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H3N2 वायरस है खतरनाक, एक्सपर्ट से जानें आप अपनी सुरक्षा कैसे कर सकते हैं

H3N2 Influenza Virus के मामले बढ़ रहे हैं.

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H3N2 Influenza Virus: भारत में इन्फ्लुएंजा ए सब टाइप H3N2 (Influenza H3N2) से हो रही हैं मौतें. पिछले 2-3 महीनों से देश के कई हिस्सों में सांस की बीमारी और गंभीर फ्लू वाले लक्षणों के मामले बढ़ रहे हैं. कुछ दिनों पहले ICMR ने इस वायरस से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें से जुड़ी एक एडवाइजरी जारी की थी. क्या है इन्फ्लुएंजा ए सब टाइप H3N2 के लक्षण? इन्फ्लुएंजा ए सब टाइप H3N2 से कैसे बचा जा सकता है? ICMR ने एडवाइजरी में क्या कहा? ये वायरस कितना गंभीर है? आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब.

ICMR ने देश के कुछ हिस्सों में फ्लू के प्रकोप के बीच एंटीबायोटिक्स के दुरुपयोग के खिलाफ भी चेतावनी दी है.

इन्फ्लुएंजा ए सब टाइप H3N2 के लक्षण क्या हैं?

ICMR ने देश के कुछ हिस्सों में फ्लू के मामलों में वृद्धि के कारण के रूप में इन्फ्लुएंजा ए सब टाइप H3N2 को पिन किया है और निगरानी डेटा से पता चलता है कि यह पिछले 2 - 3 महीनों से फैल रहा है. बताए जा रहे सबसे आम लक्षण हैं:

  • बुखार

  • गला खराब होना

  • बहती नाक

  • लगातार खांसी

  • सांस फूलना

यह कितना गंभीर है?

विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्ट्रेन से पीड़ित लोगों में अस्पताल में भर्ती होने की आशंका दूसरे स्ट्रैंस से ज्यादा है. इनमें से कुछ मरीजों में निमोनिया के लक्षण भी दिख रहे हैं. ICMR द्वारा जारी बयान के अनुसार, सिव्यर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (SARI) रोगियों में से जो इन्फ्लूएंजा A H3N2 के साथ अस्पताल में भर्ती हैं,

  • करीब 92 % बुखार से पीड़ित हैं

  • खांसी से 86%

  • सांस फूलने से 27%

  • 16% में निमोनिया के क्लिनिकल ​​लक्षण थे

  • 6% को दौरे पड़ते हैं

  • 10% को ऑक्सीजन की जरूरत थी

  • 7% को आईसीयू देखभाल की आवश्यकता होती है

क्या एंटीबायोटिक्स लेने से इसका इलाज हो सकता है?

फ्लू में एंटीबॉयोटिक्स काम नहीं करते हैं क्योंकि ये वायरस के कारण होता है. वास्तव में ICMR ने अपने बयान में एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध उपयोग के खिलाफ भी चेतावनी दी है, जो एंटीबायोटिक प्रतिरोध (antibiotic resistance) के संकट को और बढ़ा सकता है.

नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने भी डॉक्टरों से कहा है कि वे एंटीबायोटिक्स न लिखें और केवल रोगसूचक उपचार की सलाह दें.

"हमने पहले ही COVID के दौरान एज़िथ्रोमाइसिन और इवरमेक्टिन का व्यापक उपयोग देखा है और इससे भी प्रतिरोध हुआ है. एंटीबायोटिक दवाओं को निर्धारित करने से पहले यह पता लगाना आवश्यक है कि इन्फेक्शन बैक्टीरियल है या नहीं." आईसीएमआर ने एक बयान में कहा.

क्या सावधानी बरतें?

ICMR ने अपने बयान में वायरस से बचाव में मदद के लिए ये सुझाव दिए हैं:

  • समय-समय पर हाथों को अच्छी तरह से धोएं.

  • अच्छी तरह से फिट होने वाला फेस मास्क पहनें, खासकर अगर आपमें फ्लू जैसे लक्षण हैं.

  • छींकते और खांसते समय अपना मुंह और नाक ढक लें.

  • हाइड्रेटेड रहें.

  • लोगों से हाथ मिलाने से बचें.

  • पब्लिक प्लेस में न थूकें.

  • अपना चेहरा छूने से बचें.

  • बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन न करें.

  • दूसरों के पास बैठकर खाने से बचें.

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