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22 साल के पंकज साहनी कुछ रिश्तेदारों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर छोड़कर घर लौट रहे थे. बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले साहनी ओला और उबर कैब चलाते थे और इसी से अपने परिवार का पेट पालते थे. लेकिन 10 नवंबर 2025 की शाम उनकी जिंदगी की आखिरी शाम थी. दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर को शाम 6.30 के आसपास ब्लास्ट हुआ, जिसमें अब तक 8 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, वहीं 20 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिनका इलाज दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल में चल रहा है.
मंगलवार सुबह मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के शवगृह में पंकज साहनी का पार्थिव शरीर उनके शोकाकुल परिवार को सौंप दिया गया. LNJP अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट के मुताबिक, आठ लोगों की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही गई थी.
इन सबके बीच केंद्रीय गृहमंंत्री अमित शाह ने LNJP अस्पताल का दौरा किया और घायलों में मुलाकात की. इसके बाद वे घटनास्थल पर भी पहुंचे और हालात का जायजा लिया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हमने सभी एंगल को खुला रखते हुए इसकी गहन जांच शुरू कर दी है. जैसे ही ब्लास्ट की सूचना मिली, दिल्ली पूलिस, स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच, एनआईए की टीम, एसपीजी की टीम, एफेसल की टीम मौके पर पहुंचीं. सभी प्रकार की जांच हम तेजी से कर रहे हैं."
डीसीपी नॉर्थ राजा बंथिया ने बताया कि 6 मृतकों की पहचान हो गई है. समाचार एजेंसी एएनआई से उन्होंने कहा, "LNJP में पोस्टमॉर्टम किए जा रहे हैं. पांच पोस्टमॉर्टम पहले ही हो चुके हैं. हमने 6 डेड बॉडी की पहचान पहले ही कर ली है. एक या दो बॉडी की अभी पहचान नहीं हो पाई है."
इससे पहले 20 घायलों और 8 मृतकों की एक सूची सामने आई थी. घायलों में 2 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं.
द क्विंट द्वारा प्राप्त सूची.
मृतकों में उत्तर प्रदेश के अमरोहा के दो लोग शामिल हैं. जिनकी पहचान लोकेश अग्रवाल और अशोक कुमार के रूप में हुई है. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में लोकेश के छोटे भाई सोनू ने बताया, "वह (लोकेश अग्रवाल) अपनी समधन से मिलने दिल्ली गए थे, जो सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं. अस्पताल में मुलाकात के बाद वो लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास गए, जहां धमाका हुआ."
हादसे के बारे में उन्हें कैसे पता चला? इस पर सोनू ने बताया कि, "जब हमने उन्हें (लोकेश) फोन किया तो एक पुलिसकर्मी ने कॉल उठाई और हमें घटना की जानकारी दी."
लोकेश अग्रवाल खाद विक्रेता थे. उनके पिता ओम प्रकाश ने कहा, "वह मेरा सबसे बड़ा बेटा था. वह कल दिल्ली गया था. यह एक आतंकवादी हमला है. हम चाहते हैं कि सरकार उसके परिवार वालों की मदद करे, और आतंकवादियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए."
वहीं अशोक दिल्ली में डीटीसी बस में कंडक्टर के पद पर कार्यरत थे. मंगलवार, 11 नवंबर को दोनों मृतकों का शव अमरोहा पहुंचा. अशोक के परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगाया और सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की. जिसके बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने परिवार को समझाकर जाम खुलवाया.
दिल्ली धमाके में अशोक की मौत से परिवार में मातम पसरा है.
(फोटो: द क्विंट द्वारा प्राप्त)
अमरोहा की डीएम निधि गुप्ता ने कहा, "हमारे यहां से जो भी संभावित मदद होगी, जिस भी योजना में हम उनकी मदद कर पाएंगे, पूरा प्रशासन उनके साथ है. हमारी पूरी संवेदना उनके साथ है."
दिल्ली ब्लास्ट मामले में UAPA, एक्सप्लोसिव एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत FIR दर्ज की गई है.
DCP नॉर्थ राजा बंथिया ने कहा, "UAPA, एक्सप्लोसिव एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत FIR दर्ज कर ली गई है. जांच शुरू कर दी गई है, और दिल्ली पुलिस, FSL, NSG की कई स्पेशलाइज्ड टीमें क्राइम सीन पर मौजूद हैं, और वे जांच में मदद के लिए सबूत इकट्ठा कर रही हैं. जांच अभी बहुत शुरुआती स्टेज में है."