजेंसी संकेतों पर नजर रखनी चाहिए? हीट वेव से होने वाली समस्या का रिस्क किसे अधिक है? हीट वेव में खुद को स्वस्थ और सुरक्षित कैसे रखें? फिट हिंदी ने इन सवालों के जवाब जानें एक्सपर्ट्स से.
हीट वेव से बीमार होने वालों की संख्या बढ़ रही
दिल्ली-एनसीआर में हीट वेव से बीमार पड़ने के मामले बढ़ने की बात कहते हुए नोएडा, मेट्रो हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसलटेंट डॉ. सैबल चक्रवर्ती बताते हैं कि गर्मी बढ़ने के बाद अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, अभी इनमें 10-15% की बढ़त देखी जा रही है. एक्सपर्ट ये भी बताते हैं कि गर्मी से बीमार पड़े ओपीडी में आने वाले आधे मरीज डायरिया के हैं.
डॉ. मोहन कुमार सिंह भी मरीजों की बढ़ती संख्या की बात कहते हैं.
"ज्यादा गर्मी बढ़ने से हीट स्टॉक और हीट से जुड़ी दूसरी बीमारियां बढ़ रही हैं. गर्मी के बहुत अधिक संपर्क में आने पर शुरू में हीट क्रैम्प फिर हीट एग्जॉशन और गंभीर मामलों में हीट स्ट्रोक हो सकता है."डॉ. मोहन कुमार सिंह
इमरजेंसी संकेत, जिन पर रखें नजर
बढ़े हुए तापमान और तेज धूप के संपर्क में लंबे समय तक रहने से हीट स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है.
"हीट स्ट्रोक एक खतरनाक स्थिति है. इसमें बॉडी का तापमान अचानक बहुत बढ़ जाता है. 10-15 मिनट में बॉडी का तापमान 106-107 तक बढ़ जाता है. इसमें शरीर गर्म हो जाता है और पसीना आना बंद हो जाता है. ऐसा होने पर कन्फ्यूजन, सिर दर्द, बेहोशी आ जाती है. याद रखें हीट स्ट्रोक कई बार जानलेवा साबित होती है."डॉ. मोहन कुमार सिंह, सीनियर कंसलटेंट- इंटरनल मेडिसिन, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम
भीषण गर्मी हमारी बॉडी को डिहाइड्रेट करती है और अगर ऐसे में तुरंत इलाज नहीं किया जाता है, तो ये कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं.
तेजी से बढ़ने वाला तापमान
तेजी से पसीना आना
चक्कर आना या बेहोशी की अवस्था
डिहाइड्रेटेड महसूस करना
हाई ब्लड प्रेशर या दिल की धड़कन बढ़ना
हीट वेव से दूसरी जो बीमारियां हो सकती उनमें सबसे कॉमन बीमारियां हैं, दिल का दौरा और किडनी की समस्या.
"हीट वेव से जुड़े कई स्वास्थ्य जोखिम हैं, जिनके बारे में लोगों को जागरूक होना चाहिए और बचने के लिए प्रिवेंटिव उपाय करने चाहिए."डॉ. सैबल चक्रवर्ती, सीनियर कंसल्टेंट- इंटरनल मेडिसन, मेट्रो अस्पताल, नोएडा
हीट वेव से होने वाली समस्या का रिस्क किसे अधिक है?
लो इम्युनिटी, बुजुर्ग, बच्चे, ऐसे लोग जिन्हें कोमोरबिडिटी और पुरानी बीमारियां हैं, जैसे कि डायबिटीज, फेफड़े या दिल का रोग, वे अधिक जोखिम में हैं.
गुरुग्राम, सी.के बिरला हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसलटेंट डॉ. तुषार तयाल कहते हैं,
"बुजुर्गों में शरीर को ठंडा करने वाली प्रक्रिया कभी-कभी प्रभावित होती है. साथ ही में वो कुछ ऐसी दवाओं का सेवन कर रहे होते हैं, जिससे बॉडी सही ढंग से पसीना नहीं बना पता है और उनमें हीट स्ट्रोक और हीट एग्जॉशन की आशंका बढ़ जाती है."
डॉ. तुषार तायल ने बताया कि प्रेगनेंट महिलाओं में, बहुत अधिक गर्मी के संपर्क में आने पर साइड इफेक्ट देखने को मिलता है. साथ ही छोटे बच्चों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि उनकी त्वचा बहुत नाजुक होती है.
हीट वेव में खुद को कैसे स्वस्थ और सुरक्षित रखें?
"हीट स्ट्रोक घातक हो सकता है और व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता भी हो सकती है. किसी-किसी मामले में यह किडनी की बीमारी का भी एक कारण बन सकता है."डॉ. सैबल चक्रवर्ती, सीनियर कंसल्टेंट- इंटरनल मेडिसन, मेट्रो अस्पताल, नोएडा
भीषण गर्मी के मौसम में जहां तक हो सके घर के अंदर रहे और हाइड्रेशन का पूरा ख्याल रखें.
हीट वेव मैनेज करने के लिए एक्सपर्ट के बताए ये सभी उपाय अपनाएं.
घर से बाहर निकालने से बचें.
शरीर को हाइड्रेटेड रखें. पानी, जूस, नारियल पानी, छाछ, लस्सी का सेवन दिन भर करते रहें.
चाय, कॉफी और शराब का सेवन कम करें क्योंकि इनसे डीहाइड्रेशन हो सकता है.
कॉटन के हल्के रंग के ढीले-ढाले कपड़े पहनें.
दिन में कम से कम 2 बार ठंडे पानी से नहाएं.
ताजे-मौसमी फल और सब्जी का सेवन करें.
"अगर आपको प्यास नहीं लगती है, तो भी इन खतरों को कम करने के लिए घर से निकलते समय पानी की बोतल साथ ले जाएं और नियमित तौर पर पानी पीते रहें".डॉ. सैबल चक्रवर्ती, सीनियर कंसल्टेंट- इंटरनल मेडिसन, मेट्रो अस्पताल, नोएडा