ना पापा के दुलारी
ना केकरो सपना के रानी
बनिह त बनिह ए बहिना "झाँसी के रानी"
ना घूंघट , ना बुरका
ना मेंहदी , न लाली
बनिह त बनिह ए बहिना ,रजिया सुल्ताना दिल्लीवाली
ना डर होखे , ना भय होखे
ना संकोचे , ना गम
बनिह त बनिह ए बहिना एम सी मैरी कॉम
ना माई , ना चाची
ना फूआ , ना भौजाई
बनिह त बनिह ए बहिना जवन मन में तहरा आई
ना पापा की दुलारी
ना किसी के सपनों की रानी
बनना तो बनना ओ बहना "झाँसी की रानी"
ना घूंघट, ना बुरका
ना मेंहदी , न लाली
बनना तो बनना ओ बहना ,
रज़िया सुल्ताना दिल्लीवाली
ना डर हो, ना भय हो
ना संकोच हीं , ना गम
बनना तो बनना ओ बहना एम सी मैरी कॉम
ना माँ, ना चाची
ना फूआ , ना भौजाई
बनना तो बनना ओ बहना, जो मन में तेरे आये
(This article was sent to The Quint by Kavi Keshav for our Independence Day campaign, BOL – Love your Bhasha. Kavi is an IT engineer.
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