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2020 दिल्ली दंगों की साजिश से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम, खालिद सैफी, गुलफिशा फातिमा और अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है.
जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की डिवीजन बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा, "सभी अपीलें खारिज की जाती हैं."
अन्य आरोपी जिनकी याचिका खारिज हुई है, उनमें अतर खान, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, मीरान हैदर और शादाब अहमद शामिल हैं.
इसी मामले में सह-आरोपी तस्लीम अहमद को भी जमानत देने से दिल्ली हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की एक अन्य बेंच ने जमानत याचिका खारिज कर दिया.
बता दें कि सभी अभियुक्तों ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था.
9 जुलाई 2025 को जस्टिस चावला और जस्टिस कौर की बेंच ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट के फैसले से एक बार फिर सभी आरोपियों को झटका लगा है.
फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे हुए थे. लगातार तीन दिन तक हुई हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे. खजूरी खास, भजनपुरा, गोकुलपुरी और जाफराबाद इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे.
यह दंगे उस समय हुए जब शहर के अलग-अलग हिस्सों में विवादित नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ लंबे समय से प्रदर्शन चल रहे थे.
आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 और गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. इस मामले में 12 आरोपी जेल में हैं, जबकि 6 आरोपियों को पहले ही जमानत मिल गई थी.