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Drop The Ink

क्या आप पहली बार वोट डालने जा रहीं है? कौन सा मुद्दा है जो आपके लिए सबसे ज्यादा मायने रखता है? उस मुद्दे पर इंक गिराएं या वो मुद्दा जोड़ें जिससे हम चूक गए हों. आप लाने जा रही हैं बदलाव, तो इंक गिराएं और हमें बताएं!

Drop the Ink पेज पर आप जिन मुद्दों को देख रहे हैं वो उन युवा महिलाओं की राय दिखाते हैं, जिन्होंने द क्विंट के 'मी, द चेंज' कैंपेन में हिस्सा लिया है. साथ ही इनमें ऐसे मुद्दे भी शामिल हैं जो सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज(CSDS) के साथ मिलकर किए गए 'मी, द चेंज' सर्वे से निकलकर आए हैं.

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मिलिए इन कामयाब महिलाओं से

अंशु राजपूत

बिजनौर, उत्तरप्रदेश

21 साल की अंशु की उम्र उस समय 15 साल थी. वो बेखबर अपने घर के बाहर सो रही थीं और उसी वक्त एक पड़ोसी ने उन पर तेजाब फेंक दिया. इस हादसे के बाद उनकी जिंदगी ने बुरी करवट ली. लेकिन आज वो दूसरों की जिंदगी बेहतर बनाने में जुटी हैं. और पढ़ें

क्या आप पहली बार वोट डालने जा रहीं किसी ऐसी महिला को जानते हैं
जो ला रही हैं समाज में बदलाव

"जब हमें फायदा ही नहीं मिला तो हम स्कीम के बारे में कैसे बात कर सकते हैं? सरकार दावे कर सकती है लेकिन उन्हें पूरा करना ज्यादा अहम है."

"सरकार को जाॅब मार्केट पर जोर देना चाहिए"

रायपुर, छत्तीसगढ़

16 नवंबर 2018 को रायपुर के नगरपालिका निगम के पास चौपाल लगाई गई. क्या चाहती हैं रायपुर में पहली बार वोट डालने जा रही महिलाएं? और पढ़ें

  • ज्यादा से ज्यादा नौकरियां और समान अवसर
  • ना हो मोरल पुलिसिंग और ना ही लगाई जाएं पाबंदियां

"जेंडर आधारित भेदभाव सबसे बड़ी परेशानी"

इंदौर, मध्य प्रदेश

22 नवंबर 2018, इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की युवा लड़कियों ने साथ आकर रखी बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और नौकरियों की मांग. और पढ़ें

  • सुरक्षा के बेहतर इंतजाम
  • शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण नीतियों पर हो फिर से विचार

"गांवों में बाल विवाह को खत्म कराना होगा"

जोधपुर, राजस्थान

राजस्थान- जोधपुर के मंदोर गार्डन में 5 दिसंबर 2018 को लगी चौपाल. द क्विंट के साथ बातचीत में युवा वोटरों ने बताई परेशानी- युवाओं को अपना गांव मजबूरन छोड़ना पड़ता है क्योंकि वहां शिक्षा की बेहतर सुविधा नहीं है. और पढ़ें

  • पानी की सप्लाई और बिजली जैसी आधारभूत सुविधाओं की कमी
  • चाहिए बाल विवाह से छुटकारा, जिसका चलन आज भी गांवों में है

"अगर मामला सुरक्षा का है तो लड़कों को भी अंदर बंद रखें"

तेलंगाना, हैदराबाद

29 नवंबर 2018 को हैदराबाद के सेंट्रल यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट ग्रुप के साथ लगी चौपाल. और ये रहे वो मुद्दे जो तेलंगाना में पहली बार वोट डालने वालों के लिए है अहम. और पढ़ें

  • लड़कियां अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और उनकी कम उम्र में शादी ना हो
  • सेक्सुअल हैरेसमेंट और हिंसा के खिलाफ लड़कियों को ज्यादा से ज्यादा जागरुक किए जाने की जरूरत
"सबसे बड़ी परेशानी जेंडर के आधार पर किया जाने वाला भेदभाव है. उदाहरण के लिए, अगर कोई लड़का देर तक बाहर रहता है, तो उसके माता-पिता के लिए ये सामान्य सी बात है लेकिन जब एक बेटी ऐसा करे, तो वे उसे 10 बार कॉल करेंगे. ऐसा क्यों होता है? हमें बराबर मौका दिया जाना चाहिए."