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रक्षाबंधन: बनिह त बनिह ए बहिना जवन मन में तहरा आई

बनना तो बनना ओ बहना “झाँसी की रानी”

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BOL
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BOL LOVE YOUR BHASHA

ना पापा के दुलारी
ना केकरो सपना के रानी
बनिह त बनिह ए बहिना "झाँसी के रानी"
ना घूंघट , ना बुरका
ना मेंहदी , न लाली
बनिह त बनिह ए बहिना ,रजिया सुल्ताना दिल्लीवाली
ना डर होखे , ना भय होखे
ना संकोचे , ना गम
बनिह त बनिह ए बहिना एम सी मैरी कॉम
ना माई , ना चाची
ना फूआ , ना भौजाई
बनिह त बनिह ए बहिना जवन मन में तहरा आई

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ना पापा की दुलारी
ना किसी के सपनों की रानी
बनना तो बनना ओ बहना "झाँसी की रानी"
ना घूंघट, ना बुरका
ना मेंहदी , न लाली
बनना तो बनना ओ बहना ,
रज़िया सुल्ताना दिल्लीवाली
ना डर हो, ना भय हो
ना संकोच हीं , ना गम
बनना तो बनना ओ बहना एम सी मैरी कॉम
ना माँ, ना चाची
ना फूआ , ना भौजाई
बनना तो बनना ओ बहना, जो मन में तेरे आये

(This article was sent to The Quint by Kavi Keshav for our Independence Day campaign, BOL – Love your Bhasha. Kavi is an IT engineer.

Would you like to contribute to our Independence Day campaign to celebrate the mother tongue? Here's your chance! This Independence Day, khul ke bol with BOL – Love your Bhasha. Sing, write, perform, spew poetry – whatever you like – in your mother tongue. Send us your BOL at bol@thequint.com or WhatsApp it to 9910181818.)

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