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बांग्लादेश में हुई हिंसा का दौर थम गया है लेकिन बांग्लादेश में जुड़ी घटनाओं को लेकर फैल रही भ्रामक खबरों और दावों का दौर अभी भी जारी है. राकेश टिकैत से लेकर संभल में हुई हिंसा के बारे में भी भ्रामक दावे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. जानिए इस हफ्ते वायरल हुए भ्रामक दावों का सच एक नजर में.
हाथ में बांग्लादेशी झंडा पकड़े हुए और तिरंगे पर पैर रखे हुए एक शख्स की फोटो वायरल है. इसे असली फोटो को बताकर शेयर किया जा रहा है.
वायरल फोटो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स की मदद से बनाई गई है. हमें फोटो में कई विसंगतियां मिलीं, जिन्हें आमतौर पर AI से बनी तस्वीरों में आसानी से पकड़ा जा सकता है.
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बांग्लादेश में चल रही साम्प्रदायिक अशांति के बीच सोशल मीडिया पर एक विचलित करने वाला वीडियो सामने आया है. वीडियो को बांग्लादेश का बताते हुए कैप्शन में दावा किया गया है कि वहां हिंदुओं के खिलाफ हिंसा इस हद तक बढ़ गई है कि उन्हें जलाया जा रहा है.
यह दावा गलत है. वीडियो 2018 से इंटरनेट पर है. वीडियो चीन का है जहां हैलोवीन के दौरान एक एंटरटेनमेंट पार्क में पुतलों को जलाया जा रहा था.
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें घी के कुछ डिब्बों से हथियार मिलते दिख रहे हैं. इस पोस्ट को शेयर का दावा किया जा रहा है कि घी के डिब्बों के अंदर मुस्लिम समुदाय के लोग हथियार सप्लाई कर रहे थे.
यह दावा सही नहीं है. यह वीडियो हालिया नहीं है बल्कि पांच साल पुराना है. आरोपियों की पहचान मध्य प्रदेश के भिंड के रहने वाले जितेंद्र उर्फ जीतू और आगरा के राज बहादुर के रूप में हुई थी.
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें कुछ पुलिसकर्मी लोगों को लाठियों से पीट रहे हैं. इसे शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हालिया हिंसा के हैं.
यह दावा झूठा है. यह वीडियो 2019 का है, जब यूपी के गोरखपुर में पुलिस और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध कर रहे लोगों के बीच झड़प हुई थी. पुराने वीडियो को हालिया संभल हिंसा से जोड़कर भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.
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सोशल मीडिया पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत पर कर्नाटक में हुए हमले के वीडियो भ्रामक दावों के साथ वायरल हो रहे हैं. वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह कर्नाटक की हालिया घटना है.
यह दावा सही नहीं है. यह वीडियो हालिया नहीं बल्कि 2 साल पुराना है.यह क्लिप तीन अलग-अलग वीडियो को मिलाकर बनाई गई है. ऊपर की दोनों क्लिप कर्नाटक में टिकैत पर हुए हमले की है जबकि अंतिम क्लिप दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर की है.
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‘राष्ट्रीय उजाला’ अखबार की बताई जा रही खबर की एक फोटो वायरल हो रही है. इस कथित खबर में बताया गया है कि मौलाना सज्जाद नोमानी ने यह बयान दिया है कि अगर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) की सरकार बनती है, तो वह किसानों की जमीन और धार्मिक स्थलों (हिंदू) को वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर करने की मांग करेंगे.
यह अखबार की क्लिपिंग फर्जी है. ‘राष्ट्रीय उजाला’ ने साफ किया है कि उन्होंने ऐसा कोई लेख नहीं छापा है. मौलाना सज्जाद नोमानी ने भी साफ किया कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.
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