Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Hindi Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Webqoof Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर वायरल BBC की यह रिपोर्ट पुरानी और एडिटेड है

मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर वायरल BBC की यह रिपोर्ट पुरानी और एडिटेड है

असल रिपोर्ट में वायरल दावे में देखी गई तस्वीरें नहीं थीं.

अभिषेक आनंद
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर वायरल BBC की यह रिपोर्ट पुरानी और एडिटेड है</p></div>
i

मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर वायरल BBC की यह रिपोर्ट पुरानी और एडिटेड है

(Altered By The Quint)

advertisement

बीबीसी (BBC) हिंदी पर छपी एक रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसे शेयर कर कुछ यूजर्स इसे पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हालिया हिंसा से जोड़ रहे हैं.

रिपोर्ट में क्या कहा गया?: हिंदी में लिखी हेडलाइन कुछ यह है कि - 'टोपी लुंगी पहन कर संघ के लोग बरसा रहे थे ट्रेन पर पत्थर' : प्रेस रिव्यू

  • एक सोशल मीडिया पोस्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के दौरान लोग मुस्लिमों का वेश धारण कर अपराध को अंजाम दे रहे हैं.

इस पोस्ट का अर्काइव यहां देखा जा सकता है. 

(सोर्स - स्क्रीनशॉट/Twitter)

( ऐसे ही दावे करने वाले अन्य पोस्ट के अर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं. )

सच क्या है?: असल में यह रिपोर्ट 2019 की है, जिसमें कथित तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े लोगों के बारे में बात की गई थी, जो नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में टोपी और लुंगी पहने हुए देखे गए थे.

  • इसके अलावा असल रिपोर्ट में वायरल दावे में देखी गई तस्वीरें नहीं थीं.

हमने सच का पता कैसे लगाया ?: हमने वायरल तस्वीर में दिख रही हेडलाइन का इस्तेमाल करके गूगल पर सर्च किया जिसमें हमें 21 दिसंबर 2019 को छपी BBC की यह रिपोर्ट मिली.

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि The Telegraph के मुताबिक पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में ट्रेन पर टोपी और लुंगी पहने छह लोगों को पत्थर फेंकते देखा गया था. हालांकि, कथित तौर पर वे सभी RSS से जुड़े थे.

  • उनमें से दो को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

  • रिपोर्ट में वायरल दावे में दिख रहे दो दृश्य नहीं थे.

रिपोर्ट 21 दिसंबर 2019 को छपी थी. 

(सोर्स: BBC/स्क्रीनशॉट)

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

ये तस्वीरें कहां की हैं?: पहली तस्वीर को अलग करके उस पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें The Print की छपी इस रिपोर्ट में यही वीडियो मिला.

  • इसके कैप्शन में लिखा है कि, "पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के संमत्रागाछी में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) के पारित होने के खिलाफ आंदोलन करता एक प्रदर्शनकारी."

  • यह रिपोर्ट 15 दिसंबर 2019 को शेयर की गई थी.

यह रिपोर्ट 15 दिसंबर 2019 को छापी गई थी. 

(सोर्स: The Print/स्क्रीनशॉट)

  • वेबकूफ टीम ने दूसरी तस्वीर पर भी रिवर्स इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया जिसमें हमें The Statesman की यह रिपोर्ट मिली जिसमें यही दृश्य था.

  • रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल में CAA के खिलाफ भड़की हिंसा के बारे में बताया गया था, जहां लोगों ने रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ और आगजनी की थी. इसी वजह से कुछ ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं थी.

यह रिपोर्ट 13 दिसंबर 2019 को छपी थी. 

(सोर्स: The Statesman/स्क्रीनशॉट)

निष्कर्ष: यह साफ है कि इस घटना की असली रिपोर्ट और यह दृश्य पुराने हैं और इनका मुर्शिदाबाद में हुई हालिया हिंसा से इनका कोई संबंध नहीं हैं.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर  9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT