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रामलीला और नमाज साथ होने का वीडियो झूठे साम्प्रदायिक दावों के साथ वायरल

वीडियो में वाराणसी की लाट भैरव रामलीला की सदियों पुरानी परंपरा को दर्शाया गया है.

फैजान अहमद
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>रामलीला और नमाज साथ होने का वीडियो झूठे साम्प्रदायिक दावों के साथ वायरल</p></div>
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रामलीला और नमाज साथ होने का वीडियो झूठे साम्प्रदायिक दावों के साथ वायरल

(Altered By The Quint)

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि मुस्लिम समुदाय के लोग उस जगह पर नमाज अदा करते हुए दिखाई दे रहे हैं जहां हिंदू समुदाय की रामलीला का प्रदर्शन हो रहा है.

दावा: इस वीडियो को शेयर कर कुछ यूजर्स ने दावा किया कि सांप्रदायिक तनाव भड़काने और दंगे भड़काने के लिए जानबूझकर रामलीला की जगह नमाज अदा की गई.

इस पोस्ट का अर्काइव यहां देखें

(सोर्स - स्क्रीनशॉट/X)

( ऐसे ही दावे करने वाले अन्य पोस्ट के अर्काइव यहां और यहां देखे जा सकते हैं. )

क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है.

  • असल में इस वीडियो में वाराणसी की लाट भैरव रामलीला की सदियों पुरानी परंपरा को दर्शाया गया है.

  • जहां मुस्लिम समुदाय के सदस्य 500 वर्षों से अधिक समय से रामचरितमानस के पाठ के साथ नमाज अदा करते आ रहे हैं.

हमने सच का पता कैसे लगाया ? हमने वायरल वीडियो से सम्बंधित कीवर्ड्स (ramleela, namaz) इंटरनेट पर सर्च किए. हमारी सर्च में हमें ABP न्यूज की यह रिपोर्ट मिली जिसमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते दृश्य थे.

  • ABP न्यूज में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी के लाटभैरव स्थित मैदान में एक साथ रामचरितमानस की चौपाई पर रामलीला का आयोजन और अजान की गूंज के साथ नमाज पढ़ी गई. यह तस्वीर हर वर्ष देखने को मिलती है और गंगा जमुनी तहजीब कों दर्शाती है.

इस रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है. 

(सोर्स - ABP/स्क्रीनशॉट)

  • इसके सिवा हमें अमर उजाला की यह रिपोर्ट मिली जिसमें लिखा था कि, 'वाराणसी के लाटभैरव की यह रामलीला कोई साधारण आयोजन नहीं है. यह 500 साल पुरानी परंपरा का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत गोस्वामी तुलसीदास और उनके परम मित्र मेघा भगत ने की थी.'

  • लाटभैरव मंदिर-मस्जिद के बीच की इस फर्श पर जयंत नेत्रभंग की लीला मस्जिद के निर्माण से भी पहले से होती आ रही है.

इस रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है. 

(सोर्स - स्क्रीनशॉट/Amar Ujala)

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हमारी सर्च में हमें बनारस के लोकल न्यूज ऑउटलॉट dalimss.news.banaras की 27 सितंबर 2025 की यह इंस्टाग्राम पोस्ट मिली जिसमें इस रामलीला और नमाज के बारे में विस्तार से बताया गया था.

  • इस पोस्ट में मिली जानकारी के मुताबिक, "रामलीला समिति के मुख्य कथावाचक दयाशंकर त्रिपाठी ने बताया कि श्री लाट भैरव रामलीला समिति की जयंत नेत्र भंग लीला हमेशा अद्भुत होती है. इस दिन जहां एक ओर रामचरितमानस की चौपाइयों का पाठ और नाटक के संवाद चलते रहते हैं, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम भाई अजान के साथ नमाज अदा करते हैं."

    उन्होंने आगे बताया था कि,

"यह प्रथा लगभग 574 वर्षों से चली आ रही है. गुरुवार को रामलीला का दसवां दिन था. शाम लगभग 5:45 बजे, मंदिर के चबूतरे पर नमाज और रामलीला का एक साथ मंचन हुआ, और दोनों धर्मों की अनूठी एकता देखने को मिली
दयाशंकर त्रिपाठी, रामलीला समिति के मुख्य कथावाचक

निष्कर्ष: नमाज और रामलीला साथ होने की वर्षों पुरानी परंपरा के वीडियो को गलत साम्प्रदायिक दावों से जोड़कर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर  9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.? )

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