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वाराणसी लोकसभा: SIR में कट सकते हैं 21% मतदाताओं के नाम, 1.67 लाख अनट्रेसेबल

वाराणसी में SIR: प्रोविजनल आंकड़ों के अनुसार, वोटर लिस्ट से नाम कटने का सबसे बड़ा कारण अनट्रेसेबल/अनुपस्थित है.

विकास कुमार & मोहन कुमार
राजनीति
Published:
<div class="paragraphs"><p>Varanasi SIR: प्रोविजनल आंकड़ों के अनुसार, वोटर लिस्ट से नाम कटने का सबसे बड़ा कारण अनट्रेसेबल/अनुपस्थित हो सकता है.</p></div>
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Varanasi SIR: प्रोविजनल आंकड़ों के अनुसार, वोटर लिस्ट से नाम कटने का सबसे बड़ा कारण अनट्रेसेबल/अनुपस्थित हो सकता है.

(फोटो: द क्विंट)

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विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) की 5 विधानसभा सीटों से कुल 4,26,812 वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं, जो कि लोकसभा क्षेत्र के कुल वोटर्स का 21.16% है. इलेक्शन कमीशन के प्रोविजनल आंकड़ों के मुताबिक, डिलीशन का सबसे बड़ा कारण 'अनट्रेसेबल/अनुपस्थित' है. वहीं, स्थायी रूप से शिफ्ट वोटरों की संख्या भी ज्यादा है. बता दें कि ये प्रोविजनल आंकड़े हैं, जिसमें बदलाव संभव है.

चलिए आपको बताते हैं, SIR के प्रोविजनल आंकड़ों के विश्लेषण से वाराणसी लोकसभा क्षेत्र की क्या तस्वीर निकलकर सामने आ रही है.

डिलीशन का सबसे बड़ा कारण: 'अनट्रेसेबल/अनुपस्थित'

वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में 1,67,473 वोटर ऐसे हैं, जिनका SIR प्रक्रिया के दौरान पता नहीं चल पाया है या फिर वे अनुपस्थित हैं.

वाराणसी उत्तर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है. यहां करीब 70 हजार वोटर्स अनट्रेसेबल या अनुपस्थित हैं. रोहनिया सीट पर ऐसे वोटर्स की संख्या 34,574 है, जबकि वाराणसी कैंट सीट पर 29,533 वोटर्स का पता नहीं चल पाया है.

सेवापुरी में सबसे कम 9,434 वोटर्स ही इस कैटेगरी के हैं. जिसकी वजह से अब उनका नाम वोटर लिस्ट से कट सकता है.

एक लोकसभा क्षेत्र में अनट्रेसेबल या अनुपस्थित वोटर्स की इतनी बड़ी संख्या चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकती है. गौर करने वाली बात है कि 2024 लोकसभा में चुनाव में वाराणसी सीट पर हार-जीत का अंतर 1,52,513 वोट था.

वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में हुए SIR का प्रोविजनल डेटा. 

(सोर्स: EC)

1.56 लाख वोटर स्थायी रूप से शिफ्ट

वाराणसी संसदीय क्षेत्र में 36.58% वोटरों को Permanently Shifted यानी स्थायी रूप से शिफ्ट बताकर मतदाता सूची से हटाया जा सकता है. प्रोविजनल आंकड़ों में यह कुल डिलीशन का दूसरा सबसे बड़ा कारण है.

वाराणसी कैंट विधानसभा क्षेत्र में ऐसे वोटर्स की संख्या सबसे से ज्यादा 39,800 है, जिन्हें प्रोविजनल आंकड़ों में स्थायी रूप से शिफ्ट बताया गया है. जबकि, वाराणसी दक्षिण क्षेत्र में ऐसे लोगों की संख्या 37,213 है. वहीं उत्तर सीट पर 29,070 वोटर्स को स्थायी रूप से शिफ्ट बताया गया है.

सेवापुरी और रोहनिया में क्रमशः 25,931 और 24,130 ऐसे वोटर्स हैं, जो कहीं दूसरी जगह पर स्थायी रूप से शिफ्ट हो गए हैं. जिसकी वजह से अब उनका नाम वोटर लिस्ट से कट सकता है.2024

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2024 में जिन विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी रही मजबूत, वहां ज्यादा डिलीशन

2024 लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जिन विधानसभा क्षेत्रों में ज्यादा मजबूत रही, अब SIR के प्रोविजनल आंकड़ों में वहां ज्यादा डिलीशन देखने को मिल रहा है.

1- वाराणसी कैंट विधानसभा क्षेत्र. वाराणसी लोकसभा के अंतर्गत आने वाली इस विधानसभा सीट पर पीएम मोदी को कांग्रेस के अजय राय के मुकाबले सबसे ज्यादा 58 हजार ज्यादा वोट मिले थे. लेकिन अब यहां 1,05,510 वोटरों का नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा सकते हैं.

ऐसी ही एक और सीट है वाराणसी उत्तर, यहां से 1,13,798 वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी को यहां करीब 30 हजार ज्यादा वोट मिले थे.

वाराणसी दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में दोनों पार्टियों के बीच टक्कर दिखी थी. हालांकि, बीजेपी को कांग्रेस के मुकाबले 16 हजार ज्यादा वोट मिले थे. अब वहां 74,749 वोटरों के नाम काटे जा सकते हैं.

वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के अलग-अलग विधानसभाओं में वोटिंग और डिलीशन के आंकड़े

(सोर्स: EC)

पांचों विधानसभा सीट पर हार-जीत की मार्जिन से ज्यादा डिलीशन

  • 2022 चुनाव में वाराणसी उत्तर विधानसभा सीट पर हार-जीत का मार्जिन 40,776 वोट था. यहां 1,13,798 (25.36%) वोटरों के नाम हटाए जा सकते हैं.

  • वाराणसी कैंट सीट पर बीजेपी ने 86,844 वोटों के मार्जिन से जीत दर्ज की थी, लेकिन अब SIR के तहत 1,05,510 (22.36%) मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काटे जा सकते हैं. ये बीजेपी की परंपरागत सीट रही है. 1991 से पार्टी अजेय है.

  • रोहनिया सीट से 76,805 (18.17%) वोटों के नाम काटे जा सकते हैं. पिछले चुनाव में यहां हार-जीत का अंतर 46,472 वोट था.

  • बीजेपी के अभेद्य किलों में से एक वाराणसी दक्षिण के 74,749 (23.30%) वोटरों को अलग-अलग कारणों से मतदाता सूची से बाहर किया जा सकता है. पिछली बार इस सीट पर जीत का मार्जिन 10,722 वोट था.

  • सेवापुरी विधानसभा सीट पर बीजेपी ने 22,531 वोटों के अंतर से समाजवादी पार्टी को हराया था. इस सीट पर 55,950 (15.83%) वोटर्स के नाम काटे जा सकते हैं.

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