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अयोध्या मर्डर केस: छेड़छाड़ का आरोप, फिर दलित युवती की हत्या- जानिए पूरी कहानी

Ayodhya Dalit Murder Case: अयोध्या दलित युवती हत्या मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

मोहन कुमार
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>अयोध्या दलित युवती हत्या मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.</p></div>
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अयोध्या दलित युवती हत्या मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

(फोटो: क्विंट हिंदी द्वारा प्राप्त)

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"हमारी मांग है कि इन्हें (आरोपियों) मौत की सजा दी जाए. इन्हें फांसी की सजा होनी चाहिए, जिससे की दूसरे की बहन-बेटियां सुरक्षित रह सकें."

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से ये गुहार एक दलित पिता की है. जिनकी बेटी का शव गांव से करीब 700 मीटर दूर नहर में मिला. मामला अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र का है. जहां 21 वर्षीय दलित युवती की हत्या कर दी गई. परिवार का आरोप है कि रेप के बाद युवती की हत्या की गई है. हालांकि पुलिस ने कहा कि रेप की जानकारी नहीं है. इस मामले में पुलिस ने सोमवार, 3 फरवरी को 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया.

क्यों हुई युवती की हत्या?

द क्विंट से बातचीत में सर्किल ऑफिसर (सीओ), अयोध्या आशुतोष मिश्रा ने बताया, "लगभग दो महीने पहले मृतका के परिवार वालों ने आरोपियों में से एक दिग्विजय सिंह उर्फ दुर्विजय बाबा पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. क्योंकि इससे आरोपी की समाज में बेइज्जती हुई थी, वह इस बात से गुस्से में था. जिसके बाद उसने दो अन्य आरोपियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया."

पुलिस ने दिग्विजय सिंह उर्फ दुर्विजय बाबा, हरीराम कोरी और विजय साहू को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मृतका के पहने हुए कपड़े, वारदात के समय आरोपियों के पहने हुए जैकेट बरामद किए हैं. एक आरोपी ने अपनी जैकेट जला दी थी.

द क्विंट से बातचीत में मृतका की बड़ी बहन ने बताया, "हमारे बड़े भाई और आरोपी दिग्विजय के बीच झगड़ा हुआ था. इसके अलावा दो अन्य आरोपियों के साथ हमारा कभी कोई विवाद नहीं था."

अयोध्या एसएसपी राज करन नय्यर ने बताया कि तीनों आरोपी उसी गांव के हैं और उन्होंने अपना जुर्म कबूल किया है. मामले में संबंधित धाराएं जोड़ी जा रही हैं और आगे की कार्रवाई जारी है. उन्होंने कहा, "गुस्से में आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया है. तीनों आरोपियों ने शराब पी रखी थी और नशे की हालत में थे. उसी दौरान ये वारदात हुई है."

परिवार ने लगाया रेप का आरोप

परिवार के मुताबिक, युवती की आंखें निकाल ली गई थी. चेहरे और शरीर पर ब्लेड मारने के कई निशान थे. परिवार का कहना है कि उसके हाथ-पैर टूटे हुए थे और प्राइवेट पार्ट्स पर भी चोट के निशान थे. युवती का हाथ-पैर बंधा हुआ था.

मृतका की बहन ने बताया, "ऐसी स्थिति में बॉडी मिली, जो देखने लायक नहीं थी. हाथ-पैर पेड़ के लत्तड़ से बंधे हुए थे. शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था."

इस मामले में मृतका के परिवार ने रेप का आरोप भी लगाया है. क्विंट हिंदी से बातचीत में बड़ी बहन ने कहा, "बॉडी देखकर हमें लगा कि उसके साथ रेप हुआ है."

एसएसपी राज करन नय्यर ने रेप के आरोपों पर कहा, "हमें जो साक्ष्य मिले हैं और बीएनएस में जो परिभाषा है, उसके आधार पर संबंधित धाराओं को जोड़ा जा रहा है. आरोपियों ने अभी इस बात को कबूला नहीं है. लेकिन हम इसको लेकर पूछताछ कर रहे हैं."

सीओ अयोध्या ने बताया कि "पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है, जिसमें 18 चोटों की पुष्टि हुई है. रेप की जानकारी नहीं है. पुलिस ने प्राइवेट पार्ट के स्वैब लिए हैं, उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि रेप हुआ था या नहीं."

इससे पहले एसएसपी आंखे फोड़ने वाली बात का खंडन किया था. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, "आंख फोड़ने वाली बात बिल्कुल गलत है. मैं इसका खंडन करता हूं. जो बॉडी यहां से गई थी, उसमें आंख फोड़ने वाली कोई बात नहीं है."

इसके साथ ही उन्होंने हाथ-पैर टूटने की बात से भी इनकार किया था. उन्होंने कहा, "इसमें कोई सत्यता नहीं है." उन्होंने आगे कहा, "घटनास्थल अलग है. बॉडी कहीं और मिली है. कुछ पोस्टमॉर्टम चोटें भी होती हैं, जो हो सकता है घटनास्थल तक बॉडी को लाते समय लगी हों. आप जैसा कह रहे हैं वैसी कोई चीज नहीं है."

इस मामले में शनिवार, 31 जनवरी को परिवार ने कोतवाली थाने में एक शिकायत दी थी. जिसके आधार पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ बीएनएस की धारा-87 (किसी महिला का अपहरण करना, उसे भगा ले जाना या विवाह के लिए मजबूर करना आदि) के तहत मामला दर्ज किया था.

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"जागरण देखने गई थी- शव मिला"

मृतका की बड़ी बहन ने द क्विंट से बातचीत में बताया, "गुरुवार (30 जनवरी) को हमारे गांव में जागरण का आयोजन हुआ था. खाना खाने के बाद वो रात में जागरण देखने गई थी. हम लोगों को लगा कि जागरण देखने के बाद आ जाएगी. हम लोग सो गए थे. जब सुबह जागे तो देखे कि वो घर में नहीं है. उसके बाद हम लोग उसको गांव के आस-पास खेतों में ढूंढने लगे, लेकिन उसका कुछ नहीं पता चला."

मृतका के छोटे भाई ने द क्विंट से बातचीत में बताया,

"जब वो घर नहीं लौटी तो हम लोगों ने शुक्रवार, 31 जनवरी की सुबह से उसकी खोजबीन शुरू की. हमारे गांव में एक बगिया है. हम लोग वहीं ढूंढ़ने गए थे. वहीं पर हमें उसका फटा हुआ कपड़ा मिला. उसके बगल में ही 10 मीटर की दूरी पर एक स्कूल है, उसके शौचालय में हमें खून के निशान मिले."

परिवार वालों के मुताबिक, शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे, घर से लगभग 400 मीटर दूर झाड़ियों में मृतका के फटे हुए कपड़े मिले थे. मंजन के दो पैकेट भी मिले थे. वहीं से कुछ दूरी पर स्कूल के शौचालय में खून से सनी एक बोरी मिली थी. जिसके बाद परिजनों ने 100 नंबर पर फोन कर पुलिस को मामले की जानकारी दी.

मृतका के भाई ने बताया कि दोपहर करीब 1 बजे पुलिस आई थी. तलाशी के दौरान रास्ते में भी खून के दाग मिले. पुलिसवालों ने फोटो भी लिया था.

शनिवार को मिली बॉडी, क्या पुलिस से हुई लापरवाही?

मृतका की बड़ी बहन ने बताया, "शाम को अंधेरा होने के बाद हम लोग लौट आए थे. अगले दिन शनिवार को मैंने अपने भाइयों को फिर से ढूंढने के लिए भेजा. पहले दिन खून के निशान मिले थे, इसलिए हमें लग रहा था कि बॉडी भी हो सकती है. फिर हमें जाकर बॉडी मिली."

मृतका की बहन ने बताया कि सुबह करीब साढ़े 8 बजे जब बॉडी मिली, उस दौरान पुलिस मौके पर मौजूद नहीं थी. पुलिस को दोबारा फोन कर जानकारी दी गई, तब पुलिस आई. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिसवालों ने उनके परिवार से कहा था कि वो रातभर तलाशी अभियान चला रहे थे.

हालांकि, समाजवादी पार्टी (एसपी) सुप्रीमो अखिलेश यादव और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने ट्वीट किया, "बच्ची तीन दिन से गायब थी लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया. बीजेपी के जंगलराज में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और गरीबों की चीख कोई सुनने वाला नहीं है. यूपी सरकार दलितों पर अत्याचार का पर्याय बन गई है."

वहीं अखिलेश यादव ने कहा, "हम उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करते है कि जो दोषी हैं और जिन पुलिसकर्मियों ने इस मामले में लापरवाही बरती है, उन सबके ख़िलाफ़ कठोरतम कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवार को तत्काल 1 करोड़ का मुआवज़ा दिया जाए."

सीओ आशुतोष मिश्रा ने दावा कहते हुए कहा, "पुलिस ने परिजनों को साथ लेकर पूरी रात सर्च ऑपरेशन चलाया है." इसके साथ ही उन्होंने कहा, "परिजनों से मेरी बात हुई थी, उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं बताई है कि पुलिस की ओर से डिले हुआ है."

मृतका के परिजनों ने भी पुलिस की ओर से किसी तरह की लापरवाही से इनकार किया है.

पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से 4 लाख और जिला प्रशासन की ओर से 1 लाख की आर्थिक मदद दी गई है.

शनिवार, 1 फरवरी को पोस्टमॉर्टम के बाद युवती का अंतिम संस्कार हुआ.

उपचुनाव से पहले सियासत

मिल्किपुर विधानसभा उपचुनाव के बीच इस मामले को लेकर राजनीति भी जारी है. इस घटना पर समाजवादी पार्टी के नेता और फैजाबाद से लोकसभा सांसद अवधेश प्रसाद ने रोते हुए कहा कि इंसाफ नहीं मिला तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.

वहीं सीएम योगी ने कहा, "अयोध्या में एक बेटी के साथ घटना घटित हुई है. जांच जब निचले स्तर पर जाएगी, जो नौटंकी आज इनका सांसद कर रहा है, याद करना उसमें भी कोई न कोई समाजवादी पार्टी का दरिंदा जरूर शामिल होगा."

योगी मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे.

(इनपुट- संदीप श्रीवास्तव)

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