Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Hindi Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Webqoof Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019गैस बिल के नाम पर कहीं आपके साथ स्कैम तो नहीं हो रहा, कैसे पहचाने ?

गैस बिल के नाम पर कहीं आपके साथ स्कैम तो नहीं हो रहा, कैसे पहचाने ?

स्कैमर आपको यह विश्वास दिलाते हैं कि आपका नया गैस बिल आ गया है और फिर ऍप डाउनलोड करवाते हैं.

Rupinder Kaur
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>गैस बिल के नाम पर कहीं आपके साथ स्कैम तो नहीं हो रहा, कैसे पहचाने ?</p></div>
i

गैस बिल के नाम पर कहीं आपके साथ स्कैम तो नहीं हो रहा, कैसे पहचाने ?

(Altered By The Quint)

advertisement

"अपना अपडेटेड गैस बिल देखने के लिए कृपया नया ऐप डाउनलोड करें" - यह एक ऐसा विश्वसनीय अनुरोध है जो उन स्कैमर्स का है जिन्होंने पिछले एक साल में महाराष्ट्र नेचुरल गैस लिमिटेड (MNGL) के कई ग्राहकों को सफलतापूर्वक ठगा है. यह साइबर अपराधी गैस सेवा कर्मचारी बनकर, व्हाट्सएप के जरिए एक फर्जी "बिल अपडेट" ऐप भेजकर उसकी मदद से लोगों को ठगते रहते हैं. आपके फोन में ऐप डाउनलोड और इंस्टॉल होते ही अफरा-तफरी मच जाती है. फिर क्या होता है? आपके कुछ कर पाने से पहले ही आपके खाते से बड़ी रकम निकाल ली जाती है.

हम इस यूटिलिटी बिल घोटाले का विश्लेषण कर रहे हैं जो आम लोगों को निशाना बना रहा है, जिससे आप सतर्क रहकर इससे बच सकते हैं.

स्कैम करने का तरीका:

  • गलत संचार: आपको गैस सेवा कर्मचारी का रूप धारण करने वाले स्कैमर्स से फोन कॉल, वॉइसमेल, SMS या व्हाट्सएप मैसेज मिलता है. वे आपको बताते हैं कि गैस सेवा ऐप वर्तमान में काम नहीं कर रहा है, और आपको नए बिल का भुगतान करने के लिए एक नया ऐप डाउनलोड करना होगा, उनके मुताबिक बिल का भुगतान न करने पर वे गैस की सप्लाई बंद करने की धमकी भी दे सकते हैं. कुछ मामलों में, वे आपको एक फोन नंबर दे सकते हैं जहां कोई व्यक्ति आपको अपडेट किए गए बिल के बारे में जानकारी देगा.

  • गलत ऐप: स्कैमर व्हाट्सएप की मदद से एक नकली ऐप लिंक या एंड्रॉइड एप्लिकेशन पैकेज (APK) फाइल आपके फोन पर डाउनलोड करने के लिए शेयर करते हैं. डाउनलोड होने के बाद वे आपके फोन का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लेते हैं. यह ऐप कीलॉगर जैसे स्पाइवेयर भी इंस्टॉल कर सकता है, जो आपके डिवाइस पर आपके द्वारा टाइप की गई हर चीज को रिकॉर्ड करता है.

  • वेरिफिकेशन या ऐप शुल्क: फिर आपको ऐप में अपना बैंक खाता या कार्ड की डिटेल दर्ज करके एक छोटा सा बिल अपडेट या ऐप शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा जाता है. यह जानकारी स्कैमर द्वारा रिकॉर्ड की जाती है, जो आपके द्वारा किए गए किसी भी लेनदेन के लिए आपके OTP भी देख सकता है.

  • पैसे निकलना: आपके बैंक या कार्ड डिटेल और OTP तक पहुंच बनाने के बाद स्कैमर्स आपके खाते से कई लेनदेन को अधिकृत कर सकते हैं और आसानी से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं.

खतरे की घंटी

  • आपके समय से भुगतान करने के बावजूद सर्विस प्रोवाइडर से अप्रत्याशित कॉल आना जिसमें कार्रवाई की धमकी दी गई हो.

  • जब आप नियमित रूप से डाक द्वारा या आधिकारिक वेबसाइट पर अपने रजिस्टर्ड खाते के माध्यम से बिल प्राप्त करते हैं, तो अपडेट किए गए बिलों के लिए नए ऐप या एक्सटेंशन का लिंक शेयर करने वाला असत्यापित व्हाट्सएप नंबर से संदेश आना.

  • सर्विस प्रोवाइडर आपके बिलों को रजिस्टर्ड करने, वेरिफाई करने या उन तक पहुंचने के लिए एक छोटा सा शुल्क मांगते हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

क्या करें

  • अनदेखा करें: कोई भी अनचाहा मैसेज जो आपको फाइल डाउनलोड करने या अपने नए बिल के लिंक पर क्लिक करने के लिए कहता है, उसे शक की निगाह से देखा जाना चाहिए. किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजी गई फाइल को कभी भी इंस्टॉल न करें या किसी लिंक को फॉलो न करें.

  • आधिकारिक चैनल: उपयोगिता बिलों को सेवा प्रदाताओं की आधिकारिक वेबसाइटों, वॉक-इन केंद्रों और GPay, PayTM आदि जैसे डिजिटल भुगतान गेटवे जैसे अधिकृत प्लेटफॉर्म की मदद से एक्सेस किया जा सकता है.

  • अस्वीकार करें: अपने बैंक खाते, कार्ड की जानकारी या कोई भी भुगतान शेयर करने से बचें, चाहे राशि छोटी ही क्यों न हो.

  • चेतावनी: अगर आपने ऐप इंस्टॉल किया है या कोई जानकारी शेयर की है, तो संभावित खतरे के बारे में सूचित करने के लिए तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें. अपने खाते और कार्ड को ब्लॉक या फ्रीज करने के लिए कहें, और अपने नेट बैंकिंग पासवर्ड और मोबाइल बैंकिंग पिन बदलें. किसी भी अनधिकृत भुगतान पर नजर रखने के लिए अपने खाते की निगरानी करते रहें.

  • रिपोर्ट करें: घटना की सूचना जल्द से जल्द किसी सरकारी पोर्टल जैसे चक्षु (https://sancharsaathi.gov.in/sfc/) और राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर—1930 पर दें. आप स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर  9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.? )

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT