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क्रिसमस से पहले देश के कई हिस्सों में दक्षिणपंथी समूहों द्वारा ईसाइयों के खिलाफ नफरत और दबाव की घटनाएं सामने आई हैं. कहीं धार्मिक कार्यक्रम रद्द कराए जा रहे हैं, कहीं चर्च में हिंसा हुई, तो कहीं सड़क पर त्योहार से जुड़ा सामान बेचने या पैम्पलेट बांटने तक पर आपत्ति जताई जा रही है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा हिंदुओं से क्रिसमस जैसे अन्य धर्मों के त्योहार न मनाने की अपील के बाद उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, दिल्ली और केरल से आई ये घटनाएं धार्मिक स्वतंत्रता, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं.
उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा किनारे स्थित भागीरथी होटल में आयोजित होने वाला क्रिसमस कार्यक्रम विरोध के बाद रद्द कर दिया गया. भागीरथी होटल में 24 दिसंबर को प्रस्तावित क्रिसमस कार्यक्रम को हिंदू संगठनों और तीर्थ पुरोहित समाज के विरोध के बाद 22 दिसंबर को रद्द कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा संचालित भागीरथी होटल में पहली बार क्रिसमस सेलिब्रेशन आयोजित किया जाना था. जैसे ही इसकी जानकारी सामने आई, हिंदू संगठनों और तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध शुरू कर दिया.
तीर्थ पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सनातन की परंपराओं और संस्कृतियों और हिंदू धर्म के त्योहारों को उत्साह से मनाने का एक मजबूत स्थान हो चुका है. इसके बाद भी वहां के अधिकारियों की इतनी हिम्मत हो गई कि वह उस गंगा के तट पर इस प्रकार के क्रिसमस के कार्यक्रम आयोजित करने की परमिशन दे रहा है. हम इसका विरोध करते हैं और किसी भी सूरत में इस प्रकार के कार्यक्रम गंगा के तट पर आयोजित नहीं होने देंगे."
होटल का संचालन कर रही अतिशय कंपनी के जनरल मैनेजर नवनीत सिंह ने बताया कि हिंदू संगठनों की आपत्ति के बाद कार्यक्रम को रद्द करने का फैसला लिया गया. उन्होंने कहा कि होटल प्रबंधन का किसी भी समुदाय या धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. प्रस्तावित कार्यक्रम में गंगा पूजन, आरती और बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल थे, लेकिन अब इन्हें भी रद्द कर दिया गया है.
आयोजित होने वाला क्रिसमस कार्यक्रम का पोस्टर
द क्विंट को प्राप्त
होटल में 24 दिसंबर को क्रिसमस सेलिब्रेशन की योजना थी. कार्यक्रम में बच्चों के लिए किड्स कॉर्नर, सांता क्लॉज का सरप्राइज, लाइव म्यूजिक, डांस परफॉर्मेंस और मैजिक शो शामिल थे. शाम के समय गंगा आरती के साथ गाला डिनर, डीजे नाइट, हाई-टी, टैटू आर्टिस्ट और पाइन ट्री पेंटिंग जैसी गतिविधियां भी प्रस्तावित थीं.
बीजेपी नेताओं ने चर्च में किया हंगामा, दृष्टिबाधित महिला से दुर्व्यवहार
मध्य प्रदेश के जबलपुर में क्रिसमस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम उस वक्त विवाद में घिर गया, जब हिंदूवादी संगठनों ने वहां धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. चर्च परिसर के कम्युनिटी हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान मारपीट भी हुई.
बीजेपी की नगर उपाध्यक्ष अंजू भार्गव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक नेत्रहीन महिला का मुंह दबाते हुए “अगले जन्म में भी अंधी बनेगी” जैसे आपत्तिजनक शब्द कहती नजर आ रही हैं. वीडियो में अंजू भार्गव महिला से सिंदूर लगाने और ईसाइयों के बीच बच्चा लाने को लेकर सवाल करती भी दिखाई दे रही हैं.
20 दिसंबर को क्रिसमस के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें दृष्टिबाधित लोगों को आमंत्रित किया गया था. आरोप है कि इसी दौरान विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और बीजेपी कार्यकर्ताओं को सूचना मिली कि कार्यक्रम की आड़ में धर्मांतरण कराया जा रहा है. इसके बाद कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और चर्च में मौजूद लोगों से झड़प हो गई.
अभद्रता का शिकार हुई दिव्यांग महिला सफलता कार्तिक ने आरोप लगाया कि उनके साथ बेहद अपमानजनक व्यवहार किया गया. उन्होंने बताया कि उन्हें और उनकी छोटी बच्ची को गालियां दी गईं और धर्म के आधार पर सवाल किए गए. सफलता का कहना है कि उन्हें कभी किसी तरह का लालच नहीं दिया गया और न ही कोई धर्मांतरण हो रहा था; वे हर साल खुशी-खुशी इस कार्यक्रम में शामिल होती हैं.
बीजेपी नगर उपाध्यक्ष अंजू भार्गव ने मौके पर धर्मांतरण के आरोप लगाए, जबकि ईसाई समुदाय ने इन दावों को खारिज किया.
मामले को लेकर बीजेपी ने अंजू भार्गव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और सात दिनों के भीतर लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है.
बीजेपी जिला अध्यक्ष रत्नेश सोनकर ने द क्विंट को बताया कि वायरल वीडियो के आधार पर नोटिस जारी किया गया है और जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.
हालांकि, पुलिस की ओर से अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. गोरखपुर थाना प्रभारी नितिन कमल द क्विंट ने बताया कि किसी भी पक्ष की ओर से लिखित शिकायत नहीं मिली, इसलिए मामला दर्ज नहीं हो सका है.
ओडिशा के पूरी में क्रिसमस के दौरान सड़क किनारे सांता क्लॉज की पोशाक बेचने वाले दुकानदारों को कथित रूप से दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों ने रोक दिया. वायरल वीडियो में गौ सेवक राधा माधव दास और उनके सहयोगी एक बच्चे और एक दंपति को सांता क्लॉज की पोशाक बेचने से रोकते हुए नजर आ रहे हैं. वे इसका कारण जगन्नाथ मंदिर की भूमि बताते हुए कहते हैं कि यहां इस तरह का सामान नहीं बिकना चाहिए.
मामले पर पुरी के एसपी प्रतीक सिंह ने बताया कि पुलिस ने वायरल वीडियो का संज्ञान ले लिया है और यह जांच की जा रही है कि वीडियो कब रिकॉर्ड किया गया और इसमें दिखाई देने वाले लोग कौन हैं. उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना पुलिस की जिम्मेदारी है और किसी को भी जबरन या धमकाकर किसी का कारोबार बंद करवाने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
दिल्ली के लाजपत नगर के एक मार्केट में सांता क्लॉज की लाल टोपी पहने कुछ महिलाओं द्वारा पैम्पलेट बांटने को लेकर विवाद खड़ा हो गया. महिलाओं को त्योहार से जुड़ी जानकारी वाले पैम्पलेट बांटते देख कुछ स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई और उन पर धर्म प्रचार व धर्मांतरण की कोशिश का आरोप लगाया. इसके बाद महिलाओं से मार्केट छोड़ने को कहा गया.
वायरल वीडियो में कुछ लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि महिलाएं अपने धर्म से जुड़ा पर्चा बांट रही हैं और लोगों को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने वायरल दावों को भ्रामक बताया.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, यह घटना 21 दिसंबर की है और अमर कॉलोनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके की है. साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी हेमंत तिवारी ने मीडिया को बताया कि मौके पर केवल मामूली मौखिक बहस हुई थी, जिसे तुरंत सुलझा लिया गया. न तो किसी पक्ष ने शिकायत दर्ज की और न ही कोई पीसीआर कॉल की गई.
केरल के पलक्कड़ जिले में क्रिसमस कैरोल गा रहे बच्चों पर कथित हमले के मामले में एक RSS कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया. आरोपी की पहचान अश्विन राज के रूप में हुई, जिसने कथित तौर पर बच्चों के एक समूह पर हमला किया और उनका ड्रम तोड़ दिया. यह घटना 21 दिसंबर की रात पुथुस्सेरी इलाके में हुई.
कसाबा पुलिस ने बताया कि अश्विन राज हिस्ट्रीशीटर है और उसका नाम केरल एंटी-सोशल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट (KAAPA) के तहत दर्ज है. उस पर हत्या के प्रयास सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया.
केरल पोस्टल सर्किल में क्रिसमस समारोह को लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब RSS से संबद्ध मानी जाने वाली BMS यूनियन ने मांग रखी कि सरकारी डाक कार्यालय में आयोजित आधिकारिक क्रिसमस कार्यक्रम के दौरान "RSS गणगीत" गाया जाए. कर्मचारियों के एक वर्ग ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सरकारी दफ्तर किसी भी वैचारिक संगठन का मंच नहीं हो सकते और क्रिसमस एक धार्मिक पर्व है, जिसे किसी विचारधारा से जोड़ना संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना के खिलाफ है.
सीपीआई(एम) सांसद जॉन ब्रिटास ने केंद्रीय संचार मंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की, लेकिन वैचारिक दबाव को खारिज करने के बजाय डाक विभाग ने पूरा क्रिसमस समारोह ही रद्द कर दिया.
ब्रिटास ने आरोप लगाया कि इससे उन कर्मचारियों को "सजा" दी गई, जिन्होंने असहमति जताई, जबकि दबाव बनाने वाले दक्षिणपंथी समूहों को अप्रत्यक्ष रूप से संतुष्ट किया गया.
केरल में ऐसी भी खबरें सामने आईं कि कुछ स्कूलों ने आखिरी समय पर धार्मिक कारणों का हवाला देते हुए क्रिसमस सेलिब्रेशन रद्द कर दिया. इस पर केरल के केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कुछ निजी स्कूलों द्वारा क्रिसमस समारोह रद्द किए जाने की खबरों पर सख्त प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि केरल की धर्मनिरपेक्ष संस्कृति में इस तरह के कदम बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. मंत्री ने सभी स्कूलों को संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का पालन करने की चेतावनी दी और मामले की तत्काल जांच के निर्देश दिए.
'द कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया’ (सीबीसीआई) ने 23 दिसंबर को क्रिसमस के दौरान विभिन्न राज्यों में ईसाइयों पर कथित हमलों में "चिंताजनक" वृद्धि की निंदा की है. संगठन ने कहा कि ऐसी घटनाएं संविधान में निहित धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को गंभीर नुकसान पहुंचाती हैं.
सीबीसीआई ने मध्य प्रदेश के जबलपुर से सामने आए एक वीडियो पर गहरी चिंता जताई, जिसमें क्रिसमस कार्यक्रम में शामिल एक दृष्टिहीन महिला के साथ बीजेपी नेता अंजू भार्गव द्वारा कथित तौर पर अपमानजनक और हिंसक व्यवहार किया गया. संगठन ने इस मामले में अंजू भार्गव को बीजेपी से बर्खास्त करने की मांग की.
सीबीसीआई ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कानून का सख्त पालन सुनिश्चित करने और ईसाई समुदायों की सुरक्षा की अपील की, ताकि क्रिसमस शांतिपूर्वक मनाया जा सके. .
उत्तराखंड इनपुट: अर्चना