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Dengue cases In Delhi: दिल्ली में बढ़ते डेंगू के मामले, ये लक्षण हैं खतरनाक

Dengue Outbreak: दिल्ली-गुरुग्राम में डेंगू टाइप 1 और डेंगू टाइप 2 दोनों के मामले सामने आ रहे हैं.

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Dengue Outbreak In Delhi: डेंगू (Dengue) के बढ़ते मामलों ने देश के कई हिस्सों में चिंता का माहौल बना दिया है. दिल्ली में डेंगू के मरीजों की संख्या पांच सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. इस साल डेंगू के मामले मौसम की शुरुआत में ही बढ़ कर आने लगे हैं. जिसमें पिछले सप्ताह पूरे भारत में 1100 से अधिक मामले सामने आए और 160 से भी ज्यादा मामले सिर्फ दिल्ली में दर्ज किए गए हैं.

आखिर अचानक क्यों बढ़ रहे हैं डेंगू के मामले? डेंगू का कौन सा स्ट्रेन है इसका जिम्मेदार? क्या डेंगू का वायरस बदल रहा है? क्या हैं लक्षण और बचाव के उपाय? डेंगू होने पर क्या करें? डेंगू से जुड़े जरुरी सवालों के जवाब जानते हैं एक्सपर्ट्स से.

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अचानक क्यों बढ़ रहे हैं डेंगू के मामले?

यह साल का वो समय है जब मच्छर से होने वाली बीमारियां बढ़ जाती हैं. जिसमें डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया सबसे आम माना जाता है.

"इसकी एक आम वजह हो सकती है कि जिस तरीके से इतनी ज्यादा बारिश हुई है, जिस पर एमसीडी का कहना है कि इस साल बारिश में 200% से भी ज्यादा की बढ़त रिपोर्ट की गई है. जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारी बारिश और जल जमाव दोनों ही मच्छर जनित बीमारी के रिस्क फैक्टर हैं. इसी वजह से डेंगू के मामले इतने बढ़ते नजर आ रहे हैं."
डॉ. नेहा रस्तोगी पांडा, कंसल्टेंट, इन्फेक्शियस डिजीज, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम

दिल्ली में डेंगू फीवर की बढ़ती स्थिति को देखते हुए, दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने 30 जुलाई को कहा कि दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को स्कूलों और आम लोगों के बीच डेंगू के संबंध में अभियान चलाने का निर्देश दिया, जिससे वायरस के फैलने पर रोक लगाई जा सके.

डेंगू वायरस के चार सीरोटाइप हैं- DENV-1, DENV-2, DENV-3 और DENV-4

द्वारिका, एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल के डॉ. संजय गुप्ता फिट हिंदी से कहते हैं, "डेंगू मामलों में एकदम उछाल इसलिए आया है क्योंकि दिल्ली एनसीआर के अंदर जल जमाव बढ़ गया है. बहुत ज्यादा बारिश होने की वजह से बाढ़ आई, जिसके कारण दिल्ली के निचले इलाकों में पानी लग गया है. जिसमें मच्छर का लारवा तेजी से बढ़ा है".

"बहुत अधिक और बहुत दिनों तक जल जमाव की स्थिति बने रहने से डेंगू के मामले इतने बढ़ गये हैं."
डॉ. संजय गुप्ता, कंसलटेंट, इंटरनल मेडिसिन, एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल, द्वारिका

क्या डेंगू का वायरस बदल रहा है?

जिन विशेषज्ञों से हमने बात की, उनके अनुसार, डेंगू हर मानसून में आता है, इसलिए साल के इस समय में मामलों में बढ़ोतरी विशेष रूप से असामान्य या चिंताजनक नहीं है.

हालांकि, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) के नेतृत्व में किए गए एक हालिया स्टडी से पता चलता है कि वायरस भारतीय उपमहाद्वीप में नाटकीय रूप से विकसित हो रहा है.

संक्षेप में, डेंगू वायरस के चार सीरोटाइप हैं (DENV-1,2,3,4). रिसर्च के शोधकर्ताओं के अनुसार, DENV 1 और DENV 3 लगभग 2012 तक भारत में प्रमुख उपभेद (major strain) थे.

हालांकि, DENV 2 - जिसके कारण बाकी तीन की तुलना में गंभीर लक्षण होने की अधिक आशंका है, हाल के वर्षों में अधिक प्रभावी हो गया है.

डेंगू के लक्षण 

"डेंगू के ताजा मामलों में देखा जा रहा है कि दक्षिण भारत में डेंगू टाइप 2 और उत्तर भारत यानी कि दिल्ली-गुरुग्राम में डेंगू टाइप 1 और डेंगू टाइप 2 दोनों के मामले सामने आ रहे हैं."
डॉ. नेहा रस्तोगी पांडा, कंसल्टेंट, इन्फेक्शियस डिजीज, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम

WHO ने डेंगू को 2 प्रमुख श्रेणियों में बांटा है: डेंगू (लक्षणों और बिना लक्षणों के साथ) और गंभीर डेंगू. डेंगू के लक्षण हैं ये:

  • सिर में तेज दर्द

  • आंखों की पिछली तरफ दर्द

  • मांसपेशियों में दर्द

  • जोड़ों में दर्द

  • सिर घूमना

  • उल्‍टी आना

  • रैश

डॉक्‍टरों को इन लक्षणों पर विशेष रूप से गौर करना चाहिए:

  • पेट में तेज दर्द

  • लगातार उल्टियां होना

  • तेज-तेज सांस लेना

  • मसूढ़ों या नाक से खून आना

  • थकान

  • बेचैनी

  • उल्‍टी

  • स्टूल में खून आना

"इस साल डेंगू मामलों के बारे में डेटा ये कहता है कि दर्ज हुए मामले बीते 4 सालों की तुलना में अधिक सामने आए हैं और वो इस लिये क्योंकि बारिश का दर और स्तर दोनों ही इस साल बढ़ गया है."
डॉ. नेहा रस्तोगी पांडा, कंसल्टेंट, इन्फेक्शियस डिजीज, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम

डेंगू से बचाव के उपाय 

"हर साल सरकार दावा करती है कि वो बारिश के लिए तैयार है पर बारिश होने पर जल जमाव की स्थिति हर साल बन जाती है. वहीं घरों में लोग टायर, कूलर या बर्तन में पानी जमा होने देंगे तो डेंगू जैसी बीमारी फैलेगी ही."
डॉ. संजय गुप्ता, कंसलटेंट, इंटरनल मेडिसिन, एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल, द्वारिका

डॉ. संजय गुप्ता आगे कहते हैं कि कम्युनिटी और सरकार दोनों का इस में रोल है और दोनों को बेहतर तरीके से काम करना होगा ताकि डेंगू-मलेरिया के प्रकोप जैसी स्तिथि न बने.

इंसानों के रहने के ठिकानों के आसपास मच्छर के वेक्टर के प्रजनन स्थल होने से डेंगू का खतरा काफी बढ़ जाता है. डेंगू वायरस के प्रसार को रोकने का प्रमुख उपाय वेक्टर के प्रसार पर रोक लगाना है.

इसके लिए ये उपाय आवश्यक हैं:

  • वेक्टर हॉटस्पॉट की जांच करके मच्छरों को पनपने से रोकें

  • घरों में पानी के बर्तनों को ढक कर रखें

  • कचरे को सही तरीके से डिस्पोज करें

  • गमले में लगे पौधों से जमा पानी हटाएं

  • पानी के कंटेनरों को ढंक कर और साफ रखें

  • कीटनाशकों का छिड़काव करवाएं

  • घर की खिड़कियों पर जाली लगाएं

  • मच्छर भगाने वाले साधनों का उपयोग करें

  • ऐसे कपड़े पहने जिनसे त्वचा ढकी रहे

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इससे घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि सावधानी बरतने की आवश्यकता है. डेंगू के मच्छर को पनपने से रोकें और लक्षण नजर आते ही डॉक्टर से मिलें.

"डेंगू से बचाव का सबसे आसान तरीका है डेंगू का मच्छर जो इस बीमारी का कारण होता है उसको ही न पनपने दें. अपने घर के आसपास की जगह को सूखा रखें, पानी जमा होने न दें."
डॉ. नेहा रस्तोगी पांडा, कंसल्टेंट, इन्फेक्शियस डिजीज, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम

डेंगू होने पर क्या करें?

"लक्षण पता चलने पर सबसे पहले घबराए नहीं, डॉक्टर की सलाह लें. डेंगू का मच्छर अधिकतर दिन में काटता है. सावधानी बरतें."
डॉ. संजय गुप्ता, कंसलटेंट, इंटरनल मेडिसिन, एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल, द्वारिका

एक्सपर्ट्स के अनुसार, 70-80% डेंगू के मामले सही हाइड्रेशन, हाइजीन और आराम करने से सुधार में आ सकते हैं. केवल 15-20% मामले को मॉनिटर करने की जरूरत पड़ती है और मुश्किल से 3-5% मामलों में हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है.

  • पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें.

  • पूरी तरह से आराम करें.

  • अपने डॉक्टर की सलाह के मुताबिक बार-बार प्लेटलेट्स की जांच करवाते रहें

  • अगर कोई भी गंभीर लक्षण दिखायी दे, प्लेटलेट्स काउंट घट जाए या पानी की कमी होने का लक्षण दिखायी दे, तो तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती होना चाहिए.

डेंगू होने पर शरीर में हाइड्रेशन बनाए रखें और समय-समय पर ब्लड टेस्ट कराते रहें.

डेंगू कब खतरनाक हो जाता है?

इन स्थितियों में अपने डॉक्टर या नजदीकी हॉस्पिटल से संपर्क करें:

  • मरीज का बुखार नहीं उतरे

  • पेशाब कम हो

  • पानी नहीं पिया जाए

  • पेशाब में खून आए

  • मसूड़ों से खून आए

  • बदन पर लाल चकत्ते आ जाएं

  • मरीज का प्लेटलेट्स 40000-50000 से कम हो जाए तो तुरंत हॉस्पिटल ले जाएं

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