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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें देखा जा सकता है कि खाने - पीने की होटलों के पास अचानक भगदड़ मचती है और फिर फायरिंग होती है. वीडियो उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के बरेली का है.
दावा : वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बरेली के बारादरी में मुस्लिम इलाके में घुसकर जबरन रंग लगाने के लिए फायरिंग की गई.
क्या ये सच है ? : नहीं, बरेली के बारादरी में हुई इस घटना को झूठा सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है. मामले में जिन दो पक्षों के बीच झड़प हुई वो दोनों ही मुस्लिम समुदाय से हैं.
बरेली पुलिस ने ये पुष्टि की है कि मामला दो पक्षों के बीच हुए विवाद का है और इसमें फायरिंग करने वाले आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है.
बारादरी थाने में दर्ज FIR से भी पुष्टि हो रही है कि मामले में शिकायतकर्ता और आरोपी दोनों मुस्लिम समुदाय से हैं.
शिकायतकर्ता ने क्विंट हिंदी से बातचीत में भी ये बताया कि मामला सांप्रदायिक नहीं है. उनपर कथित तौर पर फायरिंग करने वाला शख्स उन्हीं के समुदाय से है.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : हमें दावे के साथ X पोस्ट पर शेयर किए गए वीडियो पर आया बरेली पुलिस का जवाब दिखा. जहां पुलिस ने स्पष्ट किया है कि ये एक ही समुदाय के दो पक्षों के बीच हुए विवाद का वीडियो है. पुलिस ने इस जवाब में ये भी बताया है कि फायरिंग के दौरान किसी को गोली नहीं लगी.
मामले पर बरेली पुलिस का जवाब
सोर्स : स्क्रीनशॉट/X/Altered by Quint Hindi
बरेली की DSP अनीता चौहान का बयान भी हमें मिला, जिसमें वो बता रही हैं कि बारादरी थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है.
हमने मामले को लेकर बारादरी थाने में दर्ज FIR देखी, यहां तीन आरोपियों में से 2 नामजद और एक अज्ञात है. दोनों नामजद आरोपी मुस्लिम समुदाय से ही हैं.
मामले को लेकर दर्ज FIR (निजता का ध्यान रखते हुए पते को हमने ब्लर किया है)
सोर्स : Accessed by Quint Hindi
शिकायतकर्ता ने हमें क्या बताया ? : हमने इस मामले में शिकायतकर्ता तौसीफ से संपर्क किया. उन्होंने पुष्टि की कि वीडियो उसी घटना का है जिसके चलते उनपर हमला हुआ था. तौसीफ ने हमें बताया कि -
तौसीफ के दोस्त का आरोपी अरमान से विवाद चल रहा था.
तौसीफ के मुताबिक जब वो अपने दोस्त के साथ खाना खाने होटल पर गए तभी आरोपी अरमान ने आकर उनके दोस्त को धमाना शुरू कर दिया.
तौसीफ का आरोप है कि जब उन्होंने बीच बचाव करने की कोशिश की तो अरमान और उनके साथ आए लोगों ने फायरिंग कर दी, जिसके बाद वो अपनी जान बचाने के लिए भागे.
शिकायतकर्ता तौसीफ ने पुष्टि की है कि आरोपी पक्ष उन्हीं के समुदाय का है और ये कोई सांप्रदायिक मामला नहीं है.
निष्कर्ष : मतलब साफ है, सोशल मीडिया पर बरेली के बारादरी में हुई फायरिंग के वीडियो को गलत सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)