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CAA के दौरान हुए प्रदर्शन का पुराना वीडियो वक्फ बिल से जोड़कर वायरल

यह वीडियो 2019 का है जब पुलिस ने गोरखपुर में CAA प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था.

Team Webqoof
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<div class="paragraphs"><p>CAA के दौरान हुए प्रदर्शन का पुराना वीडियो वक्फ बिल से जोड़कर वायरल</p></div>
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CAA के दौरान हुए प्रदर्शन का पुराना वीडियो वक्फ बिल से जोड़कर वायरल

(Altered By The Quint)

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें पुलिसकर्मी लोगों को लाठियों से पीट रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) के खिलाफ इकठ्ठा हुए समुदाय विशेष का है जिन पर पुलिस कार्रवाई कर रही है.

इस पोस्ट का अर्काइव यहां देखें

(सोर्स - स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

(ऐसे ही दावे करने वाले अन्य पोस्ट के अर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं. )

क्या दावा सच है?: नहीं, यह दावा झूठा है.

यह वीडियो 2019 का है, जब उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुलिस और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध कर रहे लोगों के बीच झड़प हुई थी.

हमें क्या मिला: वीडियो को कई स्क्रीनशॉट में बांटने के बाद हमनें इस पर Google Lens की मदद से रिवर्स इमेज ऑप्शन का इस्तेमाल किया.

  • जिसमें हमें 20 दिसंबर 2019 को एक हिंदी न्यूज वेबसाइट Live हिंदुस्तान द्वारा पोस्ट किया गया यह YouTube वीडियो मिला.

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने CAA विरोधी प्रदर्शन के दौरान गोरखपुर के नखास चौक पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया और लाठीचार्ज किया था.

  • आप वायरल वीडियो के विजुअल 0:57 सेकेंड से देख सकते हैं.

  • ETV Bharat ने भी इस घटना पर रिपोर्ट की है, जिसमें बताया गया है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया था.

  • यह घटना शुक्रवार की नमाज के बाद मस्जिद से निकलकर CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे नमाजियों के नखास इलाके में इकठ्ठा होने के बाद हुई थी.

रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है. 

(सोर्स - ETV/भारत)

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हमने जगह की पहचान के लिए Google Maps की मदद ली जिसमें हमें कुछ ऐसे विजुअल्स मिले जो वायरल वीडियो में दिखाई देने वाली दुकानों में से एक से मेल खा रहे थे.

दोनों के बीच समानताएं यहां देखीं जा सकती है. 

(सोर्स - Altered By The Quint)

क्विंट ने इससे पहले भी 2021 और 2022 में इस वीडियो का फैक्ट-चेक किया था. जब इसे क्रमशः जम्मू-कश्मीर और कानपुर का बताकर भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा था.

निष्कर्ष: गोरखपुर में हुए CAA के खिलाफ प्रदर्शन के पुराने वीडियो को हालिया बताकर भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.

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