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डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में विचलित करने वाले संदर्भ हैं. दर्शक अपने विवेक का उपयोग करें.
बिहार के नवादा जिले में कथित मॉब लिंचिंग (Mob lynching) का मामला सामने आया है. रोह थाने के भट्टा गांव में 5 दिसंबर को हुई हिंसा में गंभीर रूप से घायल मोहम्मद अतहर हुसैन की इलाज के दौरान 12 दिसंबर की रात बिहार शरीफ सदर अस्पताल में मौत हो गई.
मृतक ने मौत से पहले 7 दिसंबर को नवादा सदर अस्पताल में कैमरे पर बयान दर्ज कराया था. अपने बयान में अतहर ने आरोप लगाया कि 4–5 लोगों ने उन्हें घेरकर पीटा, एक कमरे में ले जाकर कपड़े उतारकर उनकी धार्मिक पहचान जांची और इसके बाद गरम लोहे की रॉड, लाठी-डंडों और ईंट से बेरहमी से हमला किया.
पुलिस के मुताबिक, घटना के दौरान किसी ने डायल 112 पर सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घायल अतहर को अस्पताल पहुंचाया गया. हालत गंभीर होने पर उन्हें बाद में बिहार शरीफ सदर अस्पताल रेफर किया गया, जहां छह दिन बाद उनकी मौत हो गई.
अस्पताल में भर्ती अतहर हुसैन की तस्वीरें और शरीर पर चोट व कटने के निशान
द क्विंट को प्राप्त
मोहम्मद अतहर हुसैन नालंदा जिले के गगन दीवान गांव के निवासी थे. वे पिछले 10–12 वर्षों से नवादा जिले के अपने ससुराल, बरुई गांव में रहकर साइकिल पर फेरी लगाकर कपड़े बेचते थे. घटना वाले दिन भी वे कपड़े बेचने निकले थे.
उनके भाई मोहम्मद शाकिब के मुताबिक, अतहर ससुराल बरुई गांव से घर लौट रहे थे, तभी उनकी साइकिल खराब हो गई. पंचर की दुकान तलाशते समय भट्टा गांव में कुछ लोगों ने उनका नाम और पेशा पूछा और इसके बाद उन पर हमला कर दिया.
मृतक की पत्नी द्वारा दिए गए शिकायत में लिखा है, "भट्टा गांव के लोगों ने मेरे पति को चोरी के झूठे आरोप में पकड़ा, उन्हें बांधा, बेरहमी से पीटा, गर्म रॉड से दागा, उनका हाथ तोड़ दिया, प्लास से उनका कान काट दिया, और दूसरे तरीकों से भी उन्हें टॉर्चर किया."
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब वह अपने देवरों के साथ भट्टापार पहुंची, तो "गांव वालों ने उन्हें भी गाली दी और धमकी दी".
FIR का स्क्रीनशॉर्ट
आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 190, 191(2), 191(3), 126(2), 115(2), 118(1), 118(2), 117(2), 117(4), 109, 74, 303(2), 352 और 351(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मृतक की पत्नी शबनम ने द क्विंट से बताया कि मारपीट से पहले कुछ लोगों ने अतहर को घर जाते समय रास्ते में घेर लिया, उनका नाम पूछकर हमला किया. इसके बाद उनसे पैसे, साइकिल और कपड़े छीन लिए गए और जबरन एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया गया.
शबनम ने बताया कि पुलिस ने उन्हें पति की हालत या अस्पताल में भर्ती होने की कोई सूचना नहीं दी. अगले दिन जानकारी मिलने पर वे नवादा सदर अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें समय पर या सही इलाज नहीं मिला. परिवार ने निजी अस्पताल ले जाने की अनुमति मांगी, लेकिन पुलिस ने मना कर दिया. बाद में अतहर को पावापुरी और फिर बिहार शरीफ सदर अस्पताल ट्रांसफर किया गया, जहां सामान्य जांच के बाद उनकी मौत हो गई.
अतहर की पत्नी के मुताबिक मृतक परिवार में अकेला कमाने वाला था और उसके तीन बच्चे हैं.
शबनम के आरोपों पर रोह थाना प्रभारी रंजन कुमार ने द क्विंट को बताया कि सबसे पहले घायल को स्थानीय सरकारी अस्पताल ले जाया गया. वहां से रेफर होने के बाद उन्हें नवादा सदर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज किया गया. रंजन कुमार के मुताबिक, 11 दिसंबर को हालत बिगड़ने पर उन्हें पावापुरी रेफर किया गया.
थाना प्रभारी ने कहा कि इलाज से जुड़ी बाकी प्रक्रियाओं की जानकारी डॉक्टरों के पास होती है और मेडिकल ट्रीटमेंट को लेकर पुलिस की कोई भूमिका नहीं होती, इलाज डॉक्टर ही देख रहे थे.
5 दिसंबर को मोहम्मद अतहर के साथ मारपीट की घटना हुई. अगले दिन सुबह आरोपी सिकंदर यादव ने अतहर पर चोरी का आरोप लगाते हुए रोह थाने में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में आरोप लगाया गया कि रात करीब 10:15 बजे अतहर हुसैन ने उनके घर में घुसकर सोने का कंगन, मंगलसूत्र, चांदी की करधनी और पीतल के बर्तन चोरी किए. पकड़े जाने के दौरान हुसैन ने सत्यनारायण पर रॉड से हमला किया, जिससे वह घायल हो गया.
हालांकि, मृतक की पत्नी शबनम आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताती हैं. उनका कहना है कि मारपीट के बाद जब उनके पति घायल हो गए, तो आरोपियों ने बचने के लिए कमरे का दरवाजा खोलकर अपना सामान बिखेर दिया ताकि चोरी का आरोप लगाया जा सके.
FIR का स्क्रीनशॉर्ट
रोह थाना प्रभारी रंजन कुमार ने द क्विंट को बताया कि अतहर हुसैन पर चोरी के आरोप के सिलसिले में ही मारपीट की गई थी. उन्होंने कहा कि इस मामले में अब चार नामजद आरोपियों समेत कुल आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और बाकी आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.