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"मेरे पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हुई है. हमें इंसाफ चाहिए. उनकी तबीयत बेहद सीरियस थी, फिर भी पुलिस उन्हें जबरन चौकी लेकर आई. एक मरीज के साथ पुलिस का ऐसा व्यवहार ठीक नहीं था. वे एक मरीज थे."
ये कहना है 18 वर्षीय अफनान का, जिनके पिता मोहम्मद इरफान की सोमवार को उत्तर प्रदेश के संभल की रायसत्ती पुलिस चौकी में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि पुलिस की प्रताड़ना के कारण मोहम्मद इरफान की मौत हुई है. जबकि संभल एसपी का कहना है कि शख्स की मौत संभवतः दिल का दौरा पड़ने से हुई है.
सोमवार को मोहम्मद इरफान की मौत के बाद परिवार और स्थानीय लोगों ने रायसत्ती चौकी पर विरोध प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की.
सोमवार, 20 जनवरी को रायसत्ती पुलिस चौकी पर मृतक इरफान के परिजनों और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.
(फोटो: क्विंट हिंदी द्वारा प्राप्त)
मृतक इरफान के 18 वर्षीय बेटे अफनान ने संभल के नखासा थाने में एक तहरीर दी है. तहरीर के मुताबिक, ये पूरी घटना सोमवार, 20 जनवरी दोपहर साढ़े 12 बजे की है. तहरीर के मुताबिक, "रायसत्ती चौकी इंचार्ज जितेंद्र चार पुलिसकर्मियों के साथ घर के अंदर घुसे और गालीगलौज करते हुए मोहम्मद इरफान को लाठी-डंडों और लात-घूसों से मारना-पीटना शुरू कर दिया."
तहरीर में कहा गया है कि मोहम्मद इरफान की मौत के बाद सभी पुलिसकर्मी पुलिस चौकी छोड़कर भाग गए थे.
अफनान द्वारा दी गई तहरीर की कॉपी
(फोटो: क्विंट हिंदी द्वारा प्राप्त)
मृतक इरफान की पत्नी रेशमा (35) ने मीडिया को बताया, "वे मेरे पति को पुलिस चौकी ले गए, जहां उनकी पिटाई की गई. हमने पुलिस टीम से गुहार लगाई कि उनकी तबीयत खराब है और कम से कम उन्हें दवा लेने के लिए समय दिया जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी. अगर उन्होंने अपनी दवा ले ली होती, तो शायद उनकी जान बच जाती. मेरे पति को पुलिस ने मार डाला."
अफनान ने क्विंट हिंदी से बातचीत में पुलिस पर घर की महिलाओं के साथ बदतमीजी, धक्का-मुक्की और गाली-गलौज करने का भी आरोप लगाया है.
सोमवार, 20 जनवरी को हुई घटना के बारे में वे बताते हैं, "मेरे पिता घर पर बैठे हुए थे. वह अपनी दवाइयां ले रहे थे. तभी पुलिस घर पर आ गई. पुलिसवालों ने मेरे पिता को दवाई तक खाने नहीं दी. वे उनके और परिवार के लोगों के साथ बदतमीजी करने लगे. इसके बाद वे लोग मेरे पिता को जबरदस्ती घसीटते हुए अपने साथ ले गए."
मृतक मोहम्मद इरफान
(फोटो: क्विंट हिंदी द्वारा प्राप्त)
अफनान बताते हैं कि उनके पिता की शनिवार, 18 जनवरी को गले का ऑपरेशन हुआ था और उनकी दवाइयां चल रही थी, जिन्हें लेना उनके लिए बेहद जरूरी था.
वो आगे कहते हैं, "मेरे पिता के साथ पुलिसवालों ने जानवरों जैसा बर्ताव किया. पुलिसवाले मेरे पिता को धक्का देते हुए, घुसे मारते हुए, पैरों पर डंडे मारते हुए अपने साथ ले गए. इस दौरान उन्होंने औरतों के साथ भी धक्का-मुक्की की और गालियां दी."
संभल के खग्गू सराय के रहने वाले 45 वर्षीय मोहम्मद इरफान नखासा इलाके में फल का ठेला लगाते थे. वह अपने परिवार में अकेले कमाने वाले शख्स थे. वह अपने पीछे पत्नी और पांच बच्चों को छोड़ गए हैं. इस घटना के बाद से उनकी पत्नी की भी तबीयत खराब है. वहीं परिवार में मातम का माहौल है.
अफनान बताते हैं कि उनके पिता परिवार में बड़े थे. इस वजह से उन्हें रिश्तेदारों के बीच किसी भी तरह के विवाद की मध्यस्थता के लिए बुलाया जाता था.
दरअसल, मोहम्मद इरफान की ताई के घर में बंटवारे को लेकर उनके बेटे के साथ विवाद चल रहा था. इसकी मध्यस्थता के लिए मोहम्मद इरफान को बुलाया गया था. बंटवारे में हिस्से के तौर पर इरफान के हाथों से ताई के बेटे को 6 लाख रुपया दिलवाए गए, जिन्हें घरवाले निकाल रहे थे.
वे आगे कहते हैं, "मेरे पिता के खिलाफ न तो कोई एफआईआर थी और न ही पुलिस के पास कोई वारंट था. वे ऐसे ही आए और जबरन मेरे पिता को उठाकर ले गए."
इस पूरे मामले में उनके रिश्तेदारों का क्या कहना है? इस पर अफनान कहते हैं कि "वे लोग खुद डरे हुए हैं."
सोमवार, 21 जनवरी को रायसत्ती पुलिस चौकी के बाहर जमा लोगों की भीड़
(फोटो: क्विंट हिंदी द्वारा प्राप्त)
संभल एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने मीडिया से बातचीत में कहा, "शफी बेगम नाम की महिला ने पुलिस चौकी पर उपस्थित होकर प्रर्थना पत्र दिया और कहा कि उसका बेटा उसके साथ आए दिन मारपीट करता है. घर में जो हिस्सा 6 लाख रुपए उसको इरफान के माध्यम से दे दिया गया है, न ही उसके पैसे लौटा रहा है और न ही वो व्यक्ति घर छोड़कर जा रहा है. महिला के गंभीर आरोपों के बाद जांच के लिए इरफान को चौकी पर लाया गया था."
पुलिस द्वारा इरफान को दवा नहीं खाने दिए जाने के आरोपों को एसपी केके बिश्नोई ने सिरे से नकारते हुए निराधार बताया है.
उन्होंने कहा, "चौकी लाने पर उसने (इरफान) बताया कि उसको कोई दवा खानी है. पुलिस द्वारा उसको दवा खाने दिया गया. उसके बाद उसने सीने में दर्द की शिकायत की थी. जिसके बाद उसके बेटे के साथ उसे अस्पताल भेजा गया, जहां शायद हृदयगति रुकने से संभवतः उसकी मृत्यु हुई है."
अफनान कहते हैं, "हमारी अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. जब हमने एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर दी तो उन्होंने (पुलिस) हमसे कहा कि आपने तहरीर में मारपीट और बदतमीजी की बात कही है. ऐसे में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी."
मंगलवार, 21 जनवरी को मोहम्मद इरफान का पोस्टमॉर्टम करवाया गया है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने इस मामले को लेकर यूपी पुलिस और प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने कहा, "यूपी में पुलिस हिरासत में हो रही मौतें थम ही नहीं रही. बाबा की पुलिस को 'लाइसेंसी किलिंग मशीन' घोषित कर देना चाहिए. आखिर, उनकी पुलिस ने हिरासत में होने वाली मौतों के मामले में इस प्रदेश को नम्बर 1 बना ही दिया है."
समाजवादी पार्टी ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है. पार्टी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से ट्वीट किया, "पुलिस हिरासत में एक और निर्दोष की गई जान, यूपी पुलिस बेलगाम! संभल में थाने में पुलिस कस्टडी में युवक की हुई मौत, शर्मनाक."
पार्टी की ओर से आगे कहा गया कि "भाजपा सरकार में पुलिस अत्याचारी बन गई है और जनता का शोषण हो रहा है. आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हो सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए."